देहरादून: उत्तराखंड में डिप्टी कलेक्टर मनीष बिष्ट की नियुक्ति को लेकर उठे विवाद पर पीसीएस अधिकारियों की एकजुटता दिखने लगी है. उधम सिंह नगर जिले में तैनात 18 PCS अधिकारियों ने मामले में कार्मिक एवं सतर्कता सचिव को पत्र लिखकर घोर आपत्ति दर्ज कराई है. बड़ी बात यह है कि अब तक एकजुट ना दिखने वाले पीसीएस अधिकारी तमाम मामलों पर अपने साथी अधिकारियों के समर्थन में खुले रूप से सामने आने लगे हैं.
उत्तराखंड में पीसीएस अधिकारियों का अब अपने साथी अफसरों को लेकर मिजाज बदलने लगा है. दरअसल, हाल ही में डिप्टी कलेक्टर मनीष बिष्ट की नियुक्ति को लेकर विवाद उठने के बाद पीसीएस अधिकारियों ने उनके समर्थन में आवाज बुलंद कर दी है. स्थिति यह है कि नियुक्ति पर विवाद मामले को लेकर उधम सिंह नगर जिले में तैनात पीसीएस अधिकारियों ने सचिव कार्मिक शैलेश बगौली को पत्र लिखा है. जिसमें इन अधिकारियों ने मनीष बिष्ट की नियुक्ति पर उठाए गए सवालों को निराधार करार दिया है. इतना ही नहीं इस दुष्प्रचार की श्रेणी में रखते हुए पीसीएस अधिकारियों ने आरोप लगाने वालों के खिलाफ विधिक कार्यवाही की भी मांग की है.
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पत्र के अनुसार पीसीएस अधिकारियों ने मनीष बिष्ट की नियुक्ति पर उठाए गए सवाल को सरकार और शासन की छवि धूमिल करने से जोड़ा है. इस पत्र में उधम सिंह नगर जिले के 18 पीसीएस अधिकारियों के नाम दर्ज किए गए हैं. जिन्होंने अपना समर्थन मनीष बिष्ट को दिया है. प्रदेश में पीसीएस अधिकारी अपने साथी अधिकारियों पर कथित राजनीतिक आरोपो को लेकर प्रतिवाद कर रहे हैं. इससे पहले शत्रु संपत्ति मामले पर हरवीर सिंह के खिलाफ मुकदमा किए जाने के मामले में भी पीसीएस अधिकारियों ने अपना विरोध दर्ज कराया था. पीसीएस अधिकारियों में एकजुटता नहीं होने की बात पूर्व में सामने आती रही है लेकिन अब अधिकारियों ने कथित राजनीतिक आरोपी को देखते हुए इस मामले में अपना मिजाज बदला है.
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डिप्टी कलेक्टर मनीष बिष्ट का मामला बेरोजगार संघ से जुड़े बॉबी पवार ने उठाया था. उन्होंने मनीष बिष्ट की नियुक्ति को गलत बताते हुए राज्य सरकार पर कई गंभीर आरोप भी लगाए थे. इसी मामले को लेकर पीसीएस अफसरों ने शासन के सामने अपना पक्ष रख दिया है. प्रदेश पीसीएस एसोसिएशन भी जल्द ही इस मामले में पत्र जारी कर सकती है.