देहरादून: राजधानी का एक मात्र गांधी पार्क, जो कभी बुजुर्ग, युवा, महिलाओं और बच्चों से गुलजार रहता था. लेकिन कोरोना संकट के चलते ये पार्क 15 मार्च से बंद है. पिछले तीन महीने से पार्क में सन्नाटा पसरा हुआ है. लोगों को आस है कि जल्दी ही देश कोरोना संकट से उबरे और वे अपनी पुरानी जिंदगी में लौट सके. हालांकि नगर निगम की ओर से स्पष्ट निर्देश हैं कि जब तक जिला प्रशासन की अनुमति नहीं मिल जाती, पार्क नहीं खोला जाएगा.
देहरादून वासियों का कहना है कि गांधी पार्क बंद होने से उनकी दिनचर्याओं में बहुत फर्क पड़ा है. अब उन्हें जॉगिंग घरों की छतों पर करनी पड़ रही है. गांधी पार्क में ओपन जिम खुलने से बुजुर्ग और युवा यहां की सुविधाओं का लाभ उठाते थे, लेकिन फिलहाल पार्क बंद होने से ऐसा कुछ नहीं कर पा रहे हैं.
नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत जिलाधिकारी के पास अधिकार होता है कि कौन से संस्थान खुलेंगे और कौन से संस्थान बंद होंगे.
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हालांकि अनलॉक-1 में सरकार ने आम लोगों को काफी राहत तो दे दी है, लेकिन अभी स्थितियों को संभालने में वक्त लगेगा. सिनेमा हॉल, पर्यटन स्थल, जिम और सार्वजानिक पार्कों को खोलने की अनुमति नहीं है. करीब तीन महीने पहले हर दिन बच्चों के शोर और चहलकदमी के बीच दिखने वाला गांधी पार्क अभी शांत है. लोगों को पार्क खुलने का इंतजार है. अपनी जिंदगी को दोबारा पटरी पर लाने की फिक्र भी है. ये सबकुछ निर्भर करेगा जुलाई माह से, जब सरकार अनलॉक-2 जारी करेगी.