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सफेद हाथी बनकर रह गया मुनस्यारी का नैन सिंह माउंटेनियरिंग प्रशिक्षण केंद्र, दावों के बीच शून्य है रिजल्ट

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Published : May 15, 2023, 3:26 PM IST

Updated : May 15, 2023, 6:06 PM IST

सरकारी विभाग किस तरह लेटलतीफी वाला काम करते हैं, इसका उदाहरण पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी में दिख रहा है. 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत सरकार में मुनस्यारी में पंडित नैन सिंह पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थान की नींव रखी गई थी. तब से आज का दिन है, ये बहुप्रतीक्षित संस्थान शुरू होने की बाट जोह रहा है.

Mountaineering Training Center
मुनस्यारी समाचार
माउंटेनियरिंग प्रशिक्षण केंद्र बना दिखावा

देहरादून: उत्तराखंड में पर्वतारोहण और एडवेंचर के लगातार बढ़ रहे स्कोप के बीच धारचूला मुनस्यारी में NIM की तर्ज पर 2014 में पंडित नैन सिंह माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट कि नींव रखी गई थी. लेकिन आज तक यह संस्थान सफेद हाथी बना हुआ है. उत्तराखंड के पर्वतारोहण के शौकीनों को प्रशिक्षण के लिए हिमाचल जाना पड़ रहा है.

सफेद हाथी बना मुनस्यारी का पंडित नैन सिंह पर्वतारोहण इंस्टीट्यूट: उत्तराखंड में एडवेंचर स्पोर्ट्स और पर्वतारोहण की अपार संभावनाओं को देखते हुए वर्ष 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश में साहसिक खेलों और पर्वतारोहण के प्रशिक्षण में महारत रखने वाले नेहरू माउंटनियरिंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट निम की तर्ज पर कुमाऊं के पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी क्षेत्र में पंडित नैन सिंह पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थान की नींव रखी थी. मुनस्यारी जैसे खूबसूरत इलाके में एडवेंचर ट्रेनिंग के लिहाज से बेहद मुफीद इंस्टीट्यूट की खेल विभाग के तहत नींव तो रखी गई, लेकिन आज तक यह इंस्टीट्यूट सफेद हाथी बना हुआ है. यहां पर अपार संभावनाएं होने के बावजूद भी उस तरह से ना तो प्रशिक्षण का काम किया जा रहा है और ना ही यहां पर किसी तरह की कोई एडवांस ट्रेनिंग दी जा रही है.

उत्तराखंड के लोगों को ट्रेनिंग के लिए जाना पड़ रहा है हिमाचल: पिथौरागढ़ में ही साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में पिछले कई सालों से काम कर रही संस्था क्लाइम्बिंग बियोंड द समिट (CBTS) के संचालक योगेश गबराल का कहना है कि पिछले कई सालों से पर्वतारोहण के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं. वह ज्यादातर उत्तराखंड में पहाड़ी इलाकों से आने वाली महिला प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देते हैं. उन्हें साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में कुशल बनाते हैं. ताकि खासतौर से पर्वतीय जिलों में रहने वाली महिलाएं एडवेंचर टूरिज्म के जरिए अपनी आजीविका चला सकें. अपने साथ अपने परिवार और अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बनें.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ: CBTS के संचालक योगेश गबराल का कहना है कि वह एक क्षेत्रीय व्यवसायी हैं जो कि उत्तराखंड में एडवेंचर स्पोर्ट्स और साहसिक गतिविधियों को लेकर लगातार काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन यहां पर ट्रेनिंग सबसे बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कोई बड़ा संस्थान ट्रेनिंग के क्षेत्र में काम नहीं कर रहा है. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा प्रशिक्षण के लिए उनकी महिला ट्रेनर को इंस्टीट्यूट नहीं मिलने की वजह से हिमाचल भेजना पड़ रहा है. योगेश गबराल का कहना है कि मुनस्यारी में मौजूद खेल विभाग का एडवेंचर इंस्टीट्यूट सफेद हाथी बना हुआ है. इसका किसी भी तरह से उपयोग उत्तराखंड के लोगों के लिए नहीं हो पा रहा है. लंबे समय से इंस्टीट्यूट की केवल दीवारें खड़ी की गई हैं, लेकिन इसमें किसी भी तरह का प्रशिक्षण नहीं दिया जा रहा है.

पर्यटन विभाग कर रहा कायापलट का दावा: मुनस्यारी में एडवेंचर स्पोर्ट्स और पर्वतारोहण प्रशिक्षण के लिए पंडित नैन सिंह एडवेंचर इंस्टीट्यूट के रूप में पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर होने के चलते उत्तराखंड पर्यटन विभाग की इस इंस्टीट्यूट पर नजर है. पर्यटन विभाग का कहना है कि यदि यह खेल विभाग से उन्हें दे दिया जाता है तो वह इस इंस्टीट्यूट का बेहतर उपयोग कर सकते हैं. उत्तराखंड पर्यटन में एडवेंचर विंग के हेड अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी साहसिक पर्यटन कर्नल अश्विनी पुंडीर ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि उत्तराखंड में एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए सब कुछ है. बस हमारे पास ट्रेनिंग यानी प्रशिक्षण की कमी है.

उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी राज्य हिमाचल के पास कई अलग-अलग एडवेंचर सेगमेंट में अच्छे इंस्टीट्यूट हैं. यही वजह है कि उत्तराखंड के लोग भी एडवेंचर स्पोर्ट्स और पर्वतारोहण की ट्रेनिंग लेने के लिए अक्सर हिमाचल का रुख करते हैं. कर्नल अश्विनी पुंडीर का कहना है कि उत्तराखंड में मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस द्वारा पोषित नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेन (NIM) एकमात्र ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट है, लेकिन यहां के सब्सिडी कोर्स और फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व की पॉलिसी के चलते उत्तराखंड में एडवेंचर ट्रेनिंग के लिए यह इंस्टीट्यूट पर्याप्त नहीं है.

वहीं उत्तराखंड में एडवेंचर से जुड़े प्रशिक्षण के लिए एक राज्य स्तरीय माउंटेनियरिंग और एडवेंचर इंस्टीट्यूट की जरूरत को देखते हुए मुनस्यारी में पंडित नैन सिंह पर्वतारोहण संस्थान की स्थापना की गई थी. लेकिन इसका कोई भी लाभ प्रदेश को नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा है कि इस इंस्टीट्यूट को खेल विभाग से लेकर पर्यटन विभाग को स्थानांतरित किया जाएगा. इसके लिए पर्यटन विभाग द्वारा एक बड़े स्तर पर कार्य योजना तैयार की गई है. उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग इस इंस्टीट्यूट को एडवेंचर और एयरोस्पोर्ट्स के लिए विकसित करने की कार्य योजना तैयार कर रहा है. लेकिन अभी तक इसका स्थानांतरण नहीं किया गया है. यदि यह पर्यटन विभाग को दिया जाता है तो वह निश्चित तौर से उत्तराखंड में ट्रेनिंग और प्रशिक्षण के क्षेत्र में नया आयाम स्थापित करेंगे.

खेल विभाग बोला- जून के बाद बदलेगी सूरत: वहीं दूसरी तरफ खेल विभाग मुनस्यारी में मौजूद अपने इस एडवेंचर इंस्टीट्यूट को किसी भी तरह से छोड़ने के मूड में नहीं है. खेल विभाग का कहना है कि वह खुद अपने संसाधनों से इंस्टीट्यूट को विकसित करेगा और यहां पर सरकार की मंशा के अनुरूप एडवेंचर ट्रेनिंग और जो भी संभव प्रशिक्षण यहां पर किए जा सकते हैं, उन्हें अपने स्तर पर शुरू करेगा.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उत्तराखंड खेल विभाग के निदेशक जितेंद्र कुमार सोनकर ने बताया कि जब इस इंस्टीट्यूट के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई तो कुछ तकनीकी समस्या रही थी. उन्होंने बताया कि इसमें शुरुआत में कार्यदाई संस्था यूपीआरएनएन की वजह से निर्माण कार्य में काफी समस्या सामने आई. लेकिन सभी विवादों को निपटाते हुए खेल विभाग ने अब जून माह तक इसके सभी निर्माण कार्य पूरे करने का अल्टीमेटम कार्यदाई संस्था को दिया है. वहीं खेल निदेशक जितेंद्र कुमार सोनकर ने बताया कि जून माह के बाद खेल विभाग खुद मुनस्यारी में मौजूद इस पंडित नैन सिंह पर्वतारोहण शिक्षण संस्थान में अपने स्तर पर कई बड़े एडवेंचर कोर्सेज और पर्वतारोहण का प्रशिक्षण शुरू करेगा.
ये भी पढ़ें: पर्यटन विभाग को दिया जाएगा पंडित नैन सिंह सर्वेयर पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थान, हरीश धामी ने किया विरोध

उन्होंने कहा कि मुनस्यारी में स्थापित किए गए इस एडवेंचर स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट की स्थापना उत्तरकाशी में मौजूद नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग की तर्ज पर की गई थी. उसी तरह से मुनस्यारी में मौजूद इस एडवेंचर इंस्टीट्यूट को भी संचालित किया जाएगा. इसको लेकर विभाग लगातार NIM के अधिकारी और प्रशिक्षकों के संपर्क में है. खेल विभाग द्वारा एक विश्वस्तरीय एडवेंचर स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट के रूप में मुनस्यारी में मौजूद पंडित नैन सिंह रावत पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थान को विकसित किया जाएगा.

माउंटेनियरिंग प्रशिक्षण केंद्र बना दिखावा

देहरादून: उत्तराखंड में पर्वतारोहण और एडवेंचर के लगातार बढ़ रहे स्कोप के बीच धारचूला मुनस्यारी में NIM की तर्ज पर 2014 में पंडित नैन सिंह माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट कि नींव रखी गई थी. लेकिन आज तक यह संस्थान सफेद हाथी बना हुआ है. उत्तराखंड के पर्वतारोहण के शौकीनों को प्रशिक्षण के लिए हिमाचल जाना पड़ रहा है.

सफेद हाथी बना मुनस्यारी का पंडित नैन सिंह पर्वतारोहण इंस्टीट्यूट: उत्तराखंड में एडवेंचर स्पोर्ट्स और पर्वतारोहण की अपार संभावनाओं को देखते हुए वर्ष 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश में साहसिक खेलों और पर्वतारोहण के प्रशिक्षण में महारत रखने वाले नेहरू माउंटनियरिंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट निम की तर्ज पर कुमाऊं के पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी क्षेत्र में पंडित नैन सिंह पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थान की नींव रखी थी. मुनस्यारी जैसे खूबसूरत इलाके में एडवेंचर ट्रेनिंग के लिहाज से बेहद मुफीद इंस्टीट्यूट की खेल विभाग के तहत नींव तो रखी गई, लेकिन आज तक यह इंस्टीट्यूट सफेद हाथी बना हुआ है. यहां पर अपार संभावनाएं होने के बावजूद भी उस तरह से ना तो प्रशिक्षण का काम किया जा रहा है और ना ही यहां पर किसी तरह की कोई एडवांस ट्रेनिंग दी जा रही है.

उत्तराखंड के लोगों को ट्रेनिंग के लिए जाना पड़ रहा है हिमाचल: पिथौरागढ़ में ही साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में पिछले कई सालों से काम कर रही संस्था क्लाइम्बिंग बियोंड द समिट (CBTS) के संचालक योगेश गबराल का कहना है कि पिछले कई सालों से पर्वतारोहण के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं. वह ज्यादातर उत्तराखंड में पहाड़ी इलाकों से आने वाली महिला प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देते हैं. उन्हें साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में कुशल बनाते हैं. ताकि खासतौर से पर्वतीय जिलों में रहने वाली महिलाएं एडवेंचर टूरिज्म के जरिए अपनी आजीविका चला सकें. अपने साथ अपने परिवार और अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बनें.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ: CBTS के संचालक योगेश गबराल का कहना है कि वह एक क्षेत्रीय व्यवसायी हैं जो कि उत्तराखंड में एडवेंचर स्पोर्ट्स और साहसिक गतिविधियों को लेकर लगातार काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन यहां पर ट्रेनिंग सबसे बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कोई बड़ा संस्थान ट्रेनिंग के क्षेत्र में काम नहीं कर रहा है. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा प्रशिक्षण के लिए उनकी महिला ट्रेनर को इंस्टीट्यूट नहीं मिलने की वजह से हिमाचल भेजना पड़ रहा है. योगेश गबराल का कहना है कि मुनस्यारी में मौजूद खेल विभाग का एडवेंचर इंस्टीट्यूट सफेद हाथी बना हुआ है. इसका किसी भी तरह से उपयोग उत्तराखंड के लोगों के लिए नहीं हो पा रहा है. लंबे समय से इंस्टीट्यूट की केवल दीवारें खड़ी की गई हैं, लेकिन इसमें किसी भी तरह का प्रशिक्षण नहीं दिया जा रहा है.

पर्यटन विभाग कर रहा कायापलट का दावा: मुनस्यारी में एडवेंचर स्पोर्ट्स और पर्वतारोहण प्रशिक्षण के लिए पंडित नैन सिंह एडवेंचर इंस्टीट्यूट के रूप में पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर होने के चलते उत्तराखंड पर्यटन विभाग की इस इंस्टीट्यूट पर नजर है. पर्यटन विभाग का कहना है कि यदि यह खेल विभाग से उन्हें दे दिया जाता है तो वह इस इंस्टीट्यूट का बेहतर उपयोग कर सकते हैं. उत्तराखंड पर्यटन में एडवेंचर विंग के हेड अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी साहसिक पर्यटन कर्नल अश्विनी पुंडीर ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि उत्तराखंड में एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए सब कुछ है. बस हमारे पास ट्रेनिंग यानी प्रशिक्षण की कमी है.

उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी राज्य हिमाचल के पास कई अलग-अलग एडवेंचर सेगमेंट में अच्छे इंस्टीट्यूट हैं. यही वजह है कि उत्तराखंड के लोग भी एडवेंचर स्पोर्ट्स और पर्वतारोहण की ट्रेनिंग लेने के लिए अक्सर हिमाचल का रुख करते हैं. कर्नल अश्विनी पुंडीर का कहना है कि उत्तराखंड में मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस द्वारा पोषित नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेन (NIM) एकमात्र ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट है, लेकिन यहां के सब्सिडी कोर्स और फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व की पॉलिसी के चलते उत्तराखंड में एडवेंचर ट्रेनिंग के लिए यह इंस्टीट्यूट पर्याप्त नहीं है.

वहीं उत्तराखंड में एडवेंचर से जुड़े प्रशिक्षण के लिए एक राज्य स्तरीय माउंटेनियरिंग और एडवेंचर इंस्टीट्यूट की जरूरत को देखते हुए मुनस्यारी में पंडित नैन सिंह पर्वतारोहण संस्थान की स्थापना की गई थी. लेकिन इसका कोई भी लाभ प्रदेश को नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा है कि इस इंस्टीट्यूट को खेल विभाग से लेकर पर्यटन विभाग को स्थानांतरित किया जाएगा. इसके लिए पर्यटन विभाग द्वारा एक बड़े स्तर पर कार्य योजना तैयार की गई है. उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग इस इंस्टीट्यूट को एडवेंचर और एयरोस्पोर्ट्स के लिए विकसित करने की कार्य योजना तैयार कर रहा है. लेकिन अभी तक इसका स्थानांतरण नहीं किया गया है. यदि यह पर्यटन विभाग को दिया जाता है तो वह निश्चित तौर से उत्तराखंड में ट्रेनिंग और प्रशिक्षण के क्षेत्र में नया आयाम स्थापित करेंगे.

खेल विभाग बोला- जून के बाद बदलेगी सूरत: वहीं दूसरी तरफ खेल विभाग मुनस्यारी में मौजूद अपने इस एडवेंचर इंस्टीट्यूट को किसी भी तरह से छोड़ने के मूड में नहीं है. खेल विभाग का कहना है कि वह खुद अपने संसाधनों से इंस्टीट्यूट को विकसित करेगा और यहां पर सरकार की मंशा के अनुरूप एडवेंचर ट्रेनिंग और जो भी संभव प्रशिक्षण यहां पर किए जा सकते हैं, उन्हें अपने स्तर पर शुरू करेगा.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उत्तराखंड खेल विभाग के निदेशक जितेंद्र कुमार सोनकर ने बताया कि जब इस इंस्टीट्यूट के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई तो कुछ तकनीकी समस्या रही थी. उन्होंने बताया कि इसमें शुरुआत में कार्यदाई संस्था यूपीआरएनएन की वजह से निर्माण कार्य में काफी समस्या सामने आई. लेकिन सभी विवादों को निपटाते हुए खेल विभाग ने अब जून माह तक इसके सभी निर्माण कार्य पूरे करने का अल्टीमेटम कार्यदाई संस्था को दिया है. वहीं खेल निदेशक जितेंद्र कुमार सोनकर ने बताया कि जून माह के बाद खेल विभाग खुद मुनस्यारी में मौजूद इस पंडित नैन सिंह पर्वतारोहण शिक्षण संस्थान में अपने स्तर पर कई बड़े एडवेंचर कोर्सेज और पर्वतारोहण का प्रशिक्षण शुरू करेगा.
ये भी पढ़ें: पर्यटन विभाग को दिया जाएगा पंडित नैन सिंह सर्वेयर पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थान, हरीश धामी ने किया विरोध

उन्होंने कहा कि मुनस्यारी में स्थापित किए गए इस एडवेंचर स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट की स्थापना उत्तरकाशी में मौजूद नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग की तर्ज पर की गई थी. उसी तरह से मुनस्यारी में मौजूद इस एडवेंचर इंस्टीट्यूट को भी संचालित किया जाएगा. इसको लेकर विभाग लगातार NIM के अधिकारी और प्रशिक्षकों के संपर्क में है. खेल विभाग द्वारा एक विश्वस्तरीय एडवेंचर स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट के रूप में मुनस्यारी में मौजूद पंडित नैन सिंह रावत पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थान को विकसित किया जाएगा.

Last Updated : May 15, 2023, 6:06 PM IST
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