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वन विभाग की कार्यशाला, वैज्ञानिकों ने बताया सैलिक्स प्रजाति के पौधों का महत्व - dehradun news

वन अनुसंधान कालसी देहरादून द्वारा एक दिवसीय सैलिक्स प्रजाति पौधों के महत्व को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.

Importance of salix species plants
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Published : Mar 20, 2021, 4:00 PM IST

विकासनगरः वन संवर्धन क्षेत्र हल्द्वानी व वन अनुसंधान कालसी देहरादून के तत्वधान में सैलिक्स प्रजाति पौधों का महत्व के अंतर्गत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन ब्लॉक सभागार कालसी में किया गया, जिसमें डॉ. जेपी शर्मा वानिकी एवं उद्यानिकी विश्वविद्यालय सोलन हिमाचल प्रदेश द्वारा लोगों को जानकारी दी गई.

वन अनुसंधान कालसी देहरादून द्वारा सैलिक्स प्रजाति के पौधों के महत्व के बारे में एक दिवसीय कार्यशाला में आश्रम पद्धति विद्यालय कालसी हरिपुर के छात्रों ने प्रतिभाग किया. साथ ही क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और वन विभाग के कर्मचारी व अधिकारी ने भी इस कार्यशाला में प्रतिभाग किया.

वहीं, डॉ. जेपी शर्मा ने विलो सैलिक्स पेड़ के बारे में बताया कि इस वृक्ष की लकड़ी का उपयोग हम विभिन्न कार्यों में ले सकते हैं. जैसे खेल के सामान में, क्रिकेट के बैट, घर के फर्नीचर. साथ ही इसकी पत्तियों और टहनियों को चारे में बकरी पालन में उपयोग किया जा सकता है. वहीं, यह लकड़ी काफी हल्की व मजबूत होने के चलते इस लकड़ी का उपयोग फर्नीचर व इस वृक्ष के उपयोग से उर्जा भी तैयार की जा सकती है.

ये भी पढ़ेंः रावल ने नये सीएम का जताया आभार, योगी से शास्त्र के अनुसार राम मंदिर निर्माण की मांग

वहीं, उद्यानिकी व वानिकी विश्वविद्यालय सोलन हिमाचल प्रदेश के वैज्ञानिक डॉक्टर जेपी शर्मा ने कहा कि कार्यशाला में उत्तराखंड वन विभाग और उद्यानिकी एवं वानिकी अनुसंधान विश्वविद्यालय सोलन हिमाचल प्रदेश एक साथ मिलकर इस प्रजाति को विकसित कर रहा है, जिससे कि आने वाले समय में लोगों को इस प्रजाति का वृक्षारोपण कर इससे आर्थिक लाभ भी मिल सके.

वहीं, वानिकी अनुसंधान रेंज कालसी देहरादून के वन क्षेत्राधिकारी मुकुल कुमार ने बताया कि एक दिवसीय कार्यशाला में सैलिक्स प्रजाति के पौधों के बारे में बताया गया, जिससे कि अधिक से अधिक इसका प्रचार-प्रसार हो सके. इसकी नेट की जानकारी वैज्ञानिक जेपी शर्मा ने कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को दी

विकासनगरः वन संवर्धन क्षेत्र हल्द्वानी व वन अनुसंधान कालसी देहरादून के तत्वधान में सैलिक्स प्रजाति पौधों का महत्व के अंतर्गत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन ब्लॉक सभागार कालसी में किया गया, जिसमें डॉ. जेपी शर्मा वानिकी एवं उद्यानिकी विश्वविद्यालय सोलन हिमाचल प्रदेश द्वारा लोगों को जानकारी दी गई.

वन अनुसंधान कालसी देहरादून द्वारा सैलिक्स प्रजाति के पौधों के महत्व के बारे में एक दिवसीय कार्यशाला में आश्रम पद्धति विद्यालय कालसी हरिपुर के छात्रों ने प्रतिभाग किया. साथ ही क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और वन विभाग के कर्मचारी व अधिकारी ने भी इस कार्यशाला में प्रतिभाग किया.

वहीं, डॉ. जेपी शर्मा ने विलो सैलिक्स पेड़ के बारे में बताया कि इस वृक्ष की लकड़ी का उपयोग हम विभिन्न कार्यों में ले सकते हैं. जैसे खेल के सामान में, क्रिकेट के बैट, घर के फर्नीचर. साथ ही इसकी पत्तियों और टहनियों को चारे में बकरी पालन में उपयोग किया जा सकता है. वहीं, यह लकड़ी काफी हल्की व मजबूत होने के चलते इस लकड़ी का उपयोग फर्नीचर व इस वृक्ष के उपयोग से उर्जा भी तैयार की जा सकती है.

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वहीं, उद्यानिकी व वानिकी विश्वविद्यालय सोलन हिमाचल प्रदेश के वैज्ञानिक डॉक्टर जेपी शर्मा ने कहा कि कार्यशाला में उत्तराखंड वन विभाग और उद्यानिकी एवं वानिकी अनुसंधान विश्वविद्यालय सोलन हिमाचल प्रदेश एक साथ मिलकर इस प्रजाति को विकसित कर रहा है, जिससे कि आने वाले समय में लोगों को इस प्रजाति का वृक्षारोपण कर इससे आर्थिक लाभ भी मिल सके.

वहीं, वानिकी अनुसंधान रेंज कालसी देहरादून के वन क्षेत्राधिकारी मुकुल कुमार ने बताया कि एक दिवसीय कार्यशाला में सैलिक्स प्रजाति के पौधों के बारे में बताया गया, जिससे कि अधिक से अधिक इसका प्रचार-प्रसार हो सके. इसकी नेट की जानकारी वैज्ञानिक जेपी शर्मा ने कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को दी

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