मसूरीः पहाड़ों की रानी मसूरी में वीकेंड पर पर्यटकों का हुजूम उमड़ा. पर्यटकों की आमद से व्यवसायियों के चेहरे खिल उठे. चार दिनों की लगातार छूट्टी होने से मसूरी पैक हो गई है. वहीं, टर्बन डे भी धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान लोगों ने पगड़ी बांधनी सीखी. साथ ही पगड़ी पहनकर जमकर सेल्फी भी ली.
मसूरी के पर्यटन स्थल कैंपटी फॉल, कंपनी गार्डन, मसूरी झील, सुरकंडा देवी, धनोल्टी, बुरासकंडा में पर्यटकों की भारी भीड़ देखी गई. स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने जाम के झाम से निपटने के लिए काफी प्रयास किए. इतना ही नहीं पूर्व में तैयार एक्शन प्लान को भी लागू किया. जिसमें कई हद तक सफलता भी मिली, लेकिन मसूरी की सक्रिय सड़क और पार्किंग न होने के कारण कई जगह पर जाम की स्थिति भी देखने को मिली. जिससे लोगों को परेशानियां भी झेलनी पड़ी.
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वहीं, मसूरी सीओ पल्लवी त्यागी (Mussoorie CO Pallavi Tyagi) ने भीड़ को देखते हुए खुद कमान संभाली. इस दौरान उन्होंने माल रोड का भी निरीक्षण किया. सीओ पल्लवी त्यागी ने बताया कि चार दिन की लगातार छुट्टी होने के कारण मसूरी में पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिली है. उन्होंने कहा कि अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया. अभी कुछ तब्दीलियां करने की जरूरत है, जिससे आगामी पर्यटन सीजन में पर्यटकों को दिक्कत न हो.
मसूरी में टर्बन डे पर धूमः मसूरी में सिख दस्तार (पगड़ी) दिवस पूरे उल्लास के साथ मनाया गया. इस दौरान पगड़ी बांधकर सेल्फी लेने का क्रेज युवाओं के सिर चढ़कर बोला. मसूरी के गांधी चौक पर खालसा एंड टर्बन अप के बैनर तले 300 से ज्यादा युवाओं ने युवकों को पगड़ी बांधनी सिखाई. इस दौरान 200 से ज्यादा युवकों, स्थानीय लोगों के साथ पर्यटकों ने पगड़ी बंधवाई. साथ ही आह्वान किया कि वे अब बिना पगड़ी के न तो वाहन चलाएंगे और न ही अपनी संस्कृति से दूर रहेंगे.
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मसूरी के तनमीत खालसा ने बताया कि पगड़ी सिखों के सिर का ताज होती है. इसका मकसद सिखों की पहचान के बारे में जागरूकता फैलाना है. उन्होंने बताया कि हाल ही में अमेरिका के सिख संगठन ने कुछ घंटों में हजारों पगड़ियां बांधने का विश्व रिकॉर्ड बनाया. 13 अप्रैल 1699 को दसवें गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. खालसा पंथ की स्थापना का लक्ष्य धर्म और नेकी के लिए सदैव तत्पर रहने का है. साथ ही सामाजिक भेदभाव दूर करना है. यह सिखों का बड़ा त्योहार है.