देहरादून: कोरोना महामारी को देखते हुए राज्य सरकार ने खर्चों में कटौती करते हुए नियमित नियुक्तियों और कई तरह के खर्चों पर रोक लगा दी थी. बीते रोज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साफ किया है कि प्रदेश सरकार नई भर्तियों पर रोक नहीं लगाई है. केवल नए पदों के सृजन पर रोक लगी है. जिस पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने सरकार से पर निशाना साधा है.
नेता प्रतिपक्ष हृदयेश ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से सरकारी नौकरियों को लेकर लगातार विरोधाभासी बयान सामने आ रहे हैं. बीती 10 जून को जारी शासनादेश के अनुसार यह बताया गया था कि उत्तराखंड सरकार द्वारा नई नियुक्तियां नहीं की जाएंगी. अब जनता के दबाव में इस आदेश को संशोधित कर कहा जा रहा है कि विभागों में जो पद रिक्त हैं उन सभी पदों पर नियुक्तियां की जाएगी.
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नेता प्रतिपक्ष हृदयेश ने प्रदेश सरकार से कहा कि प्रदेश में जितने भी पद रिक्त हैं तत्काल उनकी विज्ञप्ति जारी करते हुए नई नियुक्तियों को खोला जाए. क्योंकि इस समय प्रदेश में बेरोजगारी की सर्वाधिक दर है.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण जिन लोगों को बीते तीन माह का वेतन नहीं मिला है सरकार उनको वेतन दिलाने के लिए कड़े नियम बनाये. इस महामारी की मार से आय के साधन दिनों दिन कम होने के कारण प्रदेश की जनता बेहद परेशान हैं. ऐसे मे भारी संख्या में प्रवासी श्रमिकों की वापसी होने से उत्तराखंड में बेरोजगारों की संख्या में भारी वृद्धि होती जा रही है. अब शासन की जिम्मेदारी बनती है कि इस संकट काल में परेशान जनता के लिए रोजगार के अवसर सृजित किए जाएं और स्पष्ट नीति बनाकर प्रदेश की जनता की रोजी-रोटी की सुरक्षा की गारंटी दी जाए.