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पतंजलि के नाम पर महिला से ठगे थे 27 लाख, शातिर आरोपी चढ़ा पुलिस के हत्थे - देहरादून समाचार

एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि आरोपी विक्की को ट्रांजिट रिमांड पर देहरादून लाया गया. इसका एक साथी अभी फरार चल रहा है, जिसकी तलाश की जा रही है.

आरोपी
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Published : Jul 3, 2019, 10:51 PM IST

देहरादून: नेहरू कॉलोनी पुलिस ने 27 लाख रुपए की ठगी के मामले में बिहार के नालंदा से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी का नाम विक्की है, जो गिरोह का मास्टर माइंड है. विक्की का एक साथी संजीव फरार चल रहा है. इस गिरोह के कई सदस्य देश के अलग-अलग हिस्सों में इसी तरह की वारदातों को अजाम देते है. पुलिस अभी उनकी तलाश कर रही है.

बता दें कि 22 जून को सेवानिवृत्त शिक्षक सरोज शर्मा निवासी शास्त्री नगर ने नेहरू कॉलोनी थाने में ठगी की एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि कुछ दिनों पहले उन्होंने दैनिक समाचार पत्र में विज्ञापन पढ़ा था. जिसमें पतंजलि आयुर्वेदिक कंपनी का जॉब संबंधी एसएमएस से आवेदन आया था. विज्ञापन में लिखा था कि आप घर बैठे एसएमएस के माध्यम से 40 हज़ार रुपए महीना कमाए.

महिला से 27 लाख की ठगी करने वाला गिरफ्तार

पढ़ें- उत्तराखंड के पूर्व राज्यपाल सुदर्शन अग्रवाल का निधन, 4 जुलाई को रहेगा राजकीय शोक

महिला ने विज्ञापन में दिए गए नंबर पर फोन किया तो उधर से राकेश मल्होत्रा नाम के व्यक्ति ने फोन रिसीव किया. उसने अपने आप को पतंजलि आयुर्वेदिक कंपनी का मैनेजिंग डायरेक्टर बताया. मल्होत्रा ने पतंजलि आयुर्वेदिक कंपनी में इन्वेस्टमेंट करने का झांसा देकर सरोज से अलग-अलग खातों में करीब 27 लाख रुपए डलवाए. इस दौरान वो महिला से लगातार बात करता है. लेकिन कुछ दिनों बाद आरोपी का फोन नंबर बंद आने लगा. जिसके बाद सरोज का एहसास हुआ कि उसके साथ ठगी हुई है.

सरोज ने आरोपी के खिलाफ नहेरू कॉलोनी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सरोज द्वारा बताए गए सभी 9 खातों को खंगाला जिसमें उन्होंने रुपए ट्रांसफर किया था, लेकिन सभी खातों से रकम निकाली जा चुकी थी. सिर्फ एक खाते में ढाई लाख रुपए बैलेंस थे. जिसे पुलिस ने फ्रीज करवा दिया था.

पढ़ें- बिना रजिस्ट्रेशन दौड़ रहे नगर निगम के वाहन, परिवहन विभाग लेगा एक्शन

इसके बाद पुलिस ने आगे की कार्रवाई करते हुए उन सभी नंबरों की डिटेल निकलवाई गई जिन से सरोज को फोन किया गया था. सभी बैंक खाते और फोन पर बिहार के नालंदा जिले से ऑपरेट हो रहे थे. पुलिस ने एक टीम नंलदा भेजी गई. जिसके बाद पुलिस ने वहां से आरोपी विक्की को गिरफ्तार किया. विक्की इस गैंग का मास्ट माइंड बताया जा रहा है. इस गिरोह के कई सदस्य देश के कई जिलों में सक्रिय है, जो इसी तरह लोगों के साथ ठगी किया करते है.

एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि आरोपी विक्की को ट्रांजिट रिमांड पर देहरादून लाया गया. इसका एक साथी अभी फरार चल रहा है, जिसकी तलाश की जा रही है.

देहरादून: नेहरू कॉलोनी पुलिस ने 27 लाख रुपए की ठगी के मामले में बिहार के नालंदा से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी का नाम विक्की है, जो गिरोह का मास्टर माइंड है. विक्की का एक साथी संजीव फरार चल रहा है. इस गिरोह के कई सदस्य देश के अलग-अलग हिस्सों में इसी तरह की वारदातों को अजाम देते है. पुलिस अभी उनकी तलाश कर रही है.

बता दें कि 22 जून को सेवानिवृत्त शिक्षक सरोज शर्मा निवासी शास्त्री नगर ने नेहरू कॉलोनी थाने में ठगी की एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि कुछ दिनों पहले उन्होंने दैनिक समाचार पत्र में विज्ञापन पढ़ा था. जिसमें पतंजलि आयुर्वेदिक कंपनी का जॉब संबंधी एसएमएस से आवेदन आया था. विज्ञापन में लिखा था कि आप घर बैठे एसएमएस के माध्यम से 40 हज़ार रुपए महीना कमाए.

महिला से 27 लाख की ठगी करने वाला गिरफ्तार

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महिला ने विज्ञापन में दिए गए नंबर पर फोन किया तो उधर से राकेश मल्होत्रा नाम के व्यक्ति ने फोन रिसीव किया. उसने अपने आप को पतंजलि आयुर्वेदिक कंपनी का मैनेजिंग डायरेक्टर बताया. मल्होत्रा ने पतंजलि आयुर्वेदिक कंपनी में इन्वेस्टमेंट करने का झांसा देकर सरोज से अलग-अलग खातों में करीब 27 लाख रुपए डलवाए. इस दौरान वो महिला से लगातार बात करता है. लेकिन कुछ दिनों बाद आरोपी का फोन नंबर बंद आने लगा. जिसके बाद सरोज का एहसास हुआ कि उसके साथ ठगी हुई है.

सरोज ने आरोपी के खिलाफ नहेरू कॉलोनी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सरोज द्वारा बताए गए सभी 9 खातों को खंगाला जिसमें उन्होंने रुपए ट्रांसफर किया था, लेकिन सभी खातों से रकम निकाली जा चुकी थी. सिर्फ एक खाते में ढाई लाख रुपए बैलेंस थे. जिसे पुलिस ने फ्रीज करवा दिया था.

पढ़ें- बिना रजिस्ट्रेशन दौड़ रहे नगर निगम के वाहन, परिवहन विभाग लेगा एक्शन

इसके बाद पुलिस ने आगे की कार्रवाई करते हुए उन सभी नंबरों की डिटेल निकलवाई गई जिन से सरोज को फोन किया गया था. सभी बैंक खाते और फोन पर बिहार के नालंदा जिले से ऑपरेट हो रहे थे. पुलिस ने एक टीम नंलदा भेजी गई. जिसके बाद पुलिस ने वहां से आरोपी विक्की को गिरफ्तार किया. विक्की इस गैंग का मास्ट माइंड बताया जा रहा है. इस गिरोह के कई सदस्य देश के कई जिलों में सक्रिय है, जो इसी तरह लोगों के साथ ठगी किया करते है.

एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि आरोपी विक्की को ट्रांजिट रिमांड पर देहरादून लाया गया. इसका एक साथी अभी फरार चल रहा है, जिसकी तलाश की जा रही है.

Intro:थाना नेहरू कॉलोनी पुलिस ने सीनियर सिटीजन सेवानिवृत्त शिक्षक महिला से 27 लाख की ठगी करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड नालंदा बिहार से आरोपी विक्की को गिरफ्तार किया! पुलिस टीम द्वारा तुरंत खातों की सर्विलांस की गई और खातों की स्टेटमेंट प्राप्त की गई तो केवल एक खाते में करीब ढाई लाख रुपए बैलेंस थे,जिसे पुलिस टीम द्वारा तुरंत फ्रीज किया गया,वही इसका साथी संजीव फरार चल रहा है!टीम के गिरोह के अन्य सदस्य भारत के अलग-अलग स्थानों पर सक्रिय है,आरोपी को ट्रांजिट रिमांड की अनुमति प्राप्त की गई और विवेचक ट्रांजिट रिमांड पर लेकर आज आरोपी को लाकर थाना नेहरू कॉलोनी पर लाया गया है, जहां से आज आरोपी को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया!
Body:बता दे की 22 जून को सेवानिवृत्त शिक्षक सरोज शर्मा निवासी शास्त्री नगर, थाना नेहरू कॉलोनी द्वारा थाना नेहरू कॉलोनी पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई की कुछ दिनों पहले दैनिक समाचार पत्र में पतंजलि आयुर्वेदिक कंपनी एसएमएस जॉब संबंधी आवेदन, जिसमें घर बैठे एसएमएस के माध्यम से 40 हज़ार ₹ महीने कमाये जाने संबंधी विज्ञापन प्रकाशित था, महिला द्वारा विज्ञापन में लिखे मोबाइल नंबरों पर बात की गई और रिसीव मोबाइल धारक द्वारा स्वयं को पतंजलि आयुर्वेदिक कंपनी का मैनेजर इन डायरेक्टर राकेश मल्होत्रा बताया गया और महिला को झांसे में लेकर पतंजलि आयुर्वेदिक कंपनी में इन्वेस्टमेंट करने का झांसा दिया और महिला से अलग-अलग खातों में कुल 27 लाख रुपए ठग लिए थे!जब आरोपी का मोबाइल नंबर बंद हुए तब महिला को अपने साथ ठगी का अहसास हुआ।महिला की तहरीर के आधार पर थाना नेहरू कॉलोनी पर मुकदमा पंजीकृत किया गया।और आरोपियों की ग्रिफ्तारी के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया,महिला के खाते से जिन खातों में पैसा ट्रांसफर हुआ, ऐसे कुल 9 खातों में पैसा ट्रांसफर किया गया था। पुलिस टीम द्वारा तुरंत खातों की सर्विलांस की गई और खातों की स्टेटमेंट प्राप्त की गई तो केवल एक खाते में करीब ढाई लाख रुपए बैलेंस थे, जिसे पुलिस टीम द्वारा तुरंत फ्रीज किया गया।

आरोपी द्वारा बताया गया कि उनका एक गिरोह है, जिसमें उसका भाई संजीव मुख्य रूप से सम्मिलित है और गांव के कुछ अन्य लड़के गिरोह में सम्मिलित हैं, जिसमें गिरोह में सब के पास अलग-अलग टास्क होते हैं।कुछ लोग भारत के दूरस्थ स्थानों में दैनिक समाचार पत्रों में अलग-अलग कंपनियों के नाम से विज्ञापन एवं नौकरी दिलाने संबंधी विज्ञापन देते हैं, जिनमें कुछ मोबाइल नंबर दिए होते हैं। मोबाइल नंबर आरोपी विक्की के पास रहते थे, जिनमें यदि किसी का फोन आ गया तो विक्की उन मोबाइल नंबरों को अटेंड करता था, यदि कोई भी कस्टमर फोन करने वाला विक्की के झांसे में आ गया और उसने पैसा जमा करने के लिए हामी भर दी तो विक्की अपने भाई संजीव को जानकारी देता था, उसके बाद संजीव टीम के सदस्य से बात करता था, जिसने अकाउंट खुलवाए हुए हैं एवं टीम का वह सदस्य अकाउंट नंबर देता था, जिसे विकी कस्टमर को देता था और यदि कस्टमर के द्वारा जिस भी अकाउंट में पैसा डाला जाता था, उसमें से सभी को बांट दिया जाता था।टीम के कुछ सदस्य ऐसे होते थे जो पैसा जमा होते ही एटीएम से पैसा निकाल लेते थे और टीम के गिरोह के अन्य सदस्य भारत के अलग-अलग स्थानों पर सक्रिय है।
Conclusion:एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया की नेहरू कॉलोनी थाने में रिटायर्ड शिक्षका ने तहरीर थी कि पंतजलि आयुवैदिक कंपनी में इन्वेस्टमेंट ओर जॉब के नाम पर 27 लाख रुपए अलग अलग खातों में जमा कराए गए।ओर खातो में रुपए डालने के बाद जिन नंबरों से सम्पर्क किया था सभी नंबर बंद हो गए थे।इसके बाद तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत किया गया।और जांच में पता चला कि जो अलग अलग खातो की डिटेल्स निकाली गई।और जिन नम्बरो से फोन आया था उन नम्बरो की भी डिटेल निकाली गई थी।तो पता चला कि बिहार नालन्दा से ऑपरेट हो रहे थे।इस सम्बंध हमारी एक टीम तुरंत नालन्दा बिहार के लिए रवाना हो गई।ओर बिहार से एक आरोपी विक्की को ग्रिफ्तार करके ट्रांजिट रिमांड पर देहरादून लाया गया साथ ही एक अन्य आरोपी फरार चल रहा है।

बाइट-श्वेता चौबे(एसपी सिटी)
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