देहरादून: राजधानी देहरादून में कोविड-19 केयर सेंटर पर ड्यूटी लगाए जाने की प्रक्रिया सवालों के घेरे में हैं. सेंटर के नोडल अधिकारियों ने भी ड्यूटी लगाने में सेटिंग की बात कही है. ताज्जुब की बात ये है कि जिलाधिकारी कार्यालय समेत तमाम दूसरे विभागों ने नोडल अधिकारियों की इस शिकायत का कोई संज्ञान ही नहीं लिया.
कोरोना संक्रमित मरीजों की सुविधाओं को लेकर खुद की जान खतरे में डालकर काम करने वाले नोडल अधिकारी परेशानी में दिख रहे हैं. जिलाधिकारी कार्यालय में पहुंचकर कई नोडल अधिकारियों ने अपनी शिकायत भी दर्ज कराई है. नोडल अधिकारियों का आरोप है कि कोरोना-19 सेंटर्स पर ड्यूटी लगाए जाने के दौरान सेटिंग का खेल चल रहा है. शायद यही कारण है कि बार-बार महज कुछ ही शिक्षकों की बतौर नोडल अधिकारी सेंटर्स पर ड्यूटी लगाई जा रही है.
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नोडल अधिकारी शशि प्रभाकर ने कहा कि जिले में बड़ी संख्या में शिक्षक है, लेकिन कुछ ही शिक्षकों को बार-बार ड्यूटी दी जा रही है. जिससे सेटिंग के आधार पर ऐसा होने का अंदेशा हो रहा है.
एक तरफ सरकार कोरोना ड्यूटी में तैनात फ्रंटलाइन वॉरियर्स को सम्मानित कर उनके काम की तरीफ कर रही हैं. वहीं, दूसरी तरफ नोडल अधिकारियों की शिकायत पर जिलाधिकारी कार्यालय या स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. जिससे नोडल अधिकारी काफी परेशान हो रहे हैं.