देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उन्हें दिल्ली रेफर किया गया है. वह दिल्ली एम्स में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं, लेकिन इसके बाद विपक्ष ने मुख्यमंत्री के बहाने प्रदेश के स्वास्थ्य व्यवस्था पर जोरदार हमला किया. विपक्षी दल कांग्रेस का सरकार पर सीधा हमला इसलिए भी है क्योंकि सीएम के पास ही स्वास्थ्य महकमा है.
दरअसल, बीते दिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कोरोना संक्रमित होने के बाद दून मेडिकल कॉलेज से दिल्ली एम्स के लिए रेफर हो चुके हैं. मेडिकल कॉलेज की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में साफ है कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को हल्का बुखार है और उनके फेफड़ों में हल्का संक्रमण भी है. बस इसी प्रेस रिलीज को जरिया बनाकर विपक्षी दल त्रिवेंद्र सरकार पर हमला बोल रहा है. विपक्ष ने सरकार पर यह कहते हुए हमला किया है कि प्रदेश में हल्के बुखार और हल्के संक्रमण का भी इलाज नहीं है तो उत्तराखंड में संक्रमित हो रहे लोगों का इलाज कैसे हो पा रहा है.
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विपक्ष का कहना है कि इससे पहले उत्तराखंड के तमाम बड़े नेता और मंत्री, विधायक भी देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज पर भरोसा करने के बजाए केंद्रीय संस्थानों पर ज्यादा भरोसा करते हुए नजर आए हैं. कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि वह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का स्वास्थ्य जल्द से जल्द ठीक होने की कामना करते हैं. लेकिन, मुख्यमंत्री जिस तरह से दिल्ली गए हैं, उससे यही संदेश जा रहा है कि हल्के संक्रमण में भी उत्तराखंड के बड़े अस्पताल इलाज करने में सक्षम नहीं हैं.
प्रदीप टम्टा ने साधा निशाना
वहीं, राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा कि मुख्यमंत्री जल्द स्वस्थ्य होकर अपना कामकाज संभाले ऐसी वह कामना करते हैं. लेकिन मुख्यमंत्री अपना इलाज कराने के लिए जिस तरह दिल्ली एम्स में भर्ती हुए हैं. उससे लोगों का भरोसा टूट गया है. उन्होंने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अपने राज्य की स्वास्थ्य सुविधाएं इस स्तर की क्यों नहीं है. उन्होंने कहा कि एम्स देहरादून से 40 किलोमीटर दूर ऋषिकेश में भी है. क्या वहां वह सुविधाएं नही हैं, जो सीएम दिल्ली एम्स में हैं. ऋषिकेश का एम्स भी मुख्यमंत्री का इलाज कराने में क्यों असफल हो गया.
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी ने भाजपा सरकार के राज में स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी चरमरा गई है कि आम आदमी को समुचित उपचार नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि इसका जीता जागता प्रमाण है कि राज्य के मुख्यमंत्री को अपना उपचार कराने दिल्ली के अस्पतालों की शरण लेनी पड़ी. राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था में पहले से ही बदहाल थी, लेकिन अब कोरोना महामारी के चलते पूरी तरह से चरमरा गई है. कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि ऋषिकेश एम्स कोरोना से संक्रमित मरीजों के लिए मौत का कुआं बनता जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि विश्व स्तरीय चिकित्सा का दावा करने वाले ऋषिकेश एम्स में कोरोना से संक्रमित मरीजों को सही उपचार नहीं मिल रहा है. स्वास्थ्य महकमा भगवान भरोसे चल रहा है.
नेता प्रतिपक्ष ने की सीएम के जल्द स्वास्थ्य होने की कामना
प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने मुख्यमंत्री के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मंगलवार को फोन पर मुख्यमंत्री से मेरी बात हुई है और सीएम फिलहाल ठीक हैं. इन हालातों में बेहतर इलाज की जरूरत है. ऐसे में एम्स दिल्ली में स्पेशलिस्ट डॉक्टर हैं, जिससे मुख्यमंत्री को बेहतर इलाज मिल सकेगा.
वहीं, सुशीला तिवारी अस्पताल में कोविड-19 के मरीजों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताते हुए कहा कि सुशीला तिवारी की व्यवस्था ठीक करने की जरूरत है. जिससे कि लोगों को उचित इलाज मिल सके. उन्होंने कहा कि इस बार कैबिनेट में भी सुशीला तिवारी अस्पताल की व्यवस्था को लेकर चर्चा की थी और अस्पताल की व्यवस्था को लेकर कुछ बजट भी सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं.