देहरादून: विधानसभा बजट सत्र के चौथे दिन सदन में बजट की विभागवार चर्चा की गई. इस दौरान महंगाई का मुद्दा पूरे सदन में सबसे ज्यादा गूंजा. नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने प्रदेश में बढ़ रही महंगाई को लेकर राज्य और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. इसके साथ ही प्रदेश में महंगाई सहित अन्य मामलों को लेकर सत्तापक्ष को कटघरे में खड़ा किया.
विधानसभा सत्र के चौथे दिन विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने खूब हंगामा किया. इस दौरान विपक्षी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश में गैस सिलेंडर, खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य सुविधाओं सहित विभिन्न मामलों को लेकर सत्तापक्ष को जमकर लताड़ लगाई. इस दौरान विपक्षी कार्यकर्ताओं ने सदन की कार्रवाई से वर्क आउट कर अपनी नाराजगी भी व्यक्त की.
सदन में मौजूद नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने महंगाई को लेकर कई सवाल उठाए. उनके सवालों के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने कांग्रेस शासित कई राज्यों का विवरण सदन में साझा करते हुए कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों की अपेक्षा उत्तराखंड में महंगाई बिल्कुल भी नहीं है.
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नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि सरकार को सोचना चाहिए, कि वह महंगाई को नियंत्रण में करने के लिए क्या काम कर रही है, लेकिन राज्य में मंहगाई चरम पर है. यह बात राज्य सरकार बिल्कुल भी मानने को तैयार ही नहीं है. नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि प्रदेश में बिजली के दाम, बसों के किराए और पानी के बिल सहित जितनी भी मूलभूत सुविधाएं हैं उन सब के दामों में भारी वृद्धि की गई है. आम जनता मंहगाई से त्रस्त हो गई है, लेकिन सरकार ये मानने को बिल्कुल भी तैयार नहीं कि देश सहित प्रदेश में महंगाई चरम पर पहुंच गई है.
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वही, संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक का कहना है कि महंगाई दो तरीके से देखी जाती है. पहली राज्य की प्रति-व्यक्ति आय कितनी है? और वस्तुओं के दाम क्या है. लिहाजा सदन में प्रति व्यक्ति आय और सकल घरेलू उत्पाद को ध्यान में रख कर रिपोर्ट रखी गई. इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री ने प्रदेश में खाद्य पदार्थो के दाम बताकर अन्य कांग्रेस शासित राज्यों से प्रदेश की तुलना की और कहा कि उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है, जहां कांग्रेस शासित राज्यों की अपेक्षा महंगाई बहुत कम है जो कि सरकार के नियंत्रण में हैं.