देहरादूनः कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने प्रेस के माध्यम से उन तमाम सवालों के जवाब दिए, जिन्हें कांग्रेस ने एक दिवसीय मॉनसून सत्र के दौरान उठाए थे. अब मदन कौशिक के जवाबों पर पीसीसी चीफ प्रीतम सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि जिन विषयों के जवाब सरकार को सदन में देने चाहिए थे, उन विषयों के जवाब संसदीय कार्य मंत्री ने प्रेस के माध्यम से दिए. प्रीतम सिंह ने मामले में चुटकी लेते हुए कहा कि उनकी बैठक का अधिकारियों ने बहिष्कार किया था तो उस पीड़ा को लेकर आखिर वह कहां जाएं? राज्यपाल के पास वह जा नहीं सकते थे और सीएम उनकी बात नहीं सुनते हैं.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने सदन की कार्यवाही के दौरान कार्य स्थगन के माध्यम से राज्य के मुद्दे सदन में उठाए. कांग्रेस चाहती थी कि उन विषयों पर चर्चा हो और इस चर्चा में सत्तापक्ष के विधायक भी हिस्सा लें. लेकिन संख्या बल के आधार पर सत्ता के नशे में मदमस्त होकर सरकार ने जिस तरीके का कृत्य किया है, उसे जनता ने बड़ी नजदीक से देखा है.
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प्रीतम सिंह ने कहा कि पीठ का संरक्षण ना मिलने की वजह से कांग्रेसी विधायकों ने राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हें बताया कि सत्ता में बैठी भाजपा लोकतंत्र की हत्या कर रही है. प्रीतम ने कहा कि जिन विषयों का जवाब सरकार को सदन में देना चाहिए था, उन विषयों का जवाब संसदीय कार्य मंत्री ने प्रेस के माध्यम से दिया, क्योंकि सरकार कोरोना, बेरोजगारी, महिला अत्याचार कानून व्यवस्था और दैवीय आपदा पर कोई जवाब देने को तैयार नहीं थी.
प्रीतम सिंह ने मंत्री-सचिव विवाद पर भी चुटकी ली. कहा कि जिस तरह से सरकार और शासन में तनाव चल रहा है. उससे स्पष्ट है कि शासन भी सरकार से खुश नहीं है. हाल ही में मदन कौशिक की विभागीय बैठक में उनके अधिकारी ही नहीं पहुंचे. वहीं, महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य भी अपने सचिव की शिकायत कर चुके हैं.