देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना महामारी (Corona pandemic) में सरकार सीएसआर फंड (CSR fund) के भरोसे दिखाई दे रही है. स्वास्थ्य सेवाओं (Health services) के लिए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Chief Minister Tirath Singh Rawat) भी आम लोगों से मदद की गुहार लगा चुकें, लेकिन इन सबके बावजूद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी महंगे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट (Expensive electronic gadgets) सरकारी खर्चे (government expense)पर खरीदने की फाइल आगे बढ़ाते रहें. क्या है यह पूरा मामला देखिए ETV भारत की Exclusive रिपोर्ट...
सरकारी खर्च पर अधिकारियों की ऐश
तीरथ सरकार महामारी के दौर में आर्थिक संकट से जूझ रही है. जिसकी वजह से स्वास्थ्य सेवाओं को जुटाना काफी मुश्किल हो रहा है. यहां तक की कई कर्मचारियों को महीनों से वेतन तक नहीं मिल पाया है. इस आर्थिक संकट की हालत में भी कुछ सरकारी अधिकारी महंगे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का शौक पूरा करने में जुटे हैं. खास बात यह है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) से इन गैजेट्स को खरीदे जाने की फाइल भी मंजूर कर ली गई है.
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अधिकारियों ने खरीदे मंहगे गैजेट्स
चौंकाने वाली बात यह है कि जब सबका ध्यान कोरोना संक्रमण को लेकर था, उस दौरान इससे जुड़ी फाइल पर तेजी से औपचारिकताएं पूरी की जा रही थी. अंदाजा लगाइए कि विभाग महामारी के इस दौर में करीब 2,04,966 का एप्पल आईपैड खरीद रहा था. यही नहीं एक दूसरे अधिकारी के लिए करीब 1,06,000 का एप्पल आईफोन इलेवन खरीदने की मंजूरी दी जा रही थी.
कोरोना महामारी पर अधिकारियों के शौक भारी
मुमकिन है कि एनएचएम या स्वास्थ्य विभाग के किसी बड़े अधिकारी के लिए इनकी खरीदारी की गई थी. उच्च स्तर के अधिकारियों के लिए इतने महंगे गैजेट्स खरीदने का प्रावधान अगर रहा भी हो, लेकिन सवाल ये उठता है कि जब प्रदेश पाई-पाई के लिए जद्दोजहद कर रहा था. तब अधिकारी अपना शौक पूरा करने के लिए महंगी कंपनियों के गैजेट्स खरीद रहे थे.
हरक सिंह रावत ने जताई नाराजगी
इस मामले में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का कहना है कि "जब प्रदेश पीड़ा से गुजर रहा है, ऐसे समय में यदि कोई लग्जरी जिंदगी जीने के लिए या शौक पूरा करने के लिए ऐसी खरीदारी करता है तो यह नैतिकता नहीं है. हो सकता है कि वह अधिकारी इतने में गैजेट्स खरीदने के लिए अधिकृत हो, लेकिन अधिकारी को नैतिकता भी समझनी चाहिए.भाजपा नैतिक मूल्यों की पार्टी है और ऐसी स्थिति में यदि अधिकारी ऐसा काम करते हैं, तो लोगों तक इसका गलत संदेश जाएगा."
आपदा को असवर बना रहे अधिकारी: कांग्रेस
महामारी काल में अधिकारियों द्वारा महंगे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स खरीदने को कांग्रेस भी गलत मान रही है. मामले में कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि "जब प्रदेश में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और तमाम दूसरी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है. ऐसे मौके पर ऐसी खरीदारी को आपदा में अवसर ना कहे तो और क्या कहा जाए. उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य को लेकर सरकार व्यवस्थाएं नहीं कर पा रही है और अधिकारी ऐसी खरीदारी के जरिए जरूरतमंदों को मुंह चिढ़ा रहे हैं."