देहरादून: NSUI के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश में ठोस भू-कानून और अवैध रूप से विक्रय की गई कृषि भूमि की जांच की मांग को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर जिला प्रशासन को एक ज्ञापन भी सौंपा. इससे पहले एनएसयूआई कार्यकर्ता जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर एकत्रित हुए और कार्यालय परिसर में ही धरने पर (NSUI workers protest) बैठ गए. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और अपना आक्रोश व्यक्त किया.
वहीं, NSUI प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी का कहना है कि उत्तराखंड में वर्तमान में कोई ठोस भू-कानून नहीं है, जिस कारण विगत कई वर्षों से प्रदेश के बाहर से आने वाले भूमाफिया सरकारी और कृषि भूमि पर प्रशासन की सांठगांठ से अवैध रूप से कब्जा कर प्रदेश सरकार एवं जनता को चूना लगा रहे हैं.
पढ़ें- हेलंग चारापत्ती विवाद को 2 महीने पूरे, बीरबल की खिचड़ी हुई रिपोर्ट, सरकार की मंशा पर सवाल
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के रामनगर में इसी प्रकार का एक मामला सामने आया था. जहां गाजियाबाद निवासी व्यक्ति ने 5 एकड़ से अधिक भूमि कुंदन लाल नाम के एक व्यक्ति से कृषि के लिए खरीदी, लेकिन बाद में बिना परमिशन के वहां कमर्शियल प्लॉटिंग होने लगी. लेकिन जब स्थानीय लोगों ने इस संबंध में शिकायत की तब जाकर प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए भूमि की बिक्री पर रोक लगा दी. वहीं, अभी तक उस व्यक्ति के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है.
एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने मांग उठाते हुए कहा कि गाजियाबाद निवासी इस व्यक्ति के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए और उसके द्वारा खरीदी गई भूमि को सरकार जप्त करें, जिससे प्रदेश में एक उदाहरण पेश किया जा सके. इसके अलावा उत्तराखंड में जितने भी बड़ी कृषि भूमि का विक्रय हुआ है उसकी जांच की जाए और यदि उसका गैरकानूनी रूप से व्यवसायिक भूमि में इस्तेमाल किया जा रहा है तो कानूनी कार्रवाई की जाए. इसके साथ ही उत्तराखंड में जल्द से जल्द सशक्त भू-कानून लाया जाए.