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अब उत्तराखंड में भी होगा चलता-फिरता गेस्ट हाउस, GMVN ने किया तैयार

उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटकों के लिए उत्तराखंड गढ़वाल मंडल विकास निगम अपनी कारवां वैन की शुरुआत कर रहा है, जिसे आप जगह के साथ-साथ अपने गेस्ट हाउस को भी साथ ले जा सकते हैं.

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Published : Jan 12, 2021, 3:52 PM IST

Updated : Jan 17, 2021, 8:24 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में पर्यटक के तौर पर आपको एक और खुशनुमा एहसास होने जा रहा है क्योंकि अब आपको चलते-फिरते गेस्ट हाउस की सुविधा उत्तराखंड में मिलने वाली है. उत्तराखंड गढ़वाल मंडल विकास निगम अपनी कारवां वैन की शुरुआत कर रहा है, जिसे आप जगह के साथ-साथ अपने गेस्ट हाउस को भी साथ ले जा सकते हैं.

पर्यटन की दृष्टि से बेहद खास माने जाने वाले उत्तराखंड राज्य में अब आपको पर्यटन के दृष्टिकोण से एक और आकर्षण का केंद्र मिलने जा रहा है, जहां पर आप उत्तराखंड की आकर्षक जगहों को घूमने के लिए अपने चलते-फिरते गेस्ट हाउस का इस्तेमाल कर सकते हैं. उत्तराखंड कैबिनेट पॉलिसी के तहत पर्यटन विभाग लगातार कारवां वैन को बढ़ावा देने की पुरजोर कोशिशों में लगा है, जिसको लेकर जीएमवीएन ने सबसे पहले पहल की है.

अब उत्तराखंड में भी होगा चलता-फिरता गेस्ट हाउस.
कैसा होगा ये चलता-फिरता गेस्ट हाउस

गढ़वाल मंडल विकास निगम के प्रबंध निदेशक आशीष चौहान ने बताया कि जीएमबीएन द्वारा विकसित की जा रही कारवां वैन शुरुआती दौर में तीन पर्यटकों की व्यवस्था वाली बनाई जा रही है, जिसमें तीन पर्यटकों के रहने ठहरने और उनके जरूरत की सभी लग्जरी की व्यवस्था इस वैन में की जाएगी. इसके अलावा इस वैन को चलाने वाले पायलट और एक को-पायलट भी इसी वैन में रहेगा.

इस चलते-फिरते गेस्ट हाउस का खास रूट प्लान होगा

जीएमवीएन द्वारा चलाए जाने वाले इस चलते-फिरते गेस्ट हाउस की व्यवस्थाएं भी खास होंगी. इस गेस्ट हाउस में तीन लोगों के ठहरने की पूरी व्यवस्था है. इसके साथ ही यह एक दिन में निश्चित दूरी तय करेगा और इसके रुकने के स्थान जीएमवीएन के पहले से मौजूद गेस्ट हाउस होंगे, जहां पर पायलट रुकेंगे लेकिन पर्यटक इसी गेस्ट हाउस में रुक पाएंगे. इसके अलावा जीएमवीएन के गेस्ट हाउस पर रुकने के बाद इस वैन को वहीं से पावर सप्लाई भी किया जाएगा, जिससे गाड़ी में होने वाले डीजल खर्च को बचाया जा सकेगा, साथ ही इसके अन्य ऊर्जा खर्चों को भी बचाया जा सकेगा. इसके अलावा कारवां वैन में एक छोटी सी रसोई भी उपलब्ध कराई जा रही है.

ये भी पढ़ेंः शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के आश्वासन के बाद संस्कृत शिक्षकों ने स्थगित किया आंदोलन

वहीं, गढ़वाल मंडल विकास निगम के प्रबंध निदेशक आशीष चौहान ने बताया कि इस चलते-फिरते गेस्ट हाउस को लगभग तैयार किया जा चुका है और जल्द ही इसे शुरू कर दिया जाएगा. इस गेस्ट हाउस की खास बात यह रहेगी कि यह चलता-फिरता गेस्ट हाउस होगा और चलते-फिरते ही गेस्ट हाउस में रहने के साथ-साथ पर्यटक उत्तराखंड की सुंदर वादियों का लुफ्त इस गेस्ट हाउस से उठा सकते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह पहला प्रयोग है और धीरे-धीरे इसे प्रेरकों के रिस्पांस के आधार पर और अधिक विकसित किया जाएगा.

देहरादूनः उत्तराखंड में पर्यटक के तौर पर आपको एक और खुशनुमा एहसास होने जा रहा है क्योंकि अब आपको चलते-फिरते गेस्ट हाउस की सुविधा उत्तराखंड में मिलने वाली है. उत्तराखंड गढ़वाल मंडल विकास निगम अपनी कारवां वैन की शुरुआत कर रहा है, जिसे आप जगह के साथ-साथ अपने गेस्ट हाउस को भी साथ ले जा सकते हैं.

पर्यटन की दृष्टि से बेहद खास माने जाने वाले उत्तराखंड राज्य में अब आपको पर्यटन के दृष्टिकोण से एक और आकर्षण का केंद्र मिलने जा रहा है, जहां पर आप उत्तराखंड की आकर्षक जगहों को घूमने के लिए अपने चलते-फिरते गेस्ट हाउस का इस्तेमाल कर सकते हैं. उत्तराखंड कैबिनेट पॉलिसी के तहत पर्यटन विभाग लगातार कारवां वैन को बढ़ावा देने की पुरजोर कोशिशों में लगा है, जिसको लेकर जीएमवीएन ने सबसे पहले पहल की है.

अब उत्तराखंड में भी होगा चलता-फिरता गेस्ट हाउस.
कैसा होगा ये चलता-फिरता गेस्ट हाउस

गढ़वाल मंडल विकास निगम के प्रबंध निदेशक आशीष चौहान ने बताया कि जीएमबीएन द्वारा विकसित की जा रही कारवां वैन शुरुआती दौर में तीन पर्यटकों की व्यवस्था वाली बनाई जा रही है, जिसमें तीन पर्यटकों के रहने ठहरने और उनके जरूरत की सभी लग्जरी की व्यवस्था इस वैन में की जाएगी. इसके अलावा इस वैन को चलाने वाले पायलट और एक को-पायलट भी इसी वैन में रहेगा.

इस चलते-फिरते गेस्ट हाउस का खास रूट प्लान होगा

जीएमवीएन द्वारा चलाए जाने वाले इस चलते-फिरते गेस्ट हाउस की व्यवस्थाएं भी खास होंगी. इस गेस्ट हाउस में तीन लोगों के ठहरने की पूरी व्यवस्था है. इसके साथ ही यह एक दिन में निश्चित दूरी तय करेगा और इसके रुकने के स्थान जीएमवीएन के पहले से मौजूद गेस्ट हाउस होंगे, जहां पर पायलट रुकेंगे लेकिन पर्यटक इसी गेस्ट हाउस में रुक पाएंगे. इसके अलावा जीएमवीएन के गेस्ट हाउस पर रुकने के बाद इस वैन को वहीं से पावर सप्लाई भी किया जाएगा, जिससे गाड़ी में होने वाले डीजल खर्च को बचाया जा सकेगा, साथ ही इसके अन्य ऊर्जा खर्चों को भी बचाया जा सकेगा. इसके अलावा कारवां वैन में एक छोटी सी रसोई भी उपलब्ध कराई जा रही है.

ये भी पढ़ेंः शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के आश्वासन के बाद संस्कृत शिक्षकों ने स्थगित किया आंदोलन

वहीं, गढ़वाल मंडल विकास निगम के प्रबंध निदेशक आशीष चौहान ने बताया कि इस चलते-फिरते गेस्ट हाउस को लगभग तैयार किया जा चुका है और जल्द ही इसे शुरू कर दिया जाएगा. इस गेस्ट हाउस की खास बात यह रहेगी कि यह चलता-फिरता गेस्ट हाउस होगा और चलते-फिरते ही गेस्ट हाउस में रहने के साथ-साथ पर्यटक उत्तराखंड की सुंदर वादियों का लुफ्त इस गेस्ट हाउस से उठा सकते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह पहला प्रयोग है और धीरे-धीरे इसे प्रेरकों के रिस्पांस के आधार पर और अधिक विकसित किया जाएगा.

Last Updated : Jan 17, 2021, 8:24 PM IST
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