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पंचायत चुनाव: आचार संहिता लागू होने के बाद आरक्षण में फेरबदल को लेकर कांग्रेसियों ने विरोध जताया - dehradun news

प्रदेश में आचार संहिता लागू हो गई है.जिसके बाद आरक्षण में हुए बदलाव को लेकर मुख्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट से मुलाकात किया.कांग्रेस पार्टी का कहना है कि राज्य सरकार को जहां-जहां हारने का डर लग रहा है वहां आरक्षण में बदलाव किया जा रहा है जो कि गलत है, कांग्रेस इसका तीव्र विरोध करेगी.

सचिवालय
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Published : Sep 18, 2019, 11:05 PM IST

देहरादून: राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. आरक्षण में हुए बदलाव पर कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में मुख्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा. साथ ही इस संबंध मे सचिवालय स्थित राज्य के मुख्य सचिव उत्पल कुमार से मुलाकात की और उन्हें भी एक ज्ञापन सौंपा. दरअसल, कांग्रेस आचार संहिता लगने के बाद आरक्षण में बदलाव को लेकर विरोध जता रही है.

पढे़ं:गजबः रोडवेज बसों में सीट बेल्ट नहीं, कैसे हो एमबी एक्ट का पालन, जिम्मेदार दे रहे ये दलील

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश में पंचायत चुनाव होने है. जब चुनाव का समय आया तो सरकार ने आरक्षण लागू कर दिया. आरक्षण के विरोध में कुछ लोग हाई कोर्ट चले गए. वहीं, हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए कि मामले में दोबारा जांच किया जाए.

उन्होंने बताया कि यह आदेश 11 सितंबर का था और 11 सितंबर के आदेश के परिपेक्ष्य में बीती 12 सितंबर को सरकार को आरक्षण की सुनवाई करती है. उसका परिणाम कुछ हद तक ठीक किया गया है. बीते 13 सितंबर को आरक्षण में परिवर्तन की सूची निर्वाचन आयोग को सौंप दी गई है .

पढ़ें:पंचायत चुनावः प्रत्याशियों को लेकर बीजेपी ने की रायशुमारी, दावेदारों ने किए आवेदन

वहीं, उन्होंने कहा कि जब अधिसूचना जारी हो जाती है तो फिर उसके बाद परिवर्तन की कोई गुंजाइश नहीं रहती है. लेकिन सरकार ने दोबारा 16 सितंबर को आरक्षण में परिवर्तन कर दिया, जो कि एक गंभीर मामला है. उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अधिकारी सरकार के दबाव में ऐसे फैसले न लें. कांग्रेस इसका मुखर विरोध करती है. चुनावों के बाद कांग्रेस पार्टी इस मामले को लेकर न्यायालय का रुख करेगी और न्यायालय को बताएगी कि बीजेपी किस तरह से संवैधानिक व्यवस्थाओं को ध्वस्त करने का काम कर रही है.

देहरादून: राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. आरक्षण में हुए बदलाव पर कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में मुख्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा. साथ ही इस संबंध मे सचिवालय स्थित राज्य के मुख्य सचिव उत्पल कुमार से मुलाकात की और उन्हें भी एक ज्ञापन सौंपा. दरअसल, कांग्रेस आचार संहिता लगने के बाद आरक्षण में बदलाव को लेकर विरोध जता रही है.

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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश में पंचायत चुनाव होने है. जब चुनाव का समय आया तो सरकार ने आरक्षण लागू कर दिया. आरक्षण के विरोध में कुछ लोग हाई कोर्ट चले गए. वहीं, हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए कि मामले में दोबारा जांच किया जाए.

उन्होंने बताया कि यह आदेश 11 सितंबर का था और 11 सितंबर के आदेश के परिपेक्ष्य में बीती 12 सितंबर को सरकार को आरक्षण की सुनवाई करती है. उसका परिणाम कुछ हद तक ठीक किया गया है. बीते 13 सितंबर को आरक्षण में परिवर्तन की सूची निर्वाचन आयोग को सौंप दी गई है .

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वहीं, उन्होंने कहा कि जब अधिसूचना जारी हो जाती है तो फिर उसके बाद परिवर्तन की कोई गुंजाइश नहीं रहती है. लेकिन सरकार ने दोबारा 16 सितंबर को आरक्षण में परिवर्तन कर दिया, जो कि एक गंभीर मामला है. उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अधिकारी सरकार के दबाव में ऐसे फैसले न लें. कांग्रेस इसका मुखर विरोध करती है. चुनावों के बाद कांग्रेस पार्टी इस मामले को लेकर न्यायालय का रुख करेगी और न्यायालय को बताएगी कि बीजेपी किस तरह से संवैधानिक व्यवस्थाओं को ध्वस्त करने का काम कर रही है.

Intro:राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद आरक्षण में हुए बदलाव पर कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में मुख्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा इसके बाद कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध मे सचिवालय स्थित राज्य के मुख्य सचिव उत्पल कुमार से मुलाकात की और उन्हें भी एक ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि राज्य सरकार को जहां-जहां हारने का डर लग रहा है वहां आरक्षण में बदलाव किया जा रहा है जो कि गलत है, कांग्रेस इसका तीव्र विरोध करेगी। दरअसल कांग्रेस आचार संहिता लगने के बाद आरक्षण में परिवर्तन को लेकर विरोध जता रही है।


Body:कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश के भीतर पंचायत चुनाव गतिमान है और जब चुनाव गतिमान हुए तो सरकार ने आरक्षण लागू कर दिया। उस आरक्षण के विरोध में कुछ लोग हाई कोर्ट चले गए और हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए कि इसको दोबारा एग्जामिन किया जाए। यह आदेश 11 सितंबर का था और 11 सितंबर के आदेश के परिपेक्ष में बीती 12 सितंबर को सरकार द्वारा आरक्षण की सुनवाई की जाती है और उसमें जो भी उचित हो सकता था वो सरकार करती है। बीते 13 सितंबर को आरक्षण में परिवर्तन की सूची निर्वाचन आयोग को सौंप दी जाती है ।प्रीतम सिंह ने बताया कि जब अधिसूचना जारी हो जाती है तो फिर उसके बाद परिवर्तन की कोई गुंजाइश नहीं रहती है, लेकिन सरकार ने दोबारा 16 सितंबर को आरक्षण में परिवर्तन कर दिया जो कि एक गंभीर मामला है। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अधिकारी सरकार के दबाव में ऐसे फैसले ना लें। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा दरअसल पंचायत चुनाव से बौखला कर अधिकारियों पर दबाव बनाकर इस तरह के कृत्यों को अंजाम दे रही है। कांग्रेस का मुखर विरोध करती है ।चुनावों के बाद कांग्रेस पार्टी इस मामले को लेकर न्यायालय का रूप करेगी और न्यायालय को बताएगी कि भाजपा किस तरह से संवैधानिक व्यवस्थाओं को ध्वस्थ करने का काम कर रही है।
बाइट प्रीतम सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष


Conclusion: दरअसल बीती 13 सितंबर को राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 16 सितंबर को राज्य निर्वाचन आयोग ने शब्दावली में 20 बताकर केदार वाला को अनुसूचित जनजाति की जगह अनुसूचित जनजाति महिला कर दिया है जिस पर कांग्रेस ने अपनी आपत्ति जताई है।
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