देहरादून: पर्यटन प्रदेश उत्तराखंड में भारत सरकार के निर्देशानुसार कॉमर्शियल टैक्सियों में पैनिक बटन लगाने का कार्य किया जा रहा है. टैक्सियों में पैनिक बटन लगाने का मुख्य उद्देश्य है कि यहां आने वाले देश-विदेश के पर्यटक यात्रा करने के दौरान खुद को सुरक्षित महसूस करें.
बता दें कि वर्तमान में प्रदेश में जो कॉमर्शियल टैक्सियां हैं, उनमें ही पैनिक बटन लगाए जा रहे हैं. वहीं, परिवहन विभाग की ओर से पैनिक बटन के साथ ही सभी टैक्सियों में जीपीएस सिस्टम लगाना भी अनिवार्य किया गया है. जिससे कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में यात्री की वास्तविक लोकेशन को ट्रेस किया जा सके.
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देहरादून संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) संदीप सैनी ने बताया कि प्रदेश भर में वर्तमान में 8000 से ज्यादा टैक्सियों में पैनिक बटन के साथ ही जीपीएस सिस्टम स्थापित किए जा चुके हैं. यात्री किसी भी आपातकालीन स्थिति में नेशनल इमरजेंसी सिस्टम यानी कि 112 टोल फ्री नंबर पर संपर्क कर आपातकालीन स्थिति में सहायता के लिए संपर्क कर सकते हैं. इसके माध्यम से पुलिस के साथ ही परिवहन विभाग की टीम यात्री की लोकेशन को ट्रेस करने का काम करेंगी. वहीं यात्रियों को तत्काल प्रभाव से सुरक्षा मुहैया करायी जा सकेगी.
बता दें कि इन पैनिक बटन और जीपीएस सिस्टम को स्थापित करने में टैक्सी संचालकों को 15 से 20 हजार रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं. यही कारण है कि वर्तमान में सिर्फ नई टैक्सियों में ही पैनिक बटन और जीपीएस सिस्टम स्थापित किए जा रहे हैं. जल्दी पुरानी टैक्सियों में भी पैनिक बटन स्थापित करने को लेकर व्यवस्था बनाई जाएगी.