मसूरी: बुधवार को शहर के मॉल रोड के पास हुए हादसे में डंपर चालक रघुवीर सिंह (52) की मौत हो गई, जिसके बाद मसूरी और आसपास के क्षेत्रों में लोगों में भारी आक्रोश देखा गया. मसूरी में डंपर चालक का उप जिला चिकित्सालय में पोस्टमार्टम होने के बाद ग्रामीणों ने चालक का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया और टिहरी बाईपास रोड पर जाम लगाया. करीब 5 घंटे की मशक्कत के बाद पीड़ित परिवार और प्रशासन में सहमति बनी. पीड़ित परिवार को पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से कुल 20 लाख रुपये दिए जाएंगे, जिसमें से 5 लाख रुपये नकद दिए गए हैं.
गौर हो कि डंपर चालक की मौत के गुस्साए ग्रामीणों ने मांगें न माने जाने तक पोस्टमार्टम हाउस के पास टिहरी बाईपास रोड पर कुछ देर जाम लगाकर स्थानीय प्रशासन, लोक निर्माण विभाग और मसूरी नगर पालिका परिषद के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. ग्रामीणों के प्रदर्शन के दौरान सड़क पर दोनों ओर वाहनों का लंबा जाम लग गया, जिससे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा.
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ग्रामीणों का कहना था कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण मॉल रोड धंसी है और इसी कारण डंपर गिर गया और चालक की मौत हो गई. डंपर चालक घर में अकेला कमाने वाला था, उसके घर में चार छोटे बच्चे हैं और घर का पालन पोषण करने वाला कोई नहीं है. ग्रामीणों ने प्रशासन और संबंधित विभागों के अधिकारियों से मांग की है कि परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी और 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए. मांग पूरी न होने पर डंपर चालक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर अधिकारियों द्वारा पीड़ित परिवार को लिखित आश्वासन नहीं दिया गया तो वो डंपर चालक के शव को लेकर मसूरी के गांधी चौक पर राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर प्रदर्शन करेंगे.
ग्रामीणों और पीड़ित परिवार ने लोक निर्माण विभाग मसूरी, देहरादून विकास प्राधिकरण मसूरी और नगर पालिका के अधिकारियों की लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि मॉल रोड में अनियोजित तरीके से पुनर्निर्माण का काम किया जा रहा है, जिसका खामियाजा मसूरी की जनता के साथ पर्यटकों को भुगतना पड़ रहा है. ऐसे ही बुधवार शाम के समय मॉल रोड का एक भाग धंसने के कारण डंपर चपेट में आ गया, जिससे डंपर चालक की मौके पर मौत हो गई वहीं हेल्पर की हालत गंभीर बनी हुई है. ग्रामीणों ने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती वह अपने प्रदर्शन को जारी रखेंगे.
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एसडीएम मसूरी नंदन कुमार की नेतृत्व में करीब 5 घंटे के बाद प्रशासन और पीड़ित परिवार में मुआवजे को लेकर सहमति बनी. पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये देने और डेली वेजस पर परिवार के एक सदस्य को लोक निर्माण विभाग के ठेकेदार द्वारा नौकरी दी जाएगी. लोक निर्माण विभाग की ओर से पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपये नकद दिये गए व 15 लाख रुपये की किस्त बनाई गई जो हर माह दी जाएगी. इसके बाद ग्रामीण शव को लेकर गांव पहुंचे और यमुना नदी तट पर अंतिम संस्कार किया गया.