देहरादून: उत्तराखंड में इन दिनों अतिक्रमण हटाए जाने को लेकर वन विभाग स्तर से कार्रवाई जारी है. हालांकि, अतिक्रमण हटाओ अभियान के बीच एक नए आदेश ने सभी को चौंका दिया है. दरअसल, अतिक्रमण हटाने से पहले दिए जाने वाले नोटिस में नियमानुसार कार्रवाई नहीं हो पा रही थी. डीएफओ स्तर के बजाय इससे नीचे स्तर के अधिकारी भी नोटिस जारी कर रहे थे. जिसको लेकर अब मुख्य वन संरक्षक और अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी की तरफ से आदेश जारी कर दिया गया.
उत्तराखंड वन विभाग के अंतर्गत विभिन्न वन भूमियों में हुए अतिक्रमण को लेकर इन दिनों अभियान चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में अब तक सैकड़ों हेक्टेयर भूमि कब्जे से मुक्त भी कराई गई है.. हालांकि, इस अभियान के बीच जनप्रतिनिधियों की तरफ से मिल रही शिकायतों के बाद एक नया आदेश जारी कर दिया गया है. मिल रही शिकायतों में वन भूमि क्षेत्र में सक्षम अधिकारियों के स्तर पर नोटिस जारी नहीं किए जाने की बात सामने आ रही थी. बताया जा रहा था कि दरोगा या वन क्षेत्राधिकारी स्तर पर भी नोटिस जारी किए जा रहे थे, जो कि वन अधिनियम के खिलाफ है.
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इसका संज्ञान लेते हुए अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी पराग मधुकर धकाते ने आदेश जारी करते हुए डीएफओ स्तर पर ही ऐसे मामलों में नोटिस जारी किए जाने के निर्देश जारी किए हैं. इसके अलावा वन भूमि पर बसे गोठ, खते, वन ग्राम और वन टोंग्या ग्रामों पर भी फिलहाल कार्रवाई नहीं करने के लिए कहा गया है. इसके पीछे कारण बताया गया है कि अभी उन क्षेत्रों में नियमितीकरण विस्थापन के लिए नीति निर्धारण किया जाना बाकी है, लिहाजा ऐसा होने तक फिलहाल इन क्षेत्रों में कार्यवाही नहीं की जाएगी. इसके अलावा बाकी अतिक्रमण क्षेत्रों पर कार्यवाही को तेज करने के निर्देश भी दिए गए.
बता दें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अवैध अतिक्रमण को लेकर नोडल अधिकारी नामित किया है. खास तौर पर वन भूमि क्षेत्र में ऐसी कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए कहा गया है जिसमें वनों में नए अतिक्रमण किए गए हैं. सरकार की तरफ से आदेश जारी किए जाने के बाद मामले में तेजी से कार्रवाई भी हुई है. एक बड़े क्षेत्र को अतिक्रमण से मुक्त भी कराया गया है.