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महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी पर गरजे NSUI के छात्र, प्रदर्शन जारी रखने की दी चेतावनी

प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में लंबे समय से शिक्षकों की भारी कमी चल रही है. जिसके चलते एनएसयूआई से जुड़े छात्रों ने राजधानी देहरादून समेत प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में तालबंधी कर विरोध-प्रर्दशन किया. साथ ही शिक्षकों की भर्ती होने तक प्रदर्शन जारी खरने की चातावनी दी.

महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी के खिलाफ एनएसयूआई ने बुलंद की आवाज.
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Published : Aug 27, 2019, 8:41 PM IST

देहरादून: राजधानी देहरादून के साथ ही प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में लंबे समय से शिक्षकों की भारी कमी चलते छात्रों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में मंगलवार को एनएसयूआई से जुड़े छात्रों ने राजधानी देहरादून समेत प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में तालबंधी कर विरोध प्रर्दशन किया.

महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी के खिलाफ एनएसयूआई ने बुलंद की आवाज.

यह भी पढ़ें: हरिद्वारः 33 लाख की अवैध शराब बरामद, आरोपी फरार

बता दें कि देहरादून के डीएवी पीजी कॉलेज में धरना दे रहे एनएसयूआई छात्रों ने चरमराई शिक्षा व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी का कहना है कि लंबे समय से प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी चल रही है. इसके साथ ही शिक्षक न होने से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. बात चाहे राजधानी के डीएवी पीजी कॉलेज की हो या फिर डीपीएस, एमकेपी, या एसजीआरआर कॉलेज की, इन सभी कॉलेजों में शिक्षकों की कमी से छात्र खासा परेशान हैं.

यह भी पढ़ें: नाबालिग से दुष्कर्म का प्रयास, फरार आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस

गौरतलब है कि राजधानी देहरादून के डीएवी कॉलेज में लगभग 52 शिक्षकों के पद खाली हैं. इसके अलावा अगर प्रदेश के अन्य महाविद्यालयों की बात करें तो सभी महाविद्यालयों को मिलाकर प्रदेश में एक हजार शिक्षकों के पद लंबे समय से खाली चल रहे हैं. जिससे प्रदेश में शिक्षा का स्तर नीचे गिरता जा रहा है. इस समस्या को देखते हुए शिक्षा में सुधार करने का दावा करने वाली त्रिवेंद्र सरकार को इससे कोई सरोकार नहीं है.

देहरादून: राजधानी देहरादून के साथ ही प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में लंबे समय से शिक्षकों की भारी कमी चलते छात्रों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में मंगलवार को एनएसयूआई से जुड़े छात्रों ने राजधानी देहरादून समेत प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में तालबंधी कर विरोध प्रर्दशन किया.

महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी के खिलाफ एनएसयूआई ने बुलंद की आवाज.

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बता दें कि देहरादून के डीएवी पीजी कॉलेज में धरना दे रहे एनएसयूआई छात्रों ने चरमराई शिक्षा व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी का कहना है कि लंबे समय से प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी चल रही है. इसके साथ ही शिक्षक न होने से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. बात चाहे राजधानी के डीएवी पीजी कॉलेज की हो या फिर डीपीएस, एमकेपी, या एसजीआरआर कॉलेज की, इन सभी कॉलेजों में शिक्षकों की कमी से छात्र खासा परेशान हैं.

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गौरतलब है कि राजधानी देहरादून के डीएवी कॉलेज में लगभग 52 शिक्षकों के पद खाली हैं. इसके अलावा अगर प्रदेश के अन्य महाविद्यालयों की बात करें तो सभी महाविद्यालयों को मिलाकर प्रदेश में एक हजार शिक्षकों के पद लंबे समय से खाली चल रहे हैं. जिससे प्रदेश में शिक्षा का स्तर नीचे गिरता जा रहा है. इस समस्या को देखते हुए शिक्षा में सुधार करने का दावा करने वाली त्रिवेंद्र सरकार को इससे कोई सरोकार नहीं है.

Intro:Visuals send from FTP .Please check . Folder Name - uk_deh_02_dav_hangama_vis_byte_7201636 देहरादून- राजधानी देहरादून के साथ ही प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में बीते लंबे समय से शिक्षकों की भारी कमी चल रही है । ऐसे में आज एनएसयूआई से जुड़े छात्रों ने राजधानी देहरादून समेत प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में तालबंधी कर अपना विरोध दर्ज किया । देहरादून के डीएवी पीजी कॉलेज में धरना दे रहे एनएसयूआई छात्रों ने प्रदेश की चरमराई शिक्षा व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी का कहना था कि बीते लंबे समय से प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी के चलते छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। बात चाहे राजधानी के डीएवी पीजी कॉलेज की हो या फिर डीपीएस , एमकेपी, या एसजीआरआर कॉलेज की इन सभी कॉलेजों में शिक्षकों की कमी से छात्र खासे परेशान है । लेकिन शिक्षा में सुधार का दावा करने वाली त्रिवेंद्र सरकार को इससे कोई सरोकार नही है । बाइट- मोहन भंडारी प्रदेश अध्यक्ष एनएसयूआई


Body:बता दे कि राजधानी देहरादून के डीएवी कॉलेज में लगभग 52 शिक्षकों के पद खाली हैं । इसके अलावा अगर प्रदेश के अन्य महाविद्यालयों की बात करें तो सभी महाविद्यालयों को मिलाकर प्रदेश में 1000 शिक्षकों के पद लंबे समय से खाली चल रहे हैं।


Conclusion:बहरहाल प्रदेश में शिक्षा का ग्राफ किस तरफ जा रहा है इस बात का अंदाजा आप खुद इस बात से लगा सकते हैं कि जब महाविद्यालयों में छात्रों को पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं है तो आखिर छात्र किस तरह पढ़ाई कर रहे होंगे ।
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