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मसूरी में ध्वस्तीकरण प्लान का लोगों ने किया विरोध, जानें वजह

मसूरी लाइब्रेरी बस स्टैंड में प्रशासन की कार्रवाई का स्थानीय लोगों द्वारा विरोध करने का मामला सामने आया है. दरअसल छह दुकानें टैक्सी एसोसिएशन और गाइड यूनियन ऑफिस के साथ एमडीडीए के कैंप कार्यालयों को ध्वस्त किया जाना है. इससे स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर जबरदस्ती दुकानों और ऑफिस को ध्वस्त करने की कार्य योजना बनाने आरोप लगाया है.

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Published : Jul 4, 2023, 1:02 PM IST

मसूरी में प्रशासन की कार्रवाई का लोगों ने किया विरोध

मसूरी: पुरकुल रोपवे परियोजना के तहत मसूरी लाइब्रेरी बस स्टैंड पर छह दुकानें टैक्सी एसोसिएशन और गाइड यूनियन ऑफिस के साथ एमडीडीए के कैंप कार्यालयों को ध्वस्त किया जाना है. जिसको लेकर स्थानीय प्रशासन द्वारा सभी दुकानदारों के साथ टैक्सी एसोसिएशन गाइड एसोसिएशन को नोटिस देकर दुकानों और कार्यालयों को खाली करने के निर्देश दिए गए हैं. जिसके बाद सभी लोगों में प्रशासन के खिलाफ भारी आक्रोश है.

लोगों और एसडीएम के बीच हुई नोकझोंक: एसडीएम कार्यालय में आयोजित बैठक में स्थानीय लोगों ने प्रशासन द्वारा दुकानों को ध्वस्त किए जाने की कार्रवाई किए जाने का विरोध किया, जिसको लेकर लोगों और एसडीएम मसूरी के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई. लोगों ने कहा कि कई सालों से वह अपने परिवार के साथ दुकान और आवास में रहते आ रहे हैं. ऐसे में एकाएक बिना विस्थापन पॉलिसी और मुआवजा दिए प्रशासन द्वारा जबरदस्ती कर दुकानों को ध्वस्त करने की कार्य योजना बनाई जा रही है.

कोर्ट की शरण भी लेंगे स्थानीय निवासी: स्थानीय लोगों ने बताया कि नगर पालिका द्वारा कई सालों से उनसे उनकी दुकान और मकान का किराया भी वसूल किया जा रहा है, जिसको लेकर उनके पास रसीद भी है, लेकिन प्रशासन और नगर पालिका परिषद उन्हें विस्थापन करने के साथ मुआवजा देने की बात नहीं कह रही है. उन्होंने कहा कि वह प्रशासन द्वारा दुकानों को ध्वस्त किए जाने की कार्रवाई को लेकर वह कोर्ट की शरण भी लेंगे और अगर प्रशासन ने उनके साथ जोर जबरदस्ती की तो वह उसको लेकर उग्र आंदोलन करेंगे.
ये भी पढ़ें: अतिक्रमणकारियों ने पुलिस पर किया पथराव, होमगार्ड के सिर में लगी चोट

मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल और मसूरी कार ओनर्स एसोसिएशन के महासचिव सुंदर सिंह पंवार ने कहा कि प्रशासन द्वारा पालिका की दुकानों को हटाए जाने को लेकर पालिका प्रशासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा कोई पैरवी नहीं की जा रही है और ना ही उनके द्वारा प्रभावित लोगों के लिये कोई विस्थापन की पॉलिसी बनाई गई है. ऐसे में लग रहा है कि पालिका की मिलीभगत से उनकी दुकानों को ध्वस्त करने की तैयारी की जा रही है. जिसका वह विरोध कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें: दून में सरकारी भूमि पर बने मकानों को किया गया ध्वस्त, मसूरी में MDDA ने गौशाला और फ्लैट्स सील किए

मसूरी में प्रशासन की कार्रवाई का लोगों ने किया विरोध

मसूरी: पुरकुल रोपवे परियोजना के तहत मसूरी लाइब्रेरी बस स्टैंड पर छह दुकानें टैक्सी एसोसिएशन और गाइड यूनियन ऑफिस के साथ एमडीडीए के कैंप कार्यालयों को ध्वस्त किया जाना है. जिसको लेकर स्थानीय प्रशासन द्वारा सभी दुकानदारों के साथ टैक्सी एसोसिएशन गाइड एसोसिएशन को नोटिस देकर दुकानों और कार्यालयों को खाली करने के निर्देश दिए गए हैं. जिसके बाद सभी लोगों में प्रशासन के खिलाफ भारी आक्रोश है.

लोगों और एसडीएम के बीच हुई नोकझोंक: एसडीएम कार्यालय में आयोजित बैठक में स्थानीय लोगों ने प्रशासन द्वारा दुकानों को ध्वस्त किए जाने की कार्रवाई किए जाने का विरोध किया, जिसको लेकर लोगों और एसडीएम मसूरी के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई. लोगों ने कहा कि कई सालों से वह अपने परिवार के साथ दुकान और आवास में रहते आ रहे हैं. ऐसे में एकाएक बिना विस्थापन पॉलिसी और मुआवजा दिए प्रशासन द्वारा जबरदस्ती कर दुकानों को ध्वस्त करने की कार्य योजना बनाई जा रही है.

कोर्ट की शरण भी लेंगे स्थानीय निवासी: स्थानीय लोगों ने बताया कि नगर पालिका द्वारा कई सालों से उनसे उनकी दुकान और मकान का किराया भी वसूल किया जा रहा है, जिसको लेकर उनके पास रसीद भी है, लेकिन प्रशासन और नगर पालिका परिषद उन्हें विस्थापन करने के साथ मुआवजा देने की बात नहीं कह रही है. उन्होंने कहा कि वह प्रशासन द्वारा दुकानों को ध्वस्त किए जाने की कार्रवाई को लेकर वह कोर्ट की शरण भी लेंगे और अगर प्रशासन ने उनके साथ जोर जबरदस्ती की तो वह उसको लेकर उग्र आंदोलन करेंगे.
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मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल और मसूरी कार ओनर्स एसोसिएशन के महासचिव सुंदर सिंह पंवार ने कहा कि प्रशासन द्वारा पालिका की दुकानों को हटाए जाने को लेकर पालिका प्रशासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा कोई पैरवी नहीं की जा रही है और ना ही उनके द्वारा प्रभावित लोगों के लिये कोई विस्थापन की पॉलिसी बनाई गई है. ऐसे में लग रहा है कि पालिका की मिलीभगत से उनकी दुकानों को ध्वस्त करने की तैयारी की जा रही है. जिसका वह विरोध कर रहे हैं.
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