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आउटसोर्सिंग कर्मियों की हड़ताल ने बढ़ाई मुसीबत, स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई

आउटसोर्सिंग कर्मियों ने दून मेडिकल कॉलेज के नए ओपीडी भवन के सामने धरना प्रदर्शन किया. बता दें कि कोरोना काल में पीआरडी के माध्यम से आउटसोर्सिंग से अस्पताल में तैनात किए गए नर्सिंग और अन्य स्टाफ की सेवा समाप्ति का आज अंतिम दिन है. इन कर्मचारियों का हड़ताल पर जाने से सबसे अधिक दून अस्पताल की व्यवस्थाएं बाधित हो रही हैं.

आउटसोर्सिंग कर्मियों की हड़ताल
आउटसोर्सिंग कर्मियों की हड़ताल
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Published : Feb 28, 2021, 6:00 PM IST

देहरादून: उपनल कर्मियों और पीआरडी कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से दून मेडिकल कॉलेज में मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का सरकार के खिलाफ धरना रविवार को भी जारी रहा. आउटसोर्सिंग कर्मचारी अनुबंध समाप्त होने के बाद धरनारत हैं.

आउटसोर्सिंग कर्मियों की हड़ताल

पीआरडी कर्मियों ने दून मेडिकल कॉलेज के नए ओपीडी भवन के सामने धरना प्रदर्शन किया. बता दें कि कोरोना काल में पीआरडी के माध्यम से आउटसोर्सिंग से अस्पताल में तैनात किए गए नर्सिंग और अन्य स्टाफ की सेवा समाप्ति का आज अंतिम दिन है. इन कर्मचारियों का हड़ताल पर जाने से सबसे अधिक दून अस्पताल की व्यवस्थाएं बाधित हो रही हैं. अस्पताल को पैथोलॉजी जांचों, रजिस्ट्रेशन से लेकर अन्य कार्यों की व्यवस्थाएं बनाने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: आम आदमी पार्टी का बढ़ा कुनबा, बीजेपी नेता समेत सैकड़ों लोगों ने ग्रहण की सदस्यता

पीआरडी कर्मी आराधना डंगवाल का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारी अपनी आवाज मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि हटाए जा रहे कर्मियों को दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में पुनः तैनाती दी जाए.

उन्होंने कहा कि प्रशासन की तरफ से हमें 3 माह के लिए सेवा विस्तार दिए जाने का आश्वासन दिया गया है, लेकिन समस्त कर्मचारी यह चाहते हैं कि हमारा अनुबंध 1 साल तक के लिए और बढ़ाया जाए. इधर, कोविड संक्रमण काल में अपनी जान जोखिम में डालकर सेवाएं दे चुके आउटसोर्सिंग कर्मी संजय सिंह का कहना है कि 28 फरवरी को 300 से अधिक कर्मचारियों का अनुबंध समाप्त हो रहा है, ऐसे में उन्हें दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में पुनः तैनाती दी जाए.

देहरादून: उपनल कर्मियों और पीआरडी कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से दून मेडिकल कॉलेज में मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का सरकार के खिलाफ धरना रविवार को भी जारी रहा. आउटसोर्सिंग कर्मचारी अनुबंध समाप्त होने के बाद धरनारत हैं.

आउटसोर्सिंग कर्मियों की हड़ताल

पीआरडी कर्मियों ने दून मेडिकल कॉलेज के नए ओपीडी भवन के सामने धरना प्रदर्शन किया. बता दें कि कोरोना काल में पीआरडी के माध्यम से आउटसोर्सिंग से अस्पताल में तैनात किए गए नर्सिंग और अन्य स्टाफ की सेवा समाप्ति का आज अंतिम दिन है. इन कर्मचारियों का हड़ताल पर जाने से सबसे अधिक दून अस्पताल की व्यवस्थाएं बाधित हो रही हैं. अस्पताल को पैथोलॉजी जांचों, रजिस्ट्रेशन से लेकर अन्य कार्यों की व्यवस्थाएं बनाने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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पीआरडी कर्मी आराधना डंगवाल का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारी अपनी आवाज मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि हटाए जा रहे कर्मियों को दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में पुनः तैनाती दी जाए.

उन्होंने कहा कि प्रशासन की तरफ से हमें 3 माह के लिए सेवा विस्तार दिए जाने का आश्वासन दिया गया है, लेकिन समस्त कर्मचारी यह चाहते हैं कि हमारा अनुबंध 1 साल तक के लिए और बढ़ाया जाए. इधर, कोविड संक्रमण काल में अपनी जान जोखिम में डालकर सेवाएं दे चुके आउटसोर्सिंग कर्मी संजय सिंह का कहना है कि 28 फरवरी को 300 से अधिक कर्मचारियों का अनुबंध समाप्त हो रहा है, ऐसे में उन्हें दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में पुनः तैनाती दी जाए.

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