देहरादूनः उत्तराखंड में विभागों के स्तर पर विभिन्न पदों को लेकर खींचतान हमेशा दिखाई देती है. इस बार भी विभागों में मौजूद उन पदों को लेकर चर्चा है, जिन पर पीसीएस स्तर के अधिकारी तैनात किए जाते हैं. विभागीय स्तर पर इन पदों को प्रमोशन के आधार पर भरने की मांग की जा रही है. लिहाजा, राज्य में विभिन्न पदों पर पीसीएस अफसरों को तगड़ा झटका लग सकता है. हालांकि, पीसीएस अधिकारियों ने भी इस बाबत शासन में उच्च स्तर पर अपना प्रत्यावेदन दे दिया है.
प्रांतीय सिविल सेवा से जुड़े अधिकारी किसी भी राज्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं. राज्य में शासन से लेकर जिलों तक में इनके लिए अलग-अलग पद मौजूद हैं. वैसे तो विभिन्न पदों को लेकर विभागीय स्तर पर भुगतान अक्सर दिखाई देती है, लेकिन इस बार उन पदों पर नूरा कुश्ती शुरू हो चुकी है. जिनमें पीसीएस स्तर के अधिकारी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
दरअसल, विभागीय स्तर पर राज्य के कई पदों को लेकर यह डिमांड की गई है कि विभाग में मौजूद उच्च स्तर के पदों को प्रमोशन के तहत विभागीय रखा जाए. ये वे पद हैं, जिनमें अभी प्रांतीय सिविल सेवा के अधिकारी काम कर रहे हैं. खबर है कि विभागों के स्तर पर की जा रही इस मांग के आधार पर पीसीएस अधिकारियों को भी तगड़ा झटका देने की तैयारी कर ली गई है. हालांकि, इन स्थितियों को देखते हुए पीसीएस अफसरों ने भी अपने पक्ष को मजबूत करते हुए शासन स्तर पर प्रत्यावेदन दे दिया है.
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उत्तराखंड में यदि पीसीएस स्तर के अधिकारियों के उन पदों को देखें, जिन पर विभागीय स्तर से दावा किया गया है, वो मुख्यत आबकारी, सेल्स टैक्स, आवास, विभिन्न प्राधिकरण, आयोग, गढ़वाल मंडल विकास निगम, कुमाऊं मंडल विकास निगम, श्रम विभाग, गन्ना विभाग समेत विभिन्न विभाग शामिल हैं.
वैसे राज्य के ज्यादातर विभागों में ऐसे पद मौजूद हैं, जहां पीसीएस अधिकारी बतौर उच्च पद पर आसीन हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी प्रमोशन के मौकों को बढ़ाने के लिए ऐसे पदों को विभाग के अंतर्गत ही प्रमोशन का पद किए जाने की मांग कर रहे हैं. खास बात ये है कि प्रांतीय सिविल सेवा के पदों को कम किए जाने की खबर सामने आने के बाद ही फॉरेन पीसीएस अधिकारियों ने भी इसको लेकर अपना पक्ष रखने के प्रयास किए हैं. इसी कड़ी में उनकी तरफ से शासन स्तर पर प्रत्यावेदन दे भी दिया गया है.
बड़ी बात ये है कि पीसीएस स्तर के अधिकारी जहां खुद के लिए पदों को बढ़ाने की मांग कर रहे थे तो वहीं मौजूदा पदों में भी कटौती की खबर ने इन अफसरों को तगड़ा झटका दे दिया है. बरहाल, अभी सरकार और शासन स्तर पर इस को लेकर फैसला नहीं हुआ है. ऐसे में अब पीसीएस अफसरों के स्तर से प्रत्यावेदन आने के बाद विभिन्न पक्षों का सही आकलन करने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा.