मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में 144 करोड़ रुपए की लागत से पेयजल योजना का कार्य किया जा रहा है. जिसको लेकर मसूरी के विभिन्न क्षेत्रों में सड़कों को खोदा जा रहा है. पाइप लाइन डालने के बाद सड़कों की मरम्मत नहीं की जा रही है, जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं सड़कों की मरम्मत न होने से आए दिन हादसे हो रहे हैं. वहीं स्थानीय लोगों ने योजना की जांच की मांग की है.
बीते दिन मसूरी कंपनी गार्डन के पास एक ट्रक सड़क धंसने के कारण अनियंत्रित होकर पैराफिट से टकरा गया, गनीमत रही कि हादसा होने से बच गया. ट्रक को जेसीबी मशीन के माध्यम से खीचकर निकाला गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि मसूरी यमुना पेयजल योजना के तहत बहुत बड़ा घोटाला किया जा रहा है, सड़कों को बेतरतीब तरीके से खोदा जा रहा है. पेयजल लाइनों और सडकों को खोदने के समय स्थानीय प्रशासन के अधिकारी मौजूद नहीं रहते हैं.
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उन्होंने कहा कि कार्यदायी संस्था द्वारा छोटे ठेकेदारों को पाइप लाइन बिछाने और सड़क खोदने का काम पेटी पर दिया गया है, जो मनमाने ढंग से कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर समय रहते मसूरी यमुना पेयजल योजना के तहत किये जा रहे कार्याें की जांच नहीं की गई तो आने वाले समय में लोगों को पेयजल योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा. उन्होंने खस्ताहाल मार्ग को जल्द दुरुस्त करने की मांग की है.
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बता दें कि हाल में ही एसडीएम मसूरी नरेश दुर्गापाल द्वारा पेयजल के अधिकारियों के साथ बैठक की गई थी और 15 दिनों के अंदर सभी सड़कों के निर्माण करने के निर्देश दिए गए थे. लेकिन जल निगम के अधिकारी एसडीएम के निर्देशों का पालन करते नहीं दिखाई दे रहे हैं. वहीं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भी इसको लेकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.