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मतदान के दिन हुई थी बड़ी गड़बड़ी, अब 'मॉक पोल' की खुली पोल

4 लोकसभा सीटों के 6 पोलिंग बूथों पर ईवीएम से मॉल पोल डिलीट ही नहीं किए गए. जिसके बाद अब इन सभी 6 बूथों के ईवीएम की मतगणना वीवीपैट की पर्चियों से की जाएगी.

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Published : May 22, 2019, 3:11 PM IST

Updated : May 22, 2019, 4:36 PM IST

देहरादून: लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में 11 अप्रैल को उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर मतदान किया गया था, लेकिन इस दौरान पोलिंग स्‍टेशनों पर मौजूद अधिकारियों की बड़ी एक लापरवाही अब सामने आई है. 4 लोकसभा सीटों के 6 पोलिंग बूथों पर ईवीएम से मॉक पोल डिलीट नहीं किए गए थे. जिसके बाद अब इन सभी 6 बूथों के ईवीएम की मतगणना वीवीपैट (वोटर वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) की पर्चियों से की जाएगी.

पढ़ें- चुनाव के चक्कर में एक हॉल में पढ़ रहे 336 छात्र, शौचालय के बगल में बन रहा मिड डे मील

दरअसल, 11 अप्रैल को उत्तराखंड के सभी 11229 बूथों पर वोटिंग से पहले मॉक पोल किया गया था, ताकि ईवीएम के ठीक होने की पुष्टि की जा सके. मॉक पोल के दौरान पोलिंग बूथ पर पोलिंग एजेंटों के साथ-साथ सभी पार्टियों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे. लेकिन इस दौरान 6 पोलिंग बूथों पर पीठासीन अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. क्योंकि उन्होंने ईवीएम से मॉक पोल को डिलीट ही नहीं किया.

पढ़ें- भारतीय सेना बनाने जा रही नया रिकॉर्ड, 22 हजार फीट की ऊंचाई पर योगाभ्यास करेंगे जवान

इन 6 बूथों में से हरिद्वार लोकसभा सीट के 2 बूथ, अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ लोकसभा सीट के 2 बूथ, नैनीताल-उधम सिंह नगर और टिहरी लोकसभा सीट के एक-एक बूथ शामिल हैं. हालांकि, वीवीपैट मशीन की पर्चियों को सील बंद किया गया था. इन 6 बूथों के पीठासीन अधिकारियों की लापरवाही के चलते ईवीएम में मॉक पोल के साथ-साथ सामान्य मतदाताओं द्वारा डाले गए मत भी दर्ज हो गए. जिसके चलते अब इन 6 बूथों पर ईवीएम को छोड़ वीवीपैट से मतगणना की जाएगी.

इस स्थिति में अगर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों की बात करें तो आयोग के अनुसार ऐसे ईवीएम और वीवीपैट को अलग रखा जाएगा. प्रदेश के सभी लोकसभा सीटों पर मतगणना समाप्त होने के उपरांत इन बूथों की मतगणना वीवीपैट से की जाएगी.

दरअसल, मॉक पोल के रिकॉर्ड को ईवीएम से डिलीट कर दिया जाता है, ताकि सामान्य मतदाता शुरू हो सके. मॉक पोल की कोई भी जानकारी ईवीएम में सेव नहीं रखी जाती है. इसके साथ ही मॉक पोल के दौरान वीवीपैट में दिखी पर्चियों को एक अलग लिफाफे में सील बंद किया जाता है,

देहरादून: लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में 11 अप्रैल को उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर मतदान किया गया था, लेकिन इस दौरान पोलिंग स्‍टेशनों पर मौजूद अधिकारियों की बड़ी एक लापरवाही अब सामने आई है. 4 लोकसभा सीटों के 6 पोलिंग बूथों पर ईवीएम से मॉक पोल डिलीट नहीं किए गए थे. जिसके बाद अब इन सभी 6 बूथों के ईवीएम की मतगणना वीवीपैट (वोटर वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) की पर्चियों से की जाएगी.

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दरअसल, 11 अप्रैल को उत्तराखंड के सभी 11229 बूथों पर वोटिंग से पहले मॉक पोल किया गया था, ताकि ईवीएम के ठीक होने की पुष्टि की जा सके. मॉक पोल के दौरान पोलिंग बूथ पर पोलिंग एजेंटों के साथ-साथ सभी पार्टियों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे. लेकिन इस दौरान 6 पोलिंग बूथों पर पीठासीन अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. क्योंकि उन्होंने ईवीएम से मॉक पोल को डिलीट ही नहीं किया.

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इन 6 बूथों में से हरिद्वार लोकसभा सीट के 2 बूथ, अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ लोकसभा सीट के 2 बूथ, नैनीताल-उधम सिंह नगर और टिहरी लोकसभा सीट के एक-एक बूथ शामिल हैं. हालांकि, वीवीपैट मशीन की पर्चियों को सील बंद किया गया था. इन 6 बूथों के पीठासीन अधिकारियों की लापरवाही के चलते ईवीएम में मॉक पोल के साथ-साथ सामान्य मतदाताओं द्वारा डाले गए मत भी दर्ज हो गए. जिसके चलते अब इन 6 बूथों पर ईवीएम को छोड़ वीवीपैट से मतगणना की जाएगी.

इस स्थिति में अगर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों की बात करें तो आयोग के अनुसार ऐसे ईवीएम और वीवीपैट को अलग रखा जाएगा. प्रदेश के सभी लोकसभा सीटों पर मतगणना समाप्त होने के उपरांत इन बूथों की मतगणना वीवीपैट से की जाएगी.

दरअसल, मॉक पोल के रिकॉर्ड को ईवीएम से डिलीट कर दिया जाता है, ताकि सामान्य मतदाता शुरू हो सके. मॉक पोल की कोई भी जानकारी ईवीएम में सेव नहीं रखी जाती है. इसके साथ ही मॉक पोल के दौरान वीवीपैट में दिखी पर्चियों को एक अलग लिफाफे में सील बंद किया जाता है,

Intro:प्रदेश के पांचो लोकसभा सीटों पर 11 अप्रैल को मतदान के बाद अब एक बड़ा मामला सामने आया है। जिसमें 5 लोकसभा सीटों में से 4 लोकसभा सीटों के 6 बूथों पर ईवीएम मशीनों का माहौल करने के बाद रिकॉर्ड को हटाए बिना ही सामान्य मतदान करा दी गई थी। जिसके बाद अब इन सभी 6 बूथों के ईवीएम की मतगणना ना कर केवल वीवीपैट के पर्चियों की गणना कि जाएगी। 


Body:आपको बता दें कि प्रदेश के 5 लोकसभा सीटों पर 11 अप्रैल को मतदान हुआ था और मतदान से पहले प्रदेश के सभी 11229 बूथों पर मॉक पोल किया गया था ताकि ईवीएम के ठीक होने की पुष्टि की जा सके। हालांकि मॉक पोल के दौरान पोलिंग बूथ में पोलिंग एजेंटों के साथ-साथ पार्टियों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। और मॉकपोल के बूथ के पीठासीन अधिकारी द्वारा ईवीएम से मॉक पोल की डाटा को डिलीट किया जाता है। ताकि सामान्य मतदाता शुरू होने पर मॉक पोल की कोई भी जानकारी ईवीएम में सेव न रहे। इसके साथ ही मॉक पोल के दौरान वीवीपैट में दिखी पर्चियों को एक अलग लिफाफा में सील बंद किया जाता है। 

लेकिन प्रदेश के 4 लोकसभा सीटों के 6 बूथों पर तैनात पीठासीन अधिकारीयो की बड़ी लापरवाही देखी गई। हालांकि इन 6 बूथों पर हरिद्वार लोकसभा सीट के 2 बूथ, अल्मोड़ा लोकसभा सीट के 2 बूथ, नैनीताल -उधमसिंह नगर लोकसभा सीट के एक बूथ, और टिहरी लोकसभा सीट के एक बूथ शामिल है। जहां बूथ पर मॉकपोल होने के बाद ईवीएम से मॉक पोल की डाटा को नहीं हटाया गया, जबकि वीवीपैट मशीन की पर्चियों को सील बंद किया गया। इन 6 बूथों के पीठासीन अधिकारियों की लापरवाही के चलते ईवीएम में मॉक पोल के साथ- साथ सामान्य मतदाताओं द्वारा डाले गए मत भी दर्ज हो गए। जिसके चलते अब इन 6 बूथों पर ईवीएम को छोड़ वीवीपैट से मतगणना की जाएगी। 

हालांकि इस स्थिति में अगर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों की बात करें तो भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार ऐसे ईवीएम और वीवीपैट को अलग रखा जाएगा और प्रदेश के सभी लोकसभा सीटों पर मतगणना समाप्त होने के उपरांत इन बूथों की मतगणना वीवीपैट से की जाएगी।


Conclusion:
Last Updated : May 22, 2019, 4:36 PM IST
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