देहरादून: प्रदेश के सरकारी और अशासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से आठवीं तक के छात्र-छात्राओं को आज भी एनसीईआरटी की किताबों के साथ ही बाजार से महंगे दामों में निजी पब्लिशरों की किताबें खरीदनी पड़ती है, जिसे लेकर शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने सोमवार को विभागीय अधिकारियों के अहम बैठक ली. बैठक में शिक्षा सचिव ने अधिकारियों को साफ शब्दों में कहा है कि छात्र-छात्राओं को निजी पब्लिशर की पुस्तकें भी सरकारी रेट पर ही उपलब्ध कराई जानी चाहिए, जिससे कि इन छात्रों के अभिभावकों पर अधिक भार न पड़े.
प्रदेश के विभिन्न सरकारी और अशासकीय स्कूलों में आज भी कंप्यूटर ग्रामर जीके ड्राइंग की निजी पब्लिशर 2 की किताबें खरीद हवाई जाती हैं, जिनकी कीमत काफी ज्यादा होती है. ऐसे में सोमवार को शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम द्वारा दी गई. विभागीय अधिकारियों के एम बैठक में एनसीईआरटी के अलावा छात्रों से खरीदवाई जाने वाली अन्य किताबों की कीमत कम करने के दिशा निर्देश दिए गए.
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वहीं, पाठ्य पुस्तकों के लिए शिक्षा विभाग की ओर से प्रत्येक छात्र के खाते में 400 रुपए जमा कराए जाते हैं लेकिन एनसीईआरटी के अलावा जो पुस्तकें खरीदी जाती हैं. उनकी कीमत बहुत अधिक होती है, ऐसे में महज 400 रुपये में इन किताबों को खरीद पाना नामुमकिन है.