देहरादून: महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव IAS वी. षणमुगम पर विभागीय मंत्री रेखा आर्य द्वारा लगाये गए तमाम आरोपों पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर एक जांच गठित की गई थी, जिसके अब तकरीबन दो महीने होने को आये हैं, लेकिन अभी तक इस विवाद पर कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है.आईएएस अधिकारी व बाल विकास विभाग के सचिव वी. षणमुगम पर विभागीय मंत्री द्वारा तमाम सवाल उठाए गए, जिसके बाद सफेदपोश और नौकरशाही के बीच उठते विवाद पर तमाम सवाल किये जाने लगे थे.
मामला तूल पकड़ता देख मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्य सचिव ओम प्रकाश को इस मामले में जांच करने के आदेश दिए. इस पूरे मामले की जांच का जिम्मा आईएएस वी. षणमुगम की समकक्ष आईएएस मनीषा पंवार को दिया गया. ACS मनीषा पंवार ने तकरीबन एक महीने बाद नवंबर माह की शुरूआत में ही मुख्य सचिव को रिपोर्ट सौंपी. जिसके बाद ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए मुख्य सचिव ने कहा था कि राज्य स्थापना के मौके के बाद वह इस रिपोर्ट का विस्तृत अध्ययन करेंगे, साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि इस रिपोर्ट को मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा और उसके बाद ही कुछ स्पष्ट हो पाएगा.
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अब नवंबर महीने का आखिरी हफ्ता चल रहा है लेकिन अभी तक इस रिपोर्ट पर कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है. सूत्रों की मानें तो रिपोर्ट में आईएएस अधिकारी को क्लीन चिट दी जा चुकी है. वहीं पिछले कुछ दिनों से चर्चाएं यह भी हैं कि मुख्य सचिव द्वारा इस रिपोर्ट को कुछ तकनीकी खामियों के चलते वापस जांच अधिकारी को लौटाया गया है. लेकिन ईटीवी भारत से बातचीत में मुख्य सचिव ने कहा कि रिपोर्ट को वापस नहीं लौटाया गया है और रिपोर्ट उनके पास विचाराधीन है. जल्द ही वह इस रिपोर्ट का अध्ययन कर मुख्यमंत्री को सौंपेंगे.