देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए त्रिवेंद्र सरकार ने दो दिनों के लिए पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया है. इस दौरान राज्य की सीमाएं भी सील रहेंगी. लॉकडाउन के बीच देहरादून शहर के सबसे व्यस्त पलटन बाजार को शुक्रवार से ही बंद कर दिया गया है. दरअसल, पलटन बाजार में दो व्यापारियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद पूरे बाजार को बंद कर सैनिटाइज किया जा रहा है.
बैरिकेटिंग लगाकर पूरे बाजार को सील किया गया है और लोगों की आवाजाही बंद की गई है. हालांकि, इस दौरान जिला प्रशासन आवश्यक सेवाओं के लिए छूट दे रहा है. लॉकडाउन पर बोलते हुए दून व्यापार मंडल के प्रवक्ता विजय कोहली ने कहा कि घंटाघर से मिशन स्कूल तक 144 दुकानें बंद हैं, जिसकी वजह से बाजार के व्यापारियों को करीब 20-25 लाख रुपए प्रतिदिन का नुकसान हो रहा है.
ये भी पढ़ें: 'ब्लैक गोल्ड' की बढ़ रही 'चमक', जानिए कैसे तय होती हैं तेल की कीमतें
उत्तराखंड में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. प्रदेश में अभी तक 3 हजार 982 मामले सामने आ चुके हैं. प्रदेश में कोरोना से रिकवरी रेट 70% से अधिक चल रहा है. पूरे प्रदेश में एक्टिव केस करीब 900 है. वहीं, उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लॉकडाउन का सख्ती से पालन करवाने के लिए मुख्य सचिव उत्पल कुमार की अध्यक्षता में सचिवालय में एक अहम बैठक हुई. बैठक के बारे में बोलते हुए स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने कहा कि बैठक में अधिकारियों को लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने और कोरोना संक्रमण रोकने पर चर्चा हुई.
पलटन बाजार देहरादून का सबसे लोकप्रिय बाजार
अंग्रेजों के जमाने में बसा तकरीबन 120 साल पुराना पलटन बाजार दून की आन-बान-शान है. यही वजह है कि देहरादून का भ्रमण तब तक पूरा नहीं माना जाता, जब तक कि रंगीन पलटन बाजार न घूम लिया जाए. एक जो पलटन बाजार चला गया, उसे बाजार से खाली हाथ लौटने का मन नहीं करता. क्योंकि यह बाजार हर वर्ग की पॉकेट का ख्याल रखता है. घंटाघर तक फैले इस बाजार में हर तरह की चीजें उपलब्ध होती हैं. अगर आप मोलभाव करने का हुनर रखते हैं तो यहां बहुत सारी वस्तुएं न्यूनतम दाम पर खरीद सकते हैं. ब्रिटिश हुकूमत के दौर में पलटन बाजार के समीप सैन्य छावनियां थीं और सेना की आवाजाही के कारण पूरा क्षेत्र 'पलटन बाजार' कहलाया.