मसूरीः प्रदेश सरकार द्वारा मसूरी आने वाले पर्यटकों पर लगाए जाने वाले सेस टैक्स का विरोध शुरू हो गया है. इस संबंध में मसूरी मजदूर संघ ने प्रेस वार्ता कर विरोध जताया है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा मसूरी के गांधी चौक पर आयोजित कार्यक्रम में बैटरी द्वारा संचालित वाहनों से पर्यटकों को निःशुल्क यात्रा की सेवा देने की घोषणा की है, जिसको लेकर पर्यटकों से सेस वसूला जाएगा. साथ ही मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा आवास सचिव के निर्देशों पर सेस टैक्स वसूलने की तैयारी भी शुरू कर दी है.
मजदूर नेता भगवान सिंह चौहान और देवी गोदियाल ने कहा कि सरकार का मसूरी में सेस टैक्स लगाने का निर्णय पूरी तरीके से अव्यवहारिक है. ब्रिटिश काल से मजदूर स्वरोजगार रिक्शा चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं. सरकार रिक्शा चालकों के साथ धोखा कर रही है. इसे मजदूर संघ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा.
उन्होंने कहा कि नगर पालिका परिषद के अधीन रिक्शा संचालित होते हैं, लेकिन सरकार द्वारा न तो नगर पालिका प्रशासन और न ही मजदूर संगठनों से इस संबंध में वार्ता कर सेस टैक्स के बारे में जानकारी दी गई और न ही सेस टैक्स के एवज में पर्यटकों को दी जाने वाली सुविधा के बारे में बताया गया.
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उन्होंने कहा कि सरकार रिक्शा चालकों को मानदेय पर रखना चाहती है, पर रिक्शा चालक मानदेय पर काम नहीं करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार शहर में पर्यटकों को बेहतर सुविधा देने को लेकर कोई योजना लाती है तो सबसे पहले मसूरी मजदूर संघ और नगर पालिका प्रशासन को योजना से अवगत कराया जाए.
यदि ऐसा नहीं होता है तो मजदूर संघ इसके खिलाफ सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा. वहीं सरकार रिक्शा चालकों की रोजी-रोटी को प्रभावित करने का कार्य करती है तो समस्त मजदूर संगठन विधायक गणेश जोशी और प्रदेश सरकार के विरूद्ध आंदोलन करने को मजबूर होगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी.