देहरादूनः मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साल 2020-21 में विधायक निधि योजना अंतर्गत प्रदेश के 71 विधायकों को दूसरी किस्त के रूप में हर विधायक के लिए 1-1 करोड़ के प्रस्ताव की स्वीकृति दे दी है. इसके बाद अब प्रदेशभर के विधायक अपने क्षेत्रों में विकास योजनाओं के लिहाज से इस मद का इस्तेमाल कर सकेंगे.
बता दें कि विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति देने को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर विधायकों का बेहद ज्यादा दबाव था. अब एक करोड़ की विधायक निधि के लिए स्वीकृति मिलने के बाद विधायक अपने क्षेत्रों में काम करवा सकेंगे. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को लोक निर्माण विभाग से जुड़े अधिकारियों के साथ बातचीत की. इस दौरान नगर निगम क्षेत्र में सड़क निर्माण को लेकर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई.
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त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शहर के आबादी वाले क्षेत्रों में मुख्य मार्गों के निर्माण में ब्लैक टाप इंटर लॉकिंग, सीसी टाइल्स या ब्रिक आन एज और पक्की नाली निर्माण का प्राविधान रखने के निर्देश दिए. साथ ही पूर्व में कैबिनेट की ओर लिए गए निर्णय के क्रम में नए मोटर मार्गों के सामान्य अनुरक्षण कार्य के लिए तीन साल तक के लिए निर्माण के अनुबंध में ही प्रावधान करने को कहा. तीन सालों में निर्माण लागत 3 प्रतिशत की दर से प्राविधानित किए जाने की बात भी कही. उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि इन मार्गों के लिए सामान्य अनुरक्षण मद से कोई धनराशि नहीं दी जाएगी.
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नगर निगमों में भी जनप्रतिनिधि कर सकेंगे सड़क निर्माण
अब नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत मार्गों के रख-रखाव और नव निर्माण कार्यों को जन प्रतिनिधि भी अपने क्षेत्रों में क्षेत्र की आवश्यकता के अनुरूप सड़क निर्माण आदि का कार्य करा सकेंगे, लेकिन इसके लिए उन्हें नगर निगम से एनओसी लेनी होगी. मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में नए आंतरिक मार्गों का निर्माण, नवीनीकरण का कार्य संबंधित विकास प्राधिकरणों की ओर से किए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न नगर निगमों के क्षेत्रान्तर्गत मार्गों के निर्माण और रख-रखाव का कार्य करने वाले लोक निर्माण विभाग, नगर निगम, विकास प्राधिकरण या अन्य विभाग इस संबंध में आपसी समन्वय से काम करें, जिससे पूर्व निर्मित मार्गों के स्वामित्व यूटिलिटी संबंधी कार्यों और रख-रखाव आदि में आने वाली व्यवहारिक कठिनाइयों का निराकरण हो सके.