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मनरेगा कर्मियों को हटाने के आदेश होंगे निरस्त, मिलेगा वेतन वृद्धि का लाभ - मनरेगा कर्मियों को हटाने के आदेश निरस्त

उत्तराखंड में किसी भी मनरेगा कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला जाएगा. जबकि, इससे पहले करीब 250 मनरेगा कर्मियों की सेवाएं खत्म करने के आदेश भी जारी किए गए थे.

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Published : Jun 2, 2021, 10:02 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में मनरेगा कर्मियों की हड़ताल को 80 दिन पूरे हो गए हैं. इतना ही नहीं हड़ताल को लेकर अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार की नाराजगी के बाद करीब ढाई सौ मनरेगा कर्मियों की सेवाएं खत्म करने के आदेश भी जारी किए गए, लेकिन अब मनरेगा कर्मियों को नहीं हटाया जाएगा. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने काम पर नहीं लौटने वाले मनरेगा कर्मचारियों की सेवाएं खत्म करने वाले आदेश पर रोक लगा दी है.

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) कर्मचारी ग्रेड पे की मांग को लेकर पिछले 80 दिनों से हड़ताल पर हैं. मौजूदा हालतों से यह तो तय है कि सरकार इन कर्मचारियों को ग्रेड पे देने के मूड में बिल्कुल भी नहीं है, लेकिन ईटीवी भारत को मिली जानकारी की मानें तो सरकार इन कर्मचारियों के वेतन बढ़ाने पर विचार कर रही है.

उधर, अपर मुख्य सचिव की ओर से निजी एजेंसी के माध्यम से कर्मियों के काम करने को लेकर जो विकल्प दिया गया था. उस पर भी फिलहाल विराम लगता हुआ नजर आ रहा है. सरकार ने साफ कर दिया है कि मनरेगा कर्मियों की पूर्व की तरह स्थितियां रहेंगी.

ये भी पढ़ेंः चरणबद्ध तरीके से खुलेगा कोविड कर्फ्यू, फिलहाल राहत की नहीं उम्मीद

बता दें कि अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार के आदेश के बाद ग्रामीण विकास विभाग ने 29 मई तक हड़ताल से वापस न आने वाले कर्मियों को हटाने के निर्देश दिए गए थे. ऐसे में हरिद्वार, उधम सिंह नगर और पौड़ी जिले में करीब 250 कर्मियों को हटाए के आदेश भी हुए थे.

अब इस आदेशों को जल्द ही निरस्त कर दिया जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पहले ही इस मामले पर कर्मियों को नहीं निकालने की बात कह चुके हैं. इस मामले पर ईटीवी भारत ने जब शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल से बात की तो उनका सौफतौर कहना है कि किसी भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला जाएगा. यदि ऐसा कोई आदेश हुआ है तो वह भी निरस्त किया जाएगा.

देहरादूनः उत्तराखंड में मनरेगा कर्मियों की हड़ताल को 80 दिन पूरे हो गए हैं. इतना ही नहीं हड़ताल को लेकर अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार की नाराजगी के बाद करीब ढाई सौ मनरेगा कर्मियों की सेवाएं खत्म करने के आदेश भी जारी किए गए, लेकिन अब मनरेगा कर्मियों को नहीं हटाया जाएगा. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने काम पर नहीं लौटने वाले मनरेगा कर्मचारियों की सेवाएं खत्म करने वाले आदेश पर रोक लगा दी है.

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) कर्मचारी ग्रेड पे की मांग को लेकर पिछले 80 दिनों से हड़ताल पर हैं. मौजूदा हालतों से यह तो तय है कि सरकार इन कर्मचारियों को ग्रेड पे देने के मूड में बिल्कुल भी नहीं है, लेकिन ईटीवी भारत को मिली जानकारी की मानें तो सरकार इन कर्मचारियों के वेतन बढ़ाने पर विचार कर रही है.

उधर, अपर मुख्य सचिव की ओर से निजी एजेंसी के माध्यम से कर्मियों के काम करने को लेकर जो विकल्प दिया गया था. उस पर भी फिलहाल विराम लगता हुआ नजर आ रहा है. सरकार ने साफ कर दिया है कि मनरेगा कर्मियों की पूर्व की तरह स्थितियां रहेंगी.

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बता दें कि अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार के आदेश के बाद ग्रामीण विकास विभाग ने 29 मई तक हड़ताल से वापस न आने वाले कर्मियों को हटाने के निर्देश दिए गए थे. ऐसे में हरिद्वार, उधम सिंह नगर और पौड़ी जिले में करीब 250 कर्मियों को हटाए के आदेश भी हुए थे.

अब इस आदेशों को जल्द ही निरस्त कर दिया जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पहले ही इस मामले पर कर्मियों को नहीं निकालने की बात कह चुके हैं. इस मामले पर ईटीवी भारत ने जब शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल से बात की तो उनका सौफतौर कहना है कि किसी भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला जाएगा. यदि ऐसा कोई आदेश हुआ है तो वह भी निरस्त किया जाएगा.

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