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देहरादून: चिकित्सीय सुविधाएं बढ़ने से अब कोरोना से नुकसान की कम संभावना - coronavirus safety measures

उत्तराखंड में त्योहारी सीजन में एक बार फिर कोरोना के मामलों में इजाफा देखने को मिल सकता है. हालांकि, वरिष्ठ चिकित्सक कोविड-19 को लेकर मामले बढ़ने के बावजूद मरीजों में खतरा कम रहने का अंदेशा जता रहे हैं. क्योंकि पहले के मुकाबले अब प्रदेश में वो सभी सुविधाएं मौजूद हैं, जो कोरोना मरीजों के लिए जरूरी होती हैं.

dehradun corona news
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Published : Nov 7, 2020, 10:09 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आंकी गई है. हालांकि, अब ये भी माजा रहा है कि अनलॉक होने के बाद गतिविधियां सामान्य होने से एक बार फिर प्रदेश में कोविड-19 से जुड़े मामलों में तेजी आ सकती है. इसकी एक वजह नवंबर में त्योहारों का होना भी है, लेकिन इसके बावजूद भी वरिष्ठ चिकित्सक कोविड-19 को लेकर मामले बढ़ने के बावजूद मरीजों में खतरा कम रहने का अंदेशा जता रहे हैं.

देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर कोविड-19 के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. यही हाल देश के दूसरे कई ऐसे राज्यों का है, जहां पिछले कुछ समय में नए मामलों में कमी आई थी, लेकिन अब फिर आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं. उत्तराखंड में भी कोरोना को लेकर स्थितियां फिर विपरीत होने का अंदेशा जताया जा रहा है.

इसके पीछे जानकार दो कारण मान रहे हैं. पहला आम लोगों की पहले की तरह सामान्य गतिविधियां शुरू करना. दूसरा त्योहारी सीजन इसकी वजह माना जा रहा है. दरअसल, देशभर की तरह है उत्तराखंड में भी अनलॉक के बाद पहले की तरह ही काम धंधे और तमाम संस्थानों को खोल दिया गया है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. त्योहारों का भी सीजन शुरू हो चुका है, जिसमें बाजारों में भारी भीड़ समेत लोगों का आपसी कम्युनिकेशन भी ज्यादा होना तय है.

यही दो कारण हैं जिसके चलते जानकार उत्तराखंड में फिर एक बार कोरोना के मामले बढ़ने की बात कह रहे हैं, लेकिन इन सबके बावजूद इस बार कोविड-19 के मरीजों में मौत के आंकड़ों और गंभीर स्थितियों में कमी आने की संभावना व्यक्त की जा रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि राज्य में अब स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर पहले के मुकाबले काफी अंतर आया है. चिकित्सक मानते हैं कि कोविड-19 शुरू होने पर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं उस हालात में नहीं थीं, साथ ही इससे निपटने को लेकर भी अनुभव काफी कम था लेकिन अब इसका अनुभव ले चुके चिकित्सकों के साथ ही वह सभी सुविधाएं मौजूद हैं जो इस दौरान बेहद जरूरी हैं.

पढ़ें- विकास मौत मामला: जबरदस्त विरोध और प्रदर्शन के बाद हत्या का केस दर्ज

दून मेडिकल कॉलेज की ही बात करें तो कोविड-19 से पहले मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में महेश पांच वेंटिलेटर थे, जिनकी संख्या अब 100 कर दी गई है. उधर, 35 बेड वाले अस्पताल में इस संख्या को 400 से भी ज्यादा कर दिया गया है. यह सुविधा है केवल देहरादून तक ही सीमित नहीं है. प्रदेश में क्वारंटाइन सेंटर भी काफी बड़ी संख्या में स्थापित कर दिए गए हैं. प्रदेश के पहाड़ी जनपदों में भी कोविड-19 को लेकर उचित व्यवस्थाएं की गई हैं. साथ ही क्वॉरेंटाइन व्यवस्थाओं को भी बढ़ाया गया है.

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आंकी गई है. हालांकि, अब ये भी माजा रहा है कि अनलॉक होने के बाद गतिविधियां सामान्य होने से एक बार फिर प्रदेश में कोविड-19 से जुड़े मामलों में तेजी आ सकती है. इसकी एक वजह नवंबर में त्योहारों का होना भी है, लेकिन इसके बावजूद भी वरिष्ठ चिकित्सक कोविड-19 को लेकर मामले बढ़ने के बावजूद मरीजों में खतरा कम रहने का अंदेशा जता रहे हैं.

देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर कोविड-19 के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. यही हाल देश के दूसरे कई ऐसे राज्यों का है, जहां पिछले कुछ समय में नए मामलों में कमी आई थी, लेकिन अब फिर आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं. उत्तराखंड में भी कोरोना को लेकर स्थितियां फिर विपरीत होने का अंदेशा जताया जा रहा है.

इसके पीछे जानकार दो कारण मान रहे हैं. पहला आम लोगों की पहले की तरह सामान्य गतिविधियां शुरू करना. दूसरा त्योहारी सीजन इसकी वजह माना जा रहा है. दरअसल, देशभर की तरह है उत्तराखंड में भी अनलॉक के बाद पहले की तरह ही काम धंधे और तमाम संस्थानों को खोल दिया गया है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. त्योहारों का भी सीजन शुरू हो चुका है, जिसमें बाजारों में भारी भीड़ समेत लोगों का आपसी कम्युनिकेशन भी ज्यादा होना तय है.

यही दो कारण हैं जिसके चलते जानकार उत्तराखंड में फिर एक बार कोरोना के मामले बढ़ने की बात कह रहे हैं, लेकिन इन सबके बावजूद इस बार कोविड-19 के मरीजों में मौत के आंकड़ों और गंभीर स्थितियों में कमी आने की संभावना व्यक्त की जा रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि राज्य में अब स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर पहले के मुकाबले काफी अंतर आया है. चिकित्सक मानते हैं कि कोविड-19 शुरू होने पर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं उस हालात में नहीं थीं, साथ ही इससे निपटने को लेकर भी अनुभव काफी कम था लेकिन अब इसका अनुभव ले चुके चिकित्सकों के साथ ही वह सभी सुविधाएं मौजूद हैं जो इस दौरान बेहद जरूरी हैं.

पढ़ें- विकास मौत मामला: जबरदस्त विरोध और प्रदर्शन के बाद हत्या का केस दर्ज

दून मेडिकल कॉलेज की ही बात करें तो कोविड-19 से पहले मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में महेश पांच वेंटिलेटर थे, जिनकी संख्या अब 100 कर दी गई है. उधर, 35 बेड वाले अस्पताल में इस संख्या को 400 से भी ज्यादा कर दिया गया है. यह सुविधा है केवल देहरादून तक ही सीमित नहीं है. प्रदेश में क्वारंटाइन सेंटर भी काफी बड़ी संख्या में स्थापित कर दिए गए हैं. प्रदेश के पहाड़ी जनपदों में भी कोविड-19 को लेकर उचित व्यवस्थाएं की गई हैं. साथ ही क्वॉरेंटाइन व्यवस्थाओं को भी बढ़ाया गया है.

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