देहरादून: लेखपाल-पटवारी पेपर लीक मामले में एसटीएफ से विशेष एसआईटी को जांच ट्रांसफर करने के मामले में उठ रहे सवालों के बीच पुलिस मुख्यालय ने सफाई दी है. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी. मुरुगेशन ने जांच ट्रांसफर पर सवाल उठाने वाली बातों को अनर्गल और बेबुनियाद बताया है. उनका कहना है कि एसटीएफ के जांच अधिकारियों के साथ मिलकर ही इस स्पेशल एसआईटी का गठन किया गया है, और उनकी भूमिका इस जांच को अंजाम तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण रहेगी.
दरअसल, कुछ ऐसी खबरें सामने आईं थी जिसमें इस जांच को कमजोर करने के लिए एसटीएफ से एसआईटी को सौंपने की बात कही गई थी, लेकिन इस विषय पर पुलिस मुख्यालय ने सफाई दी है. मुख्यालय ने बताया है कि मामला हरिद्वार राज्य लोक सेवा आयोग से जुड़ा है. मुकदमा कनखल थाने में ही दर्ज है. सभी तरह के दस्तावेज व सबूत सहित आरोपी भी हरिद्वार से जुड़े हैं. केस भी हरिद्वार कोर्ट में प्रचलित है.
इतना ही नहीं, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) जैसे बड़े भर्ती घोटालों का पर्दाफाश करने वाले तत्कालीन एसटीएफ आईपीएस अजय सिंह वर्तमान में हरिद्वार एसएसपी के पद पर तैनात हैं. यही कारण है कि उनके नेतृत्व में विशेष एसआईटी गठन किया गया है, ताकि SIT पारदर्शी और प्रोफेशनल तरीके से विवेचना कर प्रभावी कार्रवाई को अंजाम तक पहुंचा सके. वहीं, इस विशेष SIT में एसटीएफ के जांच अधिकारी भी शामिल हैं.
जांच ट्रांसफर को लेकर भ्रामक खबरें निराधार: एडीजी ने कहा कि UKSSSC जैसे भर्ती घोटालों का पर्दाफाश करने वाले आईपीएस अजय सिंह का प्रोफेशनल पुलिसिंग का अनुभव इस जांच में भी बेहद महत्वपूर्ण रहेगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कड़े दिशानिर्देश अनुसार पुलिस विभाग पूरे घोटाले की परत दर परत और गहराई में जाकर आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए कटिबद्ध है.
इसे भी पढ़ें- Uttarakhand Patwari Exam: पटवारी पेपर लीक मामले में 7 गिरफ्तार, अब 12 फरवरी को दोबारा होगी परीक्षा
बता दें कि पिछले दिनों एसआईटी ने 8 जनवरी 2023 को राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित लेखपाल-पटवारी पेपर लीक मामले का खुलासा करते हुए आयोग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी सहित 7 लोगों को परीक्षा घोटाले का आरोपी मानते हुए गिरफ्तार कर जेल भेजा था. इतना ही नहीं, एसटीएफ ने आयोग के मुख्य आरोपी संजीव चतुर्वेदी के कब्जे से लाखों रुपए परीक्षा पेपर वसूली के रूप में साक्ष्य भी एकत्र किए थे.
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री के कड़े निर्देश के अनुसार पुलिस मुख्यालय ने इस पूरे प्रकरण की गहराई तक जांच करने के लिए एसटीएफ के अधिकारियों सहित एक विशेष एसआईटी का गठन किया. इस SIT का नेतृत्व उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक का खुलासा करने वाले हरिद्वार एसएसपी अजय सिंह को सौंपी गई है.
गौर हो कि, पटवारी भर्ती की परीक्षा राज्य लोक सेवा आयोग उत्तराखंड (UKPSC) ने 8 जनवरी 2023 को करवाई थी. एसटीएफ को इस परीक्षा के पेपर लीक से जुड़ी जानकारी मिली थी, जिसके बाद जांच शुरू की गई. इस संबंध में STF ने लोक सेवा आयोग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है. संजीव चतुर्वेदी के पास से प्रश्न पत्र लीक करने के बाद मिले 22 लाख 50 हजार रुपए बरामद किए गये हैं.
- अबतक गिरफ्तार सात आरोपी- संजीव चतुर्वेदी, अनुभाग अधिकारी, अतिगोपन अनुभाग 3, राज्य लोक सेवा आयोग, उत्तराखंड, हरिद्वार.
- रितु पत्नी संजीव चतुर्वेदी.
- राजपाल पुत्र स्व. फूल सिंह निवासी ग्राम कुलचंदपुर उर्फ नथौडी थाना गागलहेडी, सहारनपुर (यूपी) हाल निवासी ग्राम सुकरासा अम्बूवाला, थाना पथरी, हरिद्वार.
- संजीव कुमार पुत्र स्व. मांगेराम निवासी ग्राम कुलचन्दपुर उर्फ नथौडी थाना गागलहेडी सहारनपुर (यूपी) हाल निवासी फ्लैट नं. जी 407 जर्स कंट्री ज्वालापुर,ज्वालापुर, हरिद्वार.
- रामकुमार पुत्र सुग्गन सिंह निवासी ग्राम सेठपुर, लक्सर, हरिद्वार.
- मनीष कुमार निवासी गंगनहर, कोतवाली रुड़की.प्रमोद निवासी लक्सर, हरिद्वार.
- प्रमोद निवासी लक्सर, हरिद्वार.