देहरादूनः भारत में बदलती जीवन शैली ना केवल युवाओं और बुजुर्गों के लिए परेशानी बनी हुई है, बल्कि बच्चे भी इसके कारण बीमारी का शिकार हो रहे हैं. खानपान में जंक फूड और व्यायाम की छूटती आदतें भी इस समस्या को बढ़ा रही है. उत्तराखंड में तो यह स्थितियां बच्चों के लिए खतरनाक होती दिख रही है. प्रदेश में महिलाओं और बच्चों को लेकर काम करने वाली संस्था 'उमा' की तरफ से किए गए सर्वे में भी कुछ ऐसी बातें सामने आई हैं जो लोगों की चिंताएं बढ़ाती हैं.
दरअसल, राजधानी देहरादून में किए गए सर्वे के दौरान पाया गया है कि यहां बच्चों में मोटापे की समस्या बढ़ रही है. राजधानी में हर पांचवां बच्चा मोटापे से ग्रसित है. 'उमा' संस्था की अध्यक्ष साधना शर्मा कहती हैं कि उनकी संस्था की तरफ से राजधानी में जंक फूड खाने वाले और जंक फूड से दूरी बनाए रखने वाले बच्चों को लेकर सर्वे किया गया. इसमें पाया गया कि जंक फूड और घर से बाहर खाने की आदत वाले बच्चे मोटापे का शिकार हो रहे हैं. इस कारण इन्हीं बच्चों में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें भी ज्यादा आ रही हैं.
पहाड़ी राज्य के लोग भी मोटापे से ग्रसित: वहीं, बात केवल राजधानी देहरादून की ही नहीं है और ना ही देहरादून में हुए इस सर्वे की है. बल्कि भारत सरकार के स्वास्थ्य संबंधी आंकड़े भी इस बात की गवाह है कि देश में मोटापे को लेकर स्थितियां साल दर साल बिगड़ रही है. हैरानी की बात यह है कि उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू कश्मीर जैसे पहाड़ी राज्यों में तो मोटापा लोगों के लिए ज्यादा सिर दर्द बना हुआ है. मोटापे को लेकर किस तरह की आ रही हैं दिक्कतें. बिंदुवार समझिए...
- सर्वे में बुजुर्ग और युवा के साथ बच्चे भी मोटापे का शिकार पाए गए.
- उमा संस्था ने देहरादून में हर पांचवें बच्चे को मोटापे का शिकार पाया.
- जंक फूड और घर से बाहर खाना खाने वाले बच्चों में समस्या दिखाई दी.
- विशेषज्ञ चिकित्सकों ने बच्चों के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ज्यादा वक्त बिताने को भी वजह बताया.
- बच्चों में शारीरिक गतिविधियां भी पहले के मुकाबले अब कम हो रही है.
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बच्चों में बढ़ रही मोटापे की समस्या: बच्चों का डिजिटल प्लेटफार्म पर ज्यादा वक्त बिताना और शारीरिक गतिविधियां कम होने की समस्या केवल देहरादून या उत्तराखंड में ही नहीं है. बल्कि पूरी दुनिया में अब बच्चों की एक्टिविटी में बदलाव आ रहा है. लेकिन हैरत की बात तो यह है कि भारत में सरकार के माध्यम से जुटाए गए आंकड़े ही यह बताते हैं कि उत्तराखंड समेत पहाड़ी राज्यों में मोटापा एक बड़ा सिर दर्द बन रहा है. भारत सरकार के सांख्यिकी मंत्रालय के आंकड़े भी कुछ इसी तरफ इशारा कर रहे हैं.
- उत्तराखंड में पिछले 6 सालों के भीतर मोटापे के आंकड़े बढ़े.
- पुरुष और महिलाओं में 10-10 फीसदी आंकड़े बढ़े.
- 27.01 फीसदी पुरुष और 29.8% महिलाएं मोटापे का शिकार
- मोटापे के राष्ट्रीय औसत से भी उत्तराखंड में बढ़ोतरी ज्यादा है
- राष्ट्रीय स्तर पर 22.9 प्रतिशत पुरुष, 24 प्रतिशत महिलाएं मोटापे का शिकार
- उत्तराखंड से पीछे हैं उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, राजस्थान और गुजरात.
- मोटापे को लेकर पहाड़ी राज्यों में जम्मू कश्मीर और हिमाचल ज्यादा प्रभावित
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महिलाओं के बढ़ते आंकड़े ज्यादा चिंताजनक: उत्तराखंड में महिलाएं, पुरुषों के मुकाबले ज्यादा सक्रिय और कामकाजी मानी जाती हैं. खास तौर पर पहाड़ी क्षेत्र में महिलाओं पर ही घर की बागडोर भी रहती है. लेकिन चिंताजनक बात यह है कि उत्तराखंड में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं मोटापे की ज्यादा शिकार हैं. राज्य में 27.01 फीसदी पुरुष तो 29.8 फीसदी महिलाएं मोटापे की शिकार हैं. कुल मिलाकर देखा जाए तो पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के आंकड़े ज्यादा चिंताजनक हैं.
मोटापे से बढ़ रही शरीर में बीमारियां: उधर दूसरी तरफ चिकित्सक मानते हैं कि इसी मोटापे के कारण प्रदेश में बीमार लोगों का भी आंकड़ा बढ़ा है. विशेषज्ञ चिकित्सक बताते हैं कि मानव शरीर में मोटापे के कारण ऐसी कई बीमारियां हैं जो आसानी से लोगों के शरीर में दाखिल हो जाती हैं. इसकी बड़ी वजह यह है कि लोग अब शारीरिक गतिविधियों को कम तवज्जों दे रहे हैं. व्यायाम से लेकर योग तक को भी लोग पूरी तरह से नहीं अपना रहे हैं. जिसका नतीजा यह है कि लोगों में मोटापा बढ़ रहा है और इसी मोटापे से कई बीमारियों उनके शरीर में पहुंच जाती है.
शारीरिक रूप से लोग कम एक्टिव: वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. केपी जोशी कहते हैं कि लोगों में मोटापे के कारण कई बीमारियां आ रही हैं. खासतौर पर ब्लड प्रेशर, शुगर, हाइपरटेंशन और घुटनों की समस्या शामिल है. यही नहीं, इसके बाद और भी दूसरी कई बीमारियां लोगों की परेशानियां बन रही है. वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर केपी जोशी कहते हैं कि इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण दवाई व्यायाम और योग है. सबसे बड़ी बात यह है कि जिस तरह से शारीरिक रूप से लोग कम एक्टिव हो रहे हैं. ऐसी स्थिति में बच्चों को शुरू से ही व्यायाम और योग की शिक्षा देनी चाहिए, ताकि उन्हें मोटापे से दूर रखा जा सके.
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