देहरादून: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और शिक्षक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर बीसी पांडे के निर्देश पर उत्तराखंड में समाजवादी शिक्षा सभा के पदाधिकारियों की घोषणा की गई है. राज्य में शिक्षक सभा के पदाधिकारी प्राइमरी शिक्षा से लेकर विश्वविद्यालयों, उच्च शिक्षा की दशा एवं दिशा का अध्ययन करेंगे. छात्रों और शिक्षकों के हितों को लेकर सरकार को घेरेंगे.
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सत्यनारायण सचान के मुताबिक उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में पलायन का एक कारण पहाड़ों में गुणवत्ता परक शिक्षा का अभाव भी है. उन्होंने कहा कि बीते 20 सालों में सरकार ने स्कूलों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को नई तकनीक से नहीं जोड़ा है. इसके परिणाम स्वरूप पुस्तकालयों और विज्ञान की प्रयोगशालाओं में आधुनिक उपकरणों का अभाव है.
सचान ने कहा कि माध्यमिक और उच्च शिक्षा में शिक्षकों के सैकड़ों पद रिक्त हैं. गेस्ट फैकल्टी के शिक्षकों से काम लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा की वर्तमान सरकार जो उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 के स्थान पर विश्वविद्यालय का अम्ब्रेला एक्ट 2020 लाई है उससे राजभवन की गरिमा को भी कम किया गया है.
ये भी पढ़ें: रुला देगी इस वायु सेना अफसर की कहानी, कभी रहते थे मिराज-जगुआर के साथ, आज गाय-कुत्ते हैं संगी
डॉ. सचान ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार वास्तव में प्रदेश की उच्च शिक्षा को प्राइवेट हाथों में देने का मन बना चुकी है. इसका समाजवादी पार्टी घोर विरोध करेगी. समाजवादी शिक्षक सभा उत्तराखंड के पदाधिकारी डॉ. हरदयाल यादव को शिक्षक सभा का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है. शंकरलाल कटिहार को प्रदेश अध्यक्ष, प्रोफेसर आरपी भारद्वाज को प्रदेश उपाध्यक्ष, डॉ. एसके शर्मा को प्रदेश उपाध्यक्ष, सुबोध यादव को प्रदेश महासचिव घोषित किया गया है.