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NSUI ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, 31 अगस्त छात्र सीएम आवास कूच - उत्तराखंड न्यूज

नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के कार्यकर्ता शासकीय व अशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी समेत अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर 31 अगस्त यानि शनिवार को मुख्यमंत्री आवास कूच करने जा रही है.

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Published : Aug 30, 2019, 10:11 PM IST

देहरादूनः कांग्रेस पार्टी के सहयोगी संगठन एनएसयूआई ने तीन सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच करने का एलान किया है. 31 अगस्त यानि शनिवार को शासकीय व अशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी को लेकर एनएसयूआई के सैकड़ों कार्यकर्ता सीएम आवास कूच करेगी. वहीं, कार्यकर्ता कांग्रेस भवन से रैली निकालकर सीएम आवास कूच करेंगे और अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाएंगे.

जानकारी देते एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी.

गौर हो कि, बीते कई दिनों से नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के कार्यकर्ता शासकीय व अशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी को लेकर आंदोलनरत थे. अपनी तीन सूत्रीय मांगों को पूरा करने के लिए एनएसयूएनएस इससे पहले धरना प्रदर्शन करते हुए प्रदेश के महाविद्यालयों में तालाबंदी कर चुकी है. इसी कड़ी में अब मुख्यमंत्री आवास कूच करने का एलान किया है.

ये भी पढ़ेंः उत्तरकाशी आपदा में 9 करोड़ 84 लाख रुपये का हुआ नुकसान, निरीक्षण कर लौटी केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीम

एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी ने बताया कि एनएसयूआई बीते लंबे समय से शासकीय व अशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती की मांग कर रही है. इससे पहले भी एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत से मुलाकात की थी. उस दौरान उन्होंने आश्वासन दिया था कि 1 अगस्त 2019 तक सभी महाविद्यालयों में स्थायी और अस्थायी तौर पर शिक्षकों की नियुक्ति कर दी जाएगी, लेकिन उनका यह आश्वासन सफेद हाथी साबित हुआ है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने सेमेस्टर प्रणाली को स्नातक स्तर से हटाने की घोषणा की है. जिसका एनएसयूआई घोर विरोध करती है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपने छात्र संगठन को छात्रसंघ चुनाव में फायदा पहुंचाने के लिए इस तरह के कार्य कर रही है. साथ ही उन्होंने मांग की कि सरकार सेमेस्टर प्रणाली पर कोई भी अंतिम निर्णय लेने से पहले अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को विश्वास में लेते हुए इस तरह का फैसला लें.

ये भी पढ़ेंः अल्मोड़ा में मिले सैकड़ों साल पुराने दो ताम्रपत्र, पुरातत्व विभाग ने रिकॉर्ड में किया शामिल

वहीं, अब एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार ने केंद्रीय विश्वविद्यालय संबद्ध जो महाविद्यालय हैं, वहां पर सेमेस्टर प्रणाली रहेगी. जबकि, राज्य के महाविद्यालयों में सेमेस्टर प्रणाली लागू नहीं की जाएगी. जिससे छात्र-छात्राओं में भ्रम की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में वो आखिर कहां पढ़े. इसके विरोध में शनिवार को एनएसयूआई सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री आवास कूच करने जा रही है.

देहरादूनः कांग्रेस पार्टी के सहयोगी संगठन एनएसयूआई ने तीन सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच करने का एलान किया है. 31 अगस्त यानि शनिवार को शासकीय व अशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी को लेकर एनएसयूआई के सैकड़ों कार्यकर्ता सीएम आवास कूच करेगी. वहीं, कार्यकर्ता कांग्रेस भवन से रैली निकालकर सीएम आवास कूच करेंगे और अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाएंगे.

जानकारी देते एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी.

गौर हो कि, बीते कई दिनों से नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के कार्यकर्ता शासकीय व अशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी को लेकर आंदोलनरत थे. अपनी तीन सूत्रीय मांगों को पूरा करने के लिए एनएसयूएनएस इससे पहले धरना प्रदर्शन करते हुए प्रदेश के महाविद्यालयों में तालाबंदी कर चुकी है. इसी कड़ी में अब मुख्यमंत्री आवास कूच करने का एलान किया है.

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एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी ने बताया कि एनएसयूआई बीते लंबे समय से शासकीय व अशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती की मांग कर रही है. इससे पहले भी एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत से मुलाकात की थी. उस दौरान उन्होंने आश्वासन दिया था कि 1 अगस्त 2019 तक सभी महाविद्यालयों में स्थायी और अस्थायी तौर पर शिक्षकों की नियुक्ति कर दी जाएगी, लेकिन उनका यह आश्वासन सफेद हाथी साबित हुआ है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने सेमेस्टर प्रणाली को स्नातक स्तर से हटाने की घोषणा की है. जिसका एनएसयूआई घोर विरोध करती है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपने छात्र संगठन को छात्रसंघ चुनाव में फायदा पहुंचाने के लिए इस तरह के कार्य कर रही है. साथ ही उन्होंने मांग की कि सरकार सेमेस्टर प्रणाली पर कोई भी अंतिम निर्णय लेने से पहले अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को विश्वास में लेते हुए इस तरह का फैसला लें.

ये भी पढ़ेंः अल्मोड़ा में मिले सैकड़ों साल पुराने दो ताम्रपत्र, पुरातत्व विभाग ने रिकॉर्ड में किया शामिल

वहीं, अब एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार ने केंद्रीय विश्वविद्यालय संबद्ध जो महाविद्यालय हैं, वहां पर सेमेस्टर प्रणाली रहेगी. जबकि, राज्य के महाविद्यालयों में सेमेस्टर प्रणाली लागू नहीं की जाएगी. जिससे छात्र-छात्राओं में भ्रम की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में वो आखिर कहां पढ़े. इसके विरोध में शनिवार को एनएसयूआई सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री आवास कूच करने जा रही है.

Intro: कांग्रेस पार्टी के सहयोगी संगठन एनएसयूआई ने मीडिया से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री आवास कूच करने का एलान किया है। 31 अगस्त को एनएसयूआई 3 सूत्री मांगों को लेकर अपने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री आवास कूच करेगी। बीते कई दिनों से नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया के कार्यकर्ता शासकीय व अशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी को लेकर आंदोलनरत थे। अपनी तीन सूत्रीय मांगों को पूरा करने के लिए एनएसयूएनएस इससे पूर्व धरना प्रदर्शन करते हुए प्रदेश के महाविद्यालयों में तालाबंदी कर चुकी है।


Body: इस संबंध में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी ने कहा कि एनएसयूआई बीते लंबे समय से शासकीय व अशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती की मांग कर रही है, इससे पूर्व भी एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत से मुलाकात की थी उस दौरान उन्होंने आश्वासन दिया था कि 1 अगस्त 2019 तक सभी महाविद्यालयों में स्थाई और अस्थाई तौर पर शिक्षकों की नियुक्ति कर दी जाएगी। लेकिन उनका यह आश्वासन कोरा साबित हुआ है। जिसके विरोध में एनएसयूआई लगातार प्रदेश भर के महाविद्यालयों में धरना प्रदर्शन कर रही है। उसी प्रकार से सरकार ने सेमेस्टर प्रणाली को स्नातक स्तर से हटाने की घोषणा की है जिसका एनएसयूआई घोर विरोध करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा अपने छात्र संगठन को छात्रसंघ चुनाव में फायदा पहुंचाने के लिए इस तरह के कार्य कर रही है। उन्होंने मांग की कि सरकार सेमेस्टर प्रणाली पर कोई भी अंतिम निर्णय लेने से पूर्व अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को विश्वास में लेते हुए इस तरह का फैसला ले। मोहन भंडारी ने कहा कि जिस प्रकार से उच्च शिक्षा मंत्री को शिक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर होना चाहिए था उसकी बजाय उच्च शिक्षा मंत्री छात्रसंघ चुनावों में अधिक रुचि दिखा रहे हैं दरअसल छात्रसंघ चुनाव महाविद्यालय व वहां के छात्र संगठनों को छात्र संघ चुनाव करने मे स्वायत्ता होती थी। उसे खत्म करके डॉ धन सिंह रावत ने छात्रसंघ चुनावों की गरिमा को ध्वस्त कर दिया है इससे वहां पढ़ रहे छात्र छात्राओं के बीच छात्रसंघ चुनावों को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। ऐसे में उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से उच्च शिक्षा मंत्री अपने छात्र संगठन एबीवीपी को छात्रसंघ चुनाव में लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं उसे देखकर लगता है कि उन्हें उच्च शिक्षा मंत्री का पद छोड़कर छात्र संघ चुनाव अधिकारी बन जाना चाहिए। कल इन्हीं मुद्दों को लेकर एनएसयूआई के सैकड़ों कार्यकर्ता कांग्रेस भवन से रैली निकालकर मुख्यमंत्री आवास कूच करके अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाएंगे।

बाईट- मोहन भंडारी, प्रदेश अध्यक्ष, एनएसयूआई


Conclusion:जैसे-जैसे छात्र संघ चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं वैसे ही कांग्रेस पार्टी के सहयोगी संगठन एनएसयूआई आक्रमक नजर आ रही है। महाविद्यालयों मे शिक्षकों की नियुक्ति की मांग को लेकर एनएसयूआई पूर्व में भी आंदोलन कर चुकी है। अब एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार ने केंद्रीय विश्वविद्यालय संबद्ध जो महाविद्यालय हैं वहां सेमेस्टर प्रणाली रहेगी जबकि राज्य के महाविद्यालयों में सेमेस्टर प्रणाली लागू नहीं की जाएगी, जिससे छात्र-छात्राओं में भ्रम की स्थिति बनी हुई है कि आखिर वे पढ़े तो कहां पढ़े। इसके विरोध में कल एनएसयूआई सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री आवास कूच करने जा रही है।
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