देहरादून: राज्य मंत्री रेखा आर्य और आईएएस अधिकारी वी. षणमुगम के बीच चल रहे विवाद को लेकर जहां मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने उच्च स्तरीय जांच गठित की है. वहीं, कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश के वर्तमान हालातों को देखते हुए सरकार से इस्तीफे की मांग की है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि सरकार और प्रशासन के बीच इतना अंतर्विरोध इससे पहले राज्य में कभी देखने को नहीं मिला.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने राज्य में हावी अफसरशाही को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि चीफ सेक्रेटरी को भी शासनादेश जारी करना पड़ा था कि विधायिका सर्वोपरि है. जिसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने भी अनुसरण करते हुए अधिकारियों को जनप्रतिनिधि का सम्मान किए जाने की बात कही थी.
उसके बाद शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे, संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक की नाराजगी सभी ने देखी. तीसरा मामला राज्यमंत्री रेखा आर्य से जुड़ा है, जो विभागीय निदेशक को ढूंढ रही हैं और एफआईआर दर्ज करवा रही हैं. इसके जवाब में सचिव का कहना है कि निदेशक दरअसल आइसोलेशन में हैं और उनसे बात हो गई है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश के क्या हालात हैं.
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प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकार और प्रशासन के बीच इतना अंतर्विरोध इससे पहले कभी नहीं दिखा. जीरो टोलरेंस को लेकर भी प्रीतम सिंह ने त्रिवेंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा . उन्होंने कहा कि सरकार के विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ कार्य स्थगन का मामला लाते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं. इसलिए सरकार नहीं चाहती थी कि सदन चले. सीएम त्रिवेंद्र रावत को बताना चाहिए कि आखिर जीरो टॉलरेंस की सरकार कहां पर है?