देहरादून: कोरोना की वजह जेल में बंद कैदियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कोर्ट के आदेश पर बड़ी संख्या में देहरादून की सुद्धोवाला जेल से कैदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था, लेकिन समस्या ये है कि बड़ी संख्या में कैदियों को पैरोल पर छोड़ने के बाद भी सुद्धोवाला जेल में क्षमता से दोगुना ज्यादा कैदी हैं.
सुद्धोवाला जेल की क्षमता 580 कैदियों की है, लेकिन वर्तमान में यहां पर 1110 से अधिक कैदी है. वहीं, रोज नए कैंदी भी जेल में आ रहे हैं, जिससे जेल प्रशासन की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बीते दो महीने में देहरादून जिले में कई अलग-अलग मामलों में करीब 800 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. इसमें से अनुमानित 500 से अधिक कानूनी प्रक्रिया के तहत जेल भेजे गए.
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ऐसे में जेल प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती कैदियों को कोरोना से बचाना है. क्योंकि जिस तरह जेल में कैदियों की संख्या बढ़ रहे हैं, उससे साफ है कि वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पाएगा. इन हालत में कैदियों के बीमार होने का खतरा पहले से ज्यादा बढ़ गया है.
वहीं, इस बारे में देहरादून डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने कहा कि उनकी जेल प्रशासन से वहां की व्यवस्थाओं को लेकर लगातार उनकी वार्ता चलती रहती है. कारागार विभाग इस पर काम भी कर रहा है. जिन अपराधियों को पैरोल पर छोड़ा गया था वे जेल से बाहर आते ही दोबार सक्रिय हो गए थे. इसीलिए उन्होंने दोबारा गिरफ्तार कर जेल भेजा गया.