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देश की उन्नति के लिए गंगा घाट पर जलाए गए 251 दीए, की मंगल कामना

ऋषिकेश में वैदिक ब्राह्मण महासभा ने वैदिक नव संवत के मौके पर मां गंगा की विशेष पूजा-अर्चना करते हुए दीपदान किया. इस दौरान वैदिक ब्राह्मण महासभा के सदस्यों ने कहा कि एक ओर जहां विदेशों में भारतीय संस्कृति को अपनाया जा रहा हैं, वहीं भारत में लोग अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं.

वैदिक संवत्सर का आगाज
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Published : Apr 6, 2019, 7:51 PM IST

ऋषिकेशः पूरे देश में वैदिक संवत्सर का आगाज हो गया है. इसी के तहत वैदिक ब्राह्मण महासभा ने त्रिवेणी घाट पर गंगा की विशेष पूजा-अर्चना की. इस महासभा में 251 दीप जलाकर पूरे विश्व की मंगल कामना के लिए प्रार्थना किया गया.

जानकारी देते वैदिक ब्राह्मण महासभा के सदस्य.


शनिवार से हिंदू नव वर्ष के साथ चैत्र नवरात्रि भी शुरू हो चुकी है. इसी को लेकर पूरे देश में वैदिक ब्राह्मण महासभा ने वैदिक नव संवत के मौके पर मां गंगा की विशेष पूजा-अर्चना करते हुए दीपदान किया. इस दौरान वैदिक ब्राह्मण महासभा के सदस्यों ने बताया कि आज से नव वर्ष का आगाज हो गया है. इसलिए वो पूरे विश्व की मंगल कामना करते हैं. उन्होंने कहा कि एक ओर जहां विदेशों में भारतीय संस्कृति को अपनाया जा रहा हैं, वहीं भारत में लोग अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं.

ये भी पढे़ंः उत्तराखंडः नेताजी के भाग्य निर्धारण में महत्वपूर्ण होंगे युवा मतदाता, 78 लाख मतदाता बनेंगे भाग्य विधाता

उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में अनेक वैज्ञानिक तथ्य छिपे हैं. जिनका अध्ययन विदेशी कर रहे हैं. हमें अपनी संस्कृति को बचाना होगा साथ ही अपनी संस्कृति के प्रति लोगों को जागरूक करना होगा. वहीं, वैदिक ब्राह्मण महासभा के सदस्य वशिष्ट स्वरूप ब्रह्मचारी ने बताया कि यहां पर गंगा आरती की गई है. नेताओं की सदबुद्धि के लिए दीपदान किया गया है, जिससे वो अपना हित के बजाय राष्ट्र का विकास करें.

ऋषिकेशः पूरे देश में वैदिक संवत्सर का आगाज हो गया है. इसी के तहत वैदिक ब्राह्मण महासभा ने त्रिवेणी घाट पर गंगा की विशेष पूजा-अर्चना की. इस महासभा में 251 दीप जलाकर पूरे विश्व की मंगल कामना के लिए प्रार्थना किया गया.

जानकारी देते वैदिक ब्राह्मण महासभा के सदस्य.


शनिवार से हिंदू नव वर्ष के साथ चैत्र नवरात्रि भी शुरू हो चुकी है. इसी को लेकर पूरे देश में वैदिक ब्राह्मण महासभा ने वैदिक नव संवत के मौके पर मां गंगा की विशेष पूजा-अर्चना करते हुए दीपदान किया. इस दौरान वैदिक ब्राह्मण महासभा के सदस्यों ने बताया कि आज से नव वर्ष का आगाज हो गया है. इसलिए वो पूरे विश्व की मंगल कामना करते हैं. उन्होंने कहा कि एक ओर जहां विदेशों में भारतीय संस्कृति को अपनाया जा रहा हैं, वहीं भारत में लोग अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में अनेक वैज्ञानिक तथ्य छिपे हैं. जिनका अध्ययन विदेशी कर रहे हैं. हमें अपनी संस्कृति को बचाना होगा साथ ही अपनी संस्कृति के प्रति लोगों को जागरूक करना होगा. वहीं, वैदिक ब्राह्मण महासभा के सदस्य वशिष्ट स्वरूप ब्रह्मचारी ने बताया कि यहां पर गंगा आरती की गई है. नेताओं की सदबुद्धि के लिए दीपदान किया गया है, जिससे वो अपना हित के बजाय राष्ट्र का विकास करें.

Intro:ऋषिकेश---आज से नए वैदिक संवत्सर का आगाज हो गया है नए साल पर वैदिक ब्राह्मण महासभा ने ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर गंगा की विशेष पूजा अर्चना की इस दौरान महासभा में 251 दीप जलाकर पूरे विश्व की मंगल कामना के लिए प्रार्थना किया।




Body:वी/ओ-- वैदिक ब्राह्मण महासभा ने वैदिक नव संवत के अवसर पर मां गंगा की विशेष पूजा अर्चना करते हुए दीपदान किया इस दौरान उन्होंने कहा कि आज से नव वर्ष का आगाज हो गया है इसलिए वे पूरे विश्व की मंगल कामना करते हैं उन्होंने कहा कि एक और जहां विदेशों में भारतीय संस्कृति को विदेशी अपना रहे हैं उनके वेद पुराणों का अध्ययन कर रहे हैं ।


बाइट--जनार्दन केरवान(वैदिक ब्राह्मण महासभा,सदस्य)

बाइट-- वशिष्ट स्वरूप ब्रह्मचारी(वैदिक ब्राह्मण महासभा,सदस्य)



Conclusion:वी/ओ-- भारत में ही लोग अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं जबकि भारतीय संस्कृति में अनेक वैज्ञानिक तथ्य छिपे हैं जिनका अध्ययन विदेशी कर रहे हैं इसे हमें अपनी संस्कृति को बचाना होगा और इसी तरह से अपनी संस्कृति के प्रति लोगों की जागरूक करते रहना पड़ेगा।
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