देहरादून: मोदी सरकार की दूसरी पारी में शिक्षा मंत्रालय संभाल रहे रमेश पोखरियाल निशंक ने आज इस्तीफा दे दिया है. कैबिनेट से फ्री होने के बाद रमेश पोखरियाल 'निशंक' का पार्टी कहां इस्तेमाल कर सकती है, इसको लेकर जानकारों की अपनी-अपनी राय है.
बुधवार को शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि इस बात की अटकलें काफी दिनों से लगाई जा रही थी कि केंद्रीय कैबिनेट में बदलाव के चलते 'निशंक' को हटाया जा सकता है. यह चर्चा उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन के साथ शुरू हुई थी. अटकलें लगाई जा रही थी कि हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक को केंद्रीय कैबिनेट से हटाकर उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है, मगर ऐसा नहीं हुआ.
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उसके बाद आज मोदी कैबिनेट के विस्तार से पहले रमेश पोखरियाल 'निशंक' को कैबिनेट से हटा दिया गया. अब सवाल ये है कि उन्हें पार्टी में कहां एडजस्ट किया जाएगा. माना जा रहा है कि संगठन का इस वक्त पूरा फोकस आगामी 2022 विधानसभा चुनाव पर है. जिसको लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि रमेश पोखरियाल निशंक आने वाले दिनों में भाजपा का बड़ा चेहरा हो सकते हैं. निशंक ने उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड तक सरकारों में मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री जैसे पदों पर काम किया है. उनका अनुभव काफी बड़ा है. जिसे देखते हुए हो सकता है कि पार्टी 2022 के विधानसभा चुनाव में उनके चेहरे को प्रोजेक्ट कर सकती है.
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वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत मानते हैं कि भाजपा रमेश पोखरियाल निशंक की कुशलता और योग्यता से वाकिफ है. जिसे देखते हुए फिलहाल उन्हें या तो प्रदेश में संगठन की कमान दी जा सकती है, या फिर उन्हें राष्ट्रीय संगठन में भी महामंत्री, उपाध्यक्ष या फिर किसी राज्य की जिम्मेदारी दी जा सकती है.
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वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा कहते हैं रमेश पोखरियाल निशंक को 2022 के चुनाव संचालन समिति की कमान दी जा सकती है. उनके ही सुपर विजन में उत्तराखंड में चुनाव लड़ा जा सकता है. डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक भाजपा की एक मजबूत कड़ी हैं.
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इसके बाद एक और सवाल खड़ा होता है कि अगर निशंक को प्रदेश में लाया जाता है तो मौजूद हैवीवेट नेताओं को पार्टी कहां एडजस्ट करेगी. यहां पहले ही उत्तराखंड से दो पूर्व मुख्यमंत्री फ्री हो चुके हैं. जिन्हें संगठन को कहीं ना कहीं एडजस्ट करना है.