देहरादून: कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित मरीज एक-एक सांस को मोहताज हैं. अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजन ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिलिंग कराने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. इतना ही नहीं अगर कहीं ऑक्सीजन की रिफिलिंग की भी जा रही है तो वहां परिजनों को मजबूरन घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता है.
बात अगर राजधानी की करें तो देहरादून के विभिन्न ऑक्सीजन गैस सिलेंडर एजेंसियों के बाहर सुबह 6 बजे से लेकर रात 10 बजे तक लोग ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल कराने के लिए खड़े देखे जा सकते हैं. लक्खी बाग स्थित ऑक्सीजन गैस एजेंसी के बाहर खड़े लोगों से जब ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने बताया कि वह कई घंटों से ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल कराने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन एजेंसी में ऑक्सीजन ही उपलब्ध नहीं है.
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ऑक्सीजन सिलेंडर एजेंसी के संचालक तुषार बंसल ने कहा कि वह हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि लोगों को ऑक्सीजन समय पर मिल सके, लेकिन ऑक्सीजन सिलेंडर सेलाकुई से रिफिल होकर दून पहुंचता है. ऐसे में ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचने में समय लगता है. प्रतिदिन वह अपनी एजेंसी से 100 से अधिक लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर या ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल करके दे रहे हैं, लेकिन इस कार्य को करने में उनके सामने भी कई चुनौतियां खड़ी हो रही हैं. सबसे बड़ी समस्या ऑक्सीजन सिलिंडर की किल्लत है. जिसके लिए उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम करने की मांग की.
ऑक्सीजन सिलेंडर एजेंसी संचालक दीपक गुप्ता ने बताया कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए उनकी एजेंसी में काम करने वाले कई मजदूर अपने गंतव्यों को लौट चुके हैं. जिसकी वजह से स्टाफ की कमी हो रही है. इसके साथ ही कई बार बिजली आपूर्ति ना होने की वजह से भी ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल कराने में समय लग रहा है. जिसकी वजह से मजबूरन ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल कराने पहुंच रहे लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है. उन्होंने सरकार से मजदूर उपलब्ध कराने की मांग की. साथ ऑक्सीजन रिफिलिंग सेंटरों में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा.