देहरादूनः उत्तराखंड में बेरोजगार संघ के भारी विरोध के बावजूद पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा कड़ी सुरक्षा के बीच संपन्न हो गई है. सभी सेंटरों में परीक्षाएं शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित हुई. इस दौरान परीक्षार्थियों को चेकिंग के बाद ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया गया. हालांकि, कुछ अभ्यर्थी प्रश्नपत्र की सील को आशंका व्यक्त की गई है, जिसे देखते हुए आयोग ने बयान जारी किया है. बता दें कि रविवार को प्रदेश के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर लेखपाल के 172 और पटवारी के 391 पदों पर भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था. जिसमें कुल 1,58,210 अभ्यर्थियों में से 1,03,730 अभ्यर्थी परीक्षा में उपस्थित हुए थे. सफल परीक्षा आयोजित करने पर मुख्यमंत्री ने आयोग को बधाई देते हुए कहा कि भविष्य में सभी परीक्षाएं जारी किए गए कैलेंडर के अनुरूप होंगी.
सीएम धामी ने दी बधाई: वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परीक्षा के शांतिपूर्ण संपन्न होने पर उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के साथ ही शासन-प्रशासन को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं का अहित नहीं होने देगी. नकल माफिया पर नकेल कसने के लिए प्रदेश में हिन्दुस्तान का सबसे सख्त नकलरोधी कानून बनाया गया है. नए अध्यादेश में नकल करने और कराने वाले दोनों सलाखों के पीछे होंगे और उनकी संपत्ति जब्त करने एवं भारी जुर्माना लगाने संबंधी प्रावधान किए गए हैं.
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Uttarakhand | The Patwari exam was conducted today with all due rules. Over 1 lakh students appeared for the exam in the state. We have enforced the Anti-Copying law in Uttarakhand. Those who are misleading the students, a case will be filed against them: CM Pushkar Singh Dhami pic.twitter.com/kZog4GADsk
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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आयोग ने जारी किया बयान: वहीं, परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों द्वारा प्रश्नपत्र की सील को लेकर अभ्यर्थियों के नाराजगी पर आयोग ने बयान जारी करते हुए कहा कि प्रश्नपत्र प्रिंटिंग प्रेस द्वारा बॉक्सों में सील किया जाता है. बॉक्स के अंदर पॉली बैग्स में प्रश्न पत्र सील रखे होते हैं. गोपनीय सामग्री के प्रेस से आयोग में उपलब्ध होने एवं आयोग से जनपदों को उपलब्ध कराये जाने तथा परीक्षा तिथि को कोषागार से सेक्टर मजिस्ट्रेट के माध्यम से परीक्षा केन्द्रों को उपलब्ध कराते समय वीडियोग्राफी की जाती है.
उक्त गोपनीय सामग्री वाले बॉक्स प्रधानाचार्य/केन्द्र प्रभारी के कक्ष में कक्ष निरीक्षक की उपस्थिति में खोले जाते हैं, जिसकी वीडियोग्राफी की जाती है. प्रत्येक प्रश्नपत्र पर पेपर सील लगी होती है, जिसकी कभी-कभी यातायात के दौरान टूटने की संभावना हो सकती है. उक्त प्रश्न पुस्तिका की पेपर सील को कक्ष निरीक्षक के निर्देश पर अभ्यर्थियों द्वारा खोला जाता है, ताकि सभी अभ्यर्थियों को समान अवसर एवं समय मिल सके.
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Uttarakhand Patwari Exam conducted peacefully in the state today. The strict anti-copying law has come into force in the state. The law has the provision to take strict action against those who spread any rumours/misinformation regarding exams: Uttarakhand ACS (Home) Radha Raturi pic.twitter.com/yDA7sRQ1P5
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ऐसे में प्रश्नपत्र की गोपनीयता संरक्षित है तथा कतिपय अभ्यर्थियों द्वारा व्यक्त संदेह व्यक्त करना गलत है. कतिपय लोगों द्वारा इस विषय मे भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं, जिनके विरुद्ध नए नकल विरोधी अध्यादेश के सुसंगत प्रावधान के तहत कार्रवाई की जाएगी.
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने दी चेतावनी: वहीं, परीक्षा को लेकर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि उत्तराखंड पटवारी परीक्षा प्रदेश में शांतिपूर्ण संपन्न हुई. प्रदेश में नकल विरोधी सख्त कानून लागू हो गया है. परीक्षा के संबंध में कोई भी अफवाह/गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का कानून में प्रावधान है.
गौर हो कि बीती 8 जनवरी को पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा आयोजित हुई थी. जिसका पेपर लीक हो गया था. जिसके चलते यह परीक्षा दोबारा 12 फरवरी को आयोजित करानी पड़ी है. पटवारी पेपर लीक मामले में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अति गोपन अनुभाग 3 के अनुभाग अधिकारी संजीव प्रकाश चतुर्वेदी समेत कई लोग सलाखों के पीछे हैं. वहीं, भर्ती परीक्षाओं की सीबीआई जांच और जांच के बाद ही परीक्षा आयोजित कराने की मांग को लेकर युवाओं ने विरोध प्रदर्शन भी किया था. जिसे लेकर देहरादून में काफी बवाल भी हुआ. जिसमें पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा. अभी भी बेरोजगार युवा धरने दे रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद उत्तराखंड में पटवारी की परीक्षा संपन्न हो गई है.
देहरादून जिले में 72 केंद्रों में हुई भर्ती परीक्षाः बता दें कि उत्तराखंड में पटवारी लेखपाल परीक्षा के लिए 498 केंद्र बनाए गए थे. देहरादून जिले में भी 72 केंद्रों पर यह परीक्षा आयोजित हुई. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रखने के लिए चप्पे चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी. परीक्षा केंद्रों पर भी 600 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी तैनात किए थे. इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी पुलिस लगातार नजर बनाए हुए थी. देहरादून जिले में धारा 144 लागू की गई और परीक्षा केंद्र से 100 मीटर की परिधि में किसी भी व्यक्ति का घूमना फिरना प्रतिबंधित रहा.
वहीं, परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों में उत्साह देखने को मिला. परीक्षा देने पहुंचीं अभ्यर्थी का कहना है कि यह एग्जाम दूसरी बार आयोजित हुआ है. ऐसे में उन्हें आशा है कि यह एग्जाम पूरी ट्रांसपेरेंसी के साथ हुआ. बेरोजगारों के आंदोलन में शामिल होने के कारण इस परीक्षा के लिए ज्यादातर अभ्यर्थी अपनी तैयारी नहीं कर पाए. अभ्यर्थी का कहना था कि इस बार उत्तराखंड के वर्तमान मुद्दों से जुड़े सवाल भी परीक्षा में शामिल किए गए थे. परीक्षा केंद्र में प्रवेश किए जाने से पहले सभी परीक्षार्थियों की चेकिंग भी की गई है और परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित हुई.
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हरिद्वार जिले के 52 केंद्रों में हुआ एग्जामः हरिद्वार जिले में 52 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. जिनमें 14 हजार से अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी. जबकि, 20,600 अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरे थे. पटवारी भर्ती परीक्षा को सकुशल संपन्न कराना पुलिस प्रशासन के लिए बड़ी जिम्मेदारी थी. परीक्षा में किसी तरह की गड़बड़ी न हो, इसके लिए विशेष सतर्कता बरती गई थी. एक-एक अभ्यर्थी पर पैनी नजर रखी गई. एसएससी अजय सिंह ने बताया कि सभी परीक्षा केंद्रों से रिपोर्ट ले ली गई है. सभी जगह परीक्षा सकुशल संपन्न हुई है. अभ्यर्थी भी इस परीक्षा से प्रसन्न नजर आ रहे हैं. प्रश्न पत्र का स्टैंडर्ड भी छात्र काफी अच्छा बता रहे हैं.
पौड़ी जिले में 40 केंद्रों में हुई परीक्षाः पौड़ी जिले में 40 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. जिनमें 20 परीक्षा केंद्र कोटद्वार में थे. हालांकि, जितने अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरे थे, उससे काफी कम परीक्षा देने पहुंचे थे. श्रीनगर से पहुंची टीना रावत ने बताया कि पेपर सामान्य आया था. जिस अभ्यर्थी ने अच्छी तैयारी की होगी और अगर फिर धांधली की भेंट नहीं चढ़ा तो वो पटवारी/लेखपाल बनकर अपनी सेवाएं दे सकता है. वहीं, जसपुर से आए अभिभावक जयपाल सिंह का कहना है कि राज्य में जिस तरह से पेपर लीक हो रहे हैं. सरकार को सख्त कदम उठा कर छात्रों के भविष्य का ध्यान रखना चाहिए.
टिहरी में अभ्यर्थियों को नहीं मिली बस में फ्री आने-जाने की सुविधाः टिहरी में परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए अभ्यर्थियों को काफी उठानी पड़ी. अभ्यर्थियों का आरोप था कि उन्हें परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए बस में फ्री आने जाने की सुविधा नहीं मिली. उनका कहना था कि वो खुद के खर्चे से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचे. रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी से आए अभ्यर्थियों ने सरकार की दावों की पोल खोलते हुए कहा कि वो खुद के खर्चे पर परीक्षा केंद्र में पहुंचे और खुद के खर्चे से ही वापस घर जा रहे हैं. उनके लिए रोडवेज बस की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी. जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. वहीं, टिहरी जिले में 34 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे.
आयोग ने जारी किया बयान: वहीं, परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों द्वारा प्रश्नपत्र की पेपर सील को लेकर अभ्यर्थियों के नाराजगी पर आयोग ने बयान जारी करते हुए कहा कि प्रश्नपत्र प्रिंटिंग प्रेस द्वारा बॉक्सों में सील किया जाता है. बॉक्स के अंदर पॉली बैग्स में प्रश्न पत्र सील रखे होते हैं. गोपनीय सामग्री के प्रेस से आयोग में उपलब्ध होने एवं आयोग से जनपदों को उपलब्ध कराये जाने तथा परीक्षा तिथि को कोषागार से सेक्टर मजिस्ट्रेट के माध्यम से परीक्षा केन्द्रों को उपलब्ध कराते समय वीडियोग्राफी की जाती है.
उक्त गोपनीय सामग्री वाले बॉक्स प्रधानाचार्य/केन्द्र प्रभारी के कक्ष में कक्ष निरीक्षक की उपस्थिति में खोले जाते हैं, जिसकी वीडियोग्राफी की जाती है. प्रत्येक प्रश्नपत्र पर पेपर सील लगी होती है, जिसकी कभी-कभी यातायात के दौरान टूटने की संभावना हो सकती है. उक्त प्रश्न पुस्तिका की पेपर सील को कक्ष निरीक्षक के निर्देश पर अभ्यर्थियों द्वारा खोला जाता है, ताकि सभी अभ्यर्थियों को समान अवसर एवं समय मिल सके.
ऐसे में प्रश्नपत्र की गोपनीयता संरक्षित है तथा कतिपय अभ्यर्थियों द्वारा व्यक्त संदेह व्यक्त करना गलत है. कतिपय लोगों द्वारा इस विषय मे भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं, जिनके विरुद्ध नए नकल विरोधी अध्यादेश के सुसंगत प्रावधान के तहत कार्रवाई की जाएगी.