देहरादून: पंचायतों में आरक्षण तय होने के बाद अब राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा भेजे गए प्रस्तावित कार्यक्रमों पर राज्य सरकार ने मंथन शुरू कर दिया है. इसके साथ उम्मीद जताई जा रही है कि राज्य सरकार से जल्द ही प्रस्तावित कार्यक्रमों की सहमति मिलने के बाद, राज्य निर्वाचन आयोग 15 सितंबर तक चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा कर सकता है. इसके साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग, चुनाव संबंधी अपनी तैयारियों को पूरा होने का दावा कर रहा है.
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रदेश के 12 जिलों में ही चुनाव कराए जाएंगे, क्योकि हरिद्वार जिले के त्रिस्तरीय पंचायत का कार्यकाल साल 2021 में समाप्त हो रहा है. हरिद्वार जिले में पंचायत चुनाव 2021 में कराया जाएगा. हालांकि, हरिद्वार जिले में कुल 306 ग्राम पंचायत, 6 क्षेत्र पंचायत और एक जिला पंचायत है. इसके साथ ही प्रदेश के बाकी बचे 12 जिलों में कुल 7491 ग्राम प्रधान, 55506 ग्राम पंचायत सदस्य, 2988 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 357 जिला पंचायत सदस्य चुने जाने है.
इस बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र और जिला पंचायत सदस्य के 66344 पदों पर चुनाव होना है. वहीं, राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, चुनाव संबंधी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं.
राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के संबंधित निर्वाचन सामग्री, मतपत्र और मतदाता सूची सब तैयार हो चुकी है. जैसे ही शासन से मतदान के तिथियों की सहमति प्रदान होती है. वैसे ही आचार संहिता लागू हो जाएगी और उसके साथ ही चुनाव के कार्यक्रम जारी कर दिए जाएंगे.
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ऑनलाइन मिलेगी मतगणना की जानकारी
पिछले साल हुए नगर निगम चुनाव की तरह ही इस बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी ऑनलाइन काउंटिंग की व्यवस्था की जाएगी. इस व्यवस्था के तहत कोई भी व्यक्ति या उम्मीदवार अपने घर बैठे ही ऑनलाइन मतगणना की जानकारी ले पायेगा. इसके साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग मतगणना की सटीक जानकारी के लिए मोबाइल ऐप भी जारी करेगा, जिससे हर विकास खण्ड के प्रत्याशियों की राउंड वाइज जानकारी ले पाएंगे.
आचार संहिता में नहीं कर पाएंगे नए काम
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही सभी निर्वाचन क्षेत्रो में आचार संहिता लागू हो जाएगी. हालांकि, प्रदेश के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव होने है, लिहाजा इन क्षेत्रों में कोई नए काम शुरू नहीं हो पाएंगे. साथ ही कोई नया लाइसेंस, नया परमिट, नया राशन कार्ड या फण्ड रिलीज नहीं हो सकता है. साथ ही राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि आचार संहिता के नियमों का उल्लंघन करने पर संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा चुनाव के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी.