देहरादून: कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार में अब ऑक्सीजन की किल्लत दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. ऐसे कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं जहां ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों की जान जा रही है. उधर उत्तराखंड पुलिस तंत्र में भी लगातार संक्रमित कर्मचारियों की संख्या बढ़ती जा रही है. अभी तक कोरोना के दूसरे चरण में 300 से अधिक पुलिसकर्मी पॉजिटिव हो चुके हैं. ऐसे में संक्रमण के कारण गंभीर अवस्था से जूझ रहे पुलिसकर्मियों के बेहतर उपचार के दृष्टिगत पुलिस मुख्यालय ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है. राज्य के सभी 13 जिलों और 6 बटालियन के लाइन अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड तैयार करने की व्यवस्था शुरू कर दी है.
पुलिस लाइनों में ऑक्सीजन बेड तैयार करने की जिम्मेदारी SDRF फोर्स को दी गई है. इस मामले में डीजीपी अशोक कुमार भी गंभीर हैं. उन्होंने सभी 13 जनपदों के एसपी-एसएसपी और पीएसी व आईआरबी बटालियन के कमांडेंट को पुलिस लाइन स्थित अस्पतालों में गम्भीर रूप से संक्रमित पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों के लिए एहतियातन बिना देरी किये ऑक्सीजन बेड तैयार करने के निर्देश दिए हैं.
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माना जा रहा है कि जिस तरह से कोरोना संक्रमित बीमार मरीजों के उपचार के लिए अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत बढ़ती जा रही है, उसको देखते पुलिस विभाग में भी ये समस्या आ सकती है. हालांकि वर्तमान में किसी भी कोरोना संक्रमित पुलिसकर्मी की हालत ज्यादा चिंताजनक नहीं है, इसके बावजूद ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था बनाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
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छोटे पुलिस लाइनों में तीन और बड़ी में पांच से दस ऑक्सीजन बेड होंगे
पुलिस मुख्यालय के मुताबिक राज्य के 9 जिलों की छोटी पुलिस लाइनों में कम से कम तीन ऑक्सीजन सिलेंडर बेड तैयार किए जाने के निर्देश दिए गए हैं. जबकि देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल व उधम सिंह नगर जैसे बड़े जिलों की पुलिस लाइनों में 5 से 10 ऑक्सीजन बेड एहतियातन जल्द से जल्द तैयार करने के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. वहीं, पीएसी व आईआरबी की 6 बटालियन में भी ऑक्सीजन बेड तैयार किए जाएंगे.
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संक्रमित पुलिसकर्मी और उनके परिजनों को मिलेगी राहत
वहीं, पुलिस लाइनों में ऑक्सीजन बेड तैयार करने के संबंध में जानकारी देते हुए डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि ऐसा प्रयास किया जा रहा है कि जनपदों के पुलिस लाइन और बटालियन में जितनी जल्दी हो सके ऑक्सीजन सिलेंडर वाले बैड तैयार किए जाएं, ताकि गंभीर रूप से संक्रमित पुलिसकर्मी और उनके परिजनों को उपचार के दौरान ऑक्सीजन से राहत मिल सके. डीजीपी के अनुसार ऑक्सीजन बेड तैयार करने के लिए एसडीआरएफ को जिम्मेदारी दी गई है.