देहरादूनः उत्तराखंड वन विभाग में आरक्षी पद पर प्रतीक्षा सूची से जुड़े अभ्यर्थियों ने एक बार फिर प्रदर्शन शुरू कर दिया है. हाल ही में वन मंत्री सुबोध उनियाल ने प्रतीक्षा सूची से जुड़े अभ्यर्थियों को तैनाती देने के लिए मामला कैबिनेट में लाने की बात कही थी. लेकिन अब तक इस प्रस्ताव को अंतिम मुहर ना लग पाने के चलते प्रतीक्षा सूची से जुड़े अभ्यर्थियों में नाराजगी बढ़ गई है.
वन आरक्षी पद पर प्रतीक्षारत अभ्यर्थियों का मामला वन विभाग के लिए गले की फांस बन गया है. दरअसल इस मामले में एक तरफ प्रतीक्षारत अभ्यर्थियों ने मोर्चा खोल दिया है तो वहीं दूसरी तरफ शासन स्तर पर भी इससे जुड़े प्रस्ताव को अंतिम मुहर नहीं लग पाई है. खास बात यह है कि इस प्रकरण में पहले एक बार अपना प्रदर्शन स्थगित करने वाले प्रतीक्षारत अभ्यर्थी अब फिर से वन विभाग के मुख्यालय में प्रदर्शन के लिए जुट गए हैं.
ये है मामला: उत्तराखंड वन विभाग ने पूर्व में वन आरक्षी पद पर भर्ती की थी. जिसमें करीब 160 अभ्यर्थियों ने नियुक्ति पत्र मिलने के बाद भी विभाग में ज्वाइनिंग नहीं ली थी. वन विभाग की तरफ से ऐसे अभ्यर्थियों को अंतिम मौका दिया गया.लेकिन इसके बावजूद भी इन अभ्यर्थियों ने वन विभाग में तैनाती नहीं ली. इसके बाद प्रतीक्षा सूची में शामिल 160 अभ्यर्थियों को इन पदों पर तैनाती दिए जाने को लेकर कदम बढ़ाया गया, लेकिन इन्हें तैनाती नहीं दी जा सकी.
वन विभाग ने आयोग को फिर भेजा अधियाचन: वन विभाग ने 160 अभ्यर्थियों को तैनाती दिए जाने की प्रक्रिया के दौरान ही वनाग्नि के बढ़ते मामलों और रिक्त पदों को भरने के लिए दोबारा से आयोग को अधियाचन भेज दिए और ये मामला तकनीकी रूप से फंस गया.
हालांकि, वन मंत्री के संज्ञान में मामला आने के बाद इस प्रकरण को कैबिनेट में लाकर ऐसे प्रतीक्षारत अभ्यर्थियों को तैनाती दिलाए जाने की बात की गई. फिलहाल अभी प्रस्ताव शासन स्तर पर बनाया गया है और कार्मिक विभाग से राय मांगी जा रही है. लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी यह मामला अधर में लटका होने के कारण अभ्यर्थियों ने एक बार फिर अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया है.
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