ऋषिकेश: राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क से चंदन के दर्जनों पेड़ों की तस्करी में 20 दिन बाद भी यह पता नहीं लग पाया है कि आखिर किसने चंदन के पेड़ों की कटाई की. दावा है कि पांच लोगों को मामले में चिह्नित किया गया है, मगर संबंधित लोगों के नाम उजागर करने को भी पार्क प्रशासन तैयार नहीं है. मामले में वन दारोगा को अटैच और वन आरक्षी को सस्पेंड किया गया जा चुका है.
पार्क की गौहरी रेंज से जुड़ा यह मामला 28 अक्टूबर का है, जिसमें दर्जनों चंदन के पेड़ों पर वन तस्करों ने आरी चला दी थी. मामला उजागर होने के बाद एसडीओ प्रशांत हिंदवान की जांच के बाद रेंज से वन दारोगा हरपाल सिंह गुसाईं को मुख्यालय में अटैच किया गया था. वन आरक्षी जगदीश सिंह को सस्पेंड कर दिया गया था. बावजूद इसके अभीतक यह ही पता नहीं चल पाया है कि आखिर चंदन के कटे पेड़ गए कहां? मामले की शुरुआत में एसडीओ ने पेड़ चंदन के होने से ही इनकार किया था. जिसके बाद पेड़ों का सेंपल एफआरआई देहरादून भेजा गया. हालांकि, पार्क निदेशक साकेत बड़ोला ने प्रथम दृष्टया अब पेड़ चंदन के ही माने हैं, लेकिन पार्क के अधिकारी अभी तक यह पता नहीं लगा पाए हैं कि आखिर पेड़ों का कटान किया किसने? और पेड़ गए कहां?
ये भी पढ़ें: राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क से 'पुष्पा' काट ले गया चंदन के पेड़, पार्क प्रशासन को भनक नहीं!
सूत्रों की मानें, तो पेड़ों के कटान के बाद उन्हें जंगल से स्कूटी और बाइक से सड़क तक पहुंचाया गया था. चंदन के पेड़ों की तस्करी के इस पूरे मामले में पार्क अधिकारियों की भूमिका संदेह के घेरे में है. निदेशक साकेत बडोला ने बताया कि मामले की जांच जारी है और पुख्ता साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं. बडोला बताया कि जांच-पड़ताल चल रही है, जिसके चलते अभी चिह्नित लोगों का नाम उजागर नहीं किया जा सकता है. निदेशक ने बताया कि मामले में पार्क का हर एक कर्मी जिम्मेदार है. जांच पूरी होने के बाद संलिप्त लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.