ऋषिकेश: कृष्णा नगर कॉलोनी को नगर निगम में शामिल कराने का मुद्दा शांत होता नजर नहीं आ रहा है. जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं, वैसे-वैसे कॉलोनी वासियों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. स्थानियों ने आज इसके विरोध में जन आक्रोश रैली निकाली और सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया.
कृष्णा नगर कॉलोनी को नगर निगम में शामिल करने की मांग को लेकर निवासियों ने लोक निर्माण विभाग के अतिथि गृह से त्रिवेणी घाट तक जन आक्रोश रैली निकाली. उन्होंने जनप्रतिनिधियों के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया. साथ ही गांधी स्तंभ पर सांकेतिक रूप से धरना देकर प्रदर्शन भी किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
कॉलोनीवासियों ने कहा उनको केवल वोट बैंक के रूप में तीन दशक से इस्तेमाल किया जा रहा है. डेढ़ दशक से स्थानीय जनप्रतिनिधि चुनाव के समय कई बार उनसे लोक लुभावने वादे कर चुके हैं. जिन पर आज तक वह खरे नहीं उतरे. ऐसे में उनके सामने विरोध के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है. मजबूरी में कॉलोनी के निवासियों को रोजी-रोटी से हटकर विरोध करने के लिए समय निकालना पड़ रहा है.
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वर्तमान समय में जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर किसी को आवास योजना, शौचालय योजना व अन्य कई प्रकार की योजनाओं का लाभ दे रहे हैं. वहींं, कृष्णा नगर कॉलोनी आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. राज्य और केंद्र सरकार की किसी भी योजना का लाभ आज तक कॉलोनी के निवासियों को नहीं मिला है.
बात चाहे पानी, बिजली और सड़कों की हो किसी भी प्रकार की सुविधा पर मांग के बावजूद जनप्रतिनिधि ध्यान देने को तैयार नहीं है. जबकि 2 साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंच से कृष्णा नगर कॉलोनी को नगर निगम में शामिल करने की घोषणा की थी. कॉलोनी के निवासी लगातार अपनी शिकायत और पत्रावली सरकार को पहुंचा रहे हैं. जिस पर भी जनप्रतिनिधि अड़ंगा लगाने का काम कर रहे हैं. यह बर्दाश्त के बाहर है.
अनदेखी को देखते हुए कॉलोनी निवासियों ने निर्णय लिया है कि काम नहीं तो वोट नहीं के नारे के आधार पर वह अपने आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे. चुनाव के दिनों में वोट मांगने वालों को कॉलोनी में घुसने नहीं दिया जाएगा.