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कई परिवारों में नहीं बने शौचालय और पूरा गांव हो गया शौच मुक्त, आखिर जिम्मेदार कौन?

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Published : Jan 16, 2020, 6:19 PM IST

ग्रामसभा चकजोगीवाला में ओडीएफ घोषित किया जा चुका है. इसके बावजूद भी इस ग्रामसभा के कई परिवारों के पास शौचालय नहीं है.

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बिना शौचालय का ओडीएफ गांव

ऋषिकेश: तीर्थनगरी में ओडीएफ यानी खुले में शौच मुक्त गांव को लेकर परत दर परत पोल खुलती जा रही है. ग्राम सभा गढ़ी मयचक के बाद ग्राम सभा चकजोगीवाला में ओडीएफ का ताजा मामला सामने आया है, यहां भी कई परिवार ऐसे हैं, जिनके पास शौचालय ही नहीं हैं. जबकि, उनको गांव मे रहते हुए 25 से 30 साल हो चुके हैं. एक के बाद एक गांव में ओडीएफ को लेकर जो तथ्य सामने आ रहे हैं, वो बेहद ही चौंकाने वाले हैं. साथ ही गांव को ओडीएफ घोषित करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर भी सवाल उठने लगे हैं.

बिना शौचालय का ओडीएफ गांव

कुछ दिन पहले ग्राम सभा गढ़ी मयचक में ओडीएफ यानी खुले में शौच मुक्त गांव को लेकर सरकार के दावों की पोल खुलती नजर आई. गढ़ी मयचक के मामले की जांच की बात करने वाले अधिकारियों ने अभी जांच शुरू भी नहीं की थी कि डोईवाला ब्लॉक के ऋषिकेश तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्रामसभा चकजोगीवाला में भी एक मामला सामने आया है.

पंचायत सदस्य मिथुन कश्यप ने बताया कि उनके वार्ड के कई घरों में शौचालय नहीं बने हैं. खास बात ये है कि जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि जो लोग छूट गए है, उनका शौचालय पुराना या टूट गया होगा. या फिर ये भी हो सकता है कि लोग योजना के बाद उस गांव में बसे हो. वहीं, प्रभावित परिवारों का कहना है कि वो करीब 30 सालों से गांव में रह रहे हैं.

ये भी पढ़ें: सेना में शामिल होने का सुनहरा मौका, उत्तराखंड के इस जिले में होने जा रही भर्ती रैली

लोक योजना अभियान के तहत चकजोगीवाला को भी ओडीएफ घोषित किया जा चुका है. इस गांव में भी योजना के तहत फार्म भी भरे गए, लेकिन शौचालय नहीं बने. खास बात ये है कि यहां कुछ लोगों के घरों में आधे-अधूरे शौचालय बने तो हैं लेकिन ये कार्य भी लोगों ने अपना धन खर्च करने के बाद कराया है. अब ऐसे में सवाल उठता है कि सरकार के स्वच्छता अभियान और ओडीएफ ग्राम घोषित किए जाने का आखिर कौन जिम्मेदार है?

ऋषिकेश: तीर्थनगरी में ओडीएफ यानी खुले में शौच मुक्त गांव को लेकर परत दर परत पोल खुलती जा रही है. ग्राम सभा गढ़ी मयचक के बाद ग्राम सभा चकजोगीवाला में ओडीएफ का ताजा मामला सामने आया है, यहां भी कई परिवार ऐसे हैं, जिनके पास शौचालय ही नहीं हैं. जबकि, उनको गांव मे रहते हुए 25 से 30 साल हो चुके हैं. एक के बाद एक गांव में ओडीएफ को लेकर जो तथ्य सामने आ रहे हैं, वो बेहद ही चौंकाने वाले हैं. साथ ही गांव को ओडीएफ घोषित करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर भी सवाल उठने लगे हैं.

बिना शौचालय का ओडीएफ गांव

कुछ दिन पहले ग्राम सभा गढ़ी मयचक में ओडीएफ यानी खुले में शौच मुक्त गांव को लेकर सरकार के दावों की पोल खुलती नजर आई. गढ़ी मयचक के मामले की जांच की बात करने वाले अधिकारियों ने अभी जांच शुरू भी नहीं की थी कि डोईवाला ब्लॉक के ऋषिकेश तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्रामसभा चकजोगीवाला में भी एक मामला सामने आया है.

पंचायत सदस्य मिथुन कश्यप ने बताया कि उनके वार्ड के कई घरों में शौचालय नहीं बने हैं. खास बात ये है कि जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि जो लोग छूट गए है, उनका शौचालय पुराना या टूट गया होगा. या फिर ये भी हो सकता है कि लोग योजना के बाद उस गांव में बसे हो. वहीं, प्रभावित परिवारों का कहना है कि वो करीब 30 सालों से गांव में रह रहे हैं.

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लोक योजना अभियान के तहत चकजोगीवाला को भी ओडीएफ घोषित किया जा चुका है. इस गांव में भी योजना के तहत फार्म भी भरे गए, लेकिन शौचालय नहीं बने. खास बात ये है कि यहां कुछ लोगों के घरों में आधे-अधूरे शौचालय बने तो हैं लेकिन ये कार्य भी लोगों ने अपना धन खर्च करने के बाद कराया है. अब ऐसे में सवाल उठता है कि सरकार के स्वच्छता अभियान और ओडीएफ ग्राम घोषित किए जाने का आखिर कौन जिम्मेदार है?

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ऋषिकेश--ओडीएफ यानि खुले में शौच मुक्त गांव को लेकर परत दर परत पोल खुलती जा रही है, ग्राम सभा गढ़ी मयचक के बाद ग्राम सभा चकजोगीवाला में ओडीएफ को ताजा मामला सामने आया है। यहां भी कई परिवार एसे हैं जिनके शौचालय ही नही हैं। जबकि उनको गांव मे रहते हुए 25 से तीस साल हो चुके हैं। एक के बाद एक गांव में ओडीएफ को लेकर जो तथ्य सामने आ रहे हैं वह बेंहद ही चैंकाने वाले तो है ही साथ ही गांव को ओडीएफ घोषित करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर सवाला उठने स्वाभाविक हैं। 


Body:वी/ओ--कुछ दिन पहले ग्राम सभा गढ़ी मयचक में ओडीएफ यानि खुले में शौच मुक्त गांव को लेकर सरकार के दावे की पोल खुलकर सामने आयी थी। गढ़ीमयचक का मामले की जांच की बात करने वाले अधिकारियों ने अभी जांच शुरू भी नही की थी कि डोइवाला ब्लाक के ऋषिकेश तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्रामसभा चकजोगीवाला में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया हैं यहां पंचायत सदस्य मिथुन कश्यप ने बताया कि उनके वार्ड के कई घरों में शौचालय नहीं बने हैं। खास बात यह है कि जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि जो लोग छूट गए होंगे उनका शौचालय पुराना होगा और टूट गया होगा या फिर यह भी हो सकता है कि लोग योजना के बाद उस गांव में बसे हों। जबकि प्रभावित परिवारों का कहना है कि वह करीब 30 वर्षों से गांव में रहते है। 


Conclusion:वी/ओ--लोक योजना अभियान के तहत चकजोगीवाला को भी ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। इस गांव में भी योजना के तहत फार्म भी भरे गए, लेकिन शौचालय नहीं बने। खास बात यह है कि यहां कुछ लोगों के घरों में आधे-अधूरे शौचालय बने जरूर हैं लेकिन यह कार्य भी लोगों ने अपना धन खर्च करने के बाद कराया है। सवाल यह उठता है कि सरकार के स्वच्छता अभियान व ओडीएफ ग्राम घोषित किए जाने का आखिर कौन जिम्मेदार है। जिम्मेदार अधिकारियों से सवाल पूछना चाहा तो वह कुछ भी कहने से बचते नजर आए। 

बाईट--ग्रामीण
बाईट--ग्रामीण
बाईट--ग्रामीण
बाईट--दीपक थापली(ग्राम विकास अधिकारी,साहबनगर)

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