देहरादून: मई के महीने में रेल मंत्रालय और रेलवे बोर्ड की ओर से शुरू की गई महत्वाकांक्षी योजना एक स्टेशन एक उत्पाद शुरू की गई थी. इस योजना के तहत देहरादून रेलवे स्टेशन के लिए तो स्वयं सहायता समूह ने थोड़ी दिलचस्पी दिखाते हुए देहरादून रेलवे स्टेशन पर उत्तराखंड उत्पाद का एक स्टॉल लगाया है. लेकिन हर्रावाला, डोईवाला, मोतीचूर और रायवाला जैसी स्टेशनों पर स्टॉल लगाने के लिए कारोबारी नहीं मिल रहे हैं.
योजना के तहत स्थानीय कारोबारियों और स्वयं समूहों की ओर से अपने उत्पाद के स्टाल लगाए जा रहे हैं. रेलवे की ओर से 15 दिनों के लिए उत्पादों की स्टाल लगाने की अनुमति दी जा रही है. लेकिन हर्रावाला, डोईवाला, रायवाला और मोतीचूर रेलवे स्टेशन पर आवेदन के लिए बॉक्स तो रखे हैं. लेकिन किसी भी कारोबारी और स्वयं सहायता समूह का आवेदन नहीं आया है. देहरादून स्टेशन वाणिज्य अधिकारी एसके अग्रवाल ने बताया कि रेलवे बोर्ड की ओर से सही तरीके से इस योजना का प्रचार प्रसार नहीं हो पाया है. साथ ही छोटे स्टेशन होने के कारण भी आवेदन नहीं आए हैं.
एसके अग्रवाल ने बताया कि देहरादून रेलवे स्टेशन पर एक प्रार्थना पत्र प्राप्त हुई थी, जिसके बाद देहरादून रेलवे स्टेशन पर एक स्वयं समूह द्वारा स्टॉल लगाया गया है. हर्रावाला, डोईवाला, रायवाला और मोतीचूर रेलवे स्टेशन पर कोई भी प्रार्थना पत्र प्राप्त नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि योजना को लेकर लगातार समाचार पत्रों और मीडिया के जरिए लोगों को जानकारी दी जा रही है.
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क्या है एक स्टेशन एक उत्पाद योजना: स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही रोजगार के नए अवसर देने के उद्देश्य से महत्वाकांक्षी योजना शुरू की गई है. यात्रियों को संबंधित स्टेशनों के आसपास के जुड़े उत्पाद सस्ती कीमतों से मिल सके, इसके लिए रेलवे बोर्ड के निर्देश पर पूरे देश के 6 हजार से अधिक स्टेशनों पर एक स्टेशन एक उत्पाद योजना लागू की गई है.
मुरादाबाद मंडल में 122 स्टेशन पर यह योजना लागू की गई है. कारोबारियों और स्वयं सहायता समूह की ओर से अपने उत्पाद के स्टाल लगाए जा रहे हैं. रेलवे की ओर से 15 दिनों के लिए उत्पादों के स्टॉल लगाने की अनुमति दी जा रही है.