देहरादून: बाजारों में आजकल बेमौसमी फल और सब्जियां देखने को मिल रही हैं. जिसे खाना आपके स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है. ऐसे फल और सब्जी जो सीजनल नहीं होते हैं उन्हें रसायनों का इस्तेमाल कर पकाया जाता है. इसके अलावा इन्हें ताजा रखने और दिखाने के लिए मोम और केमिकल्स की पॉलिश भी की जाती है. फलों पर की गई पॉलिश, पीलिया और आंतों से संबंधी बीमारियों का बहुत बड़ा कारण है.
डॉक्टरों का साफ कहना है कि अगर कोई आउट ऑफ सीजन फल खाता है तो वो उनके लिए घातक साबित हो सकता है. इनदिनों बाजार आम, केले और लीची से सजे हुए हैं. इन फलों को कारोबारी समय से पहले ही कैल्शियमकार्बाइड से पका कर बाजार में बेच रहे हैं. इनमें कुछ कोल्ड स्टोरेज के फ्रूट भी हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक हैं. आम, लीची पहली बारिश के बाद ही स्वत: पकती है. लेकिन, मार्केट में फलों को उतारने की जल्दी में लोग रसायनों का इस्तेमाल कर समय से पहले ही फलों को बेच रहे हैं.
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सीनियर फिजीशियन डॉक्टर केसी पंत का कहना है कि लोगों को सीजनल फल ही खाना चाहिए. आजकल हर फल हर सीजन में मिल रहे हैं, जिसका फायदा फल कारोबारी गलत केमिकल का इस्तेमाल कर बाजार तक पहुंचा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि आम का सीजन अभी भी नहीं आया है, लेकिन बाजार आमों से भरा पड़ा है. सेब के ऊपर पोलिश लगाकर उसकी चमक लंबे समय तक बरकरार रखने की कोशिश फल कारोबारी कर रह हैं. इसके अलावा फलों में इंजेक्शन लगाकर भी उन्हें पकाया या उनका आकार बढ़ाया जाता है. इस तरह के फल खाकर ही लोगों में बीमारी ज्यादा हो रही है.
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केसी पंत ने बताया कि कार्बाइड या फिर अन्य रसायन जो आम, केले और सेब पकाने में इस्तेमाल होते हैं उनसे पके फलों को खाने से उल्टी दस्त होती है. साथ ही किडनी को भी नुकसान पहुंचता है. कई बार तो इन रसायनों का दुष्परिणाम कैंसर के रूप भी ले लेता है.