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स्टैंड नहीं होने से ई-रिक्शा चालक परेशान, रोजाना कट रहा नो-पार्किंग का चालान - uttarakhand news

देहरादून में ई-रिक्शा चालकों को नहीं मिल रही वाहन खड़ी करने की जगह.

ई-रिक्शा चालक परेशान
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Published : Feb 19, 2019, 11:40 PM IST

देहरादून: पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए इन दिनों राजधानी की सड़कों पर करीब 1800 ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं. लेकिन चालकों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि पूरे शहर में ई-रिक्शे को व्यवस्थित तरीके से खड़े करने के लिए कोई स्टैंड नहीं है. इसकी वजह से चालक अपनी ई-रिक्शा को सड़क किनारे खड़ा करते हैं, जिससे जाम की स्थिति बन जाती.

स्टैंड नहीं होने से ई-रिक्शा चालक परेशान

देहरादून के ई-रिक्शा चालक से जब ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने बताया स्टैंड ने होने की वजह से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कोई विकल्प न होने की वजह से वो ई-रिक्शा को सड़क किनारे ही खड़ा कर देते हैं. इस वजह से आये दिन उनका चालान काटा जाता है.

ई-रिक्शा चालक ने अपना दर्द साझा करते हुए कहा कि पहले तो उनकी आमदनी काफी कम है, ऐसे में नो पार्किंग जोन में वाहन खड़े होने की वजह से आये दिन उनसे 500 रुपये तक का चालान वसूला जाता है. ई रिक्शा चालक ने कहा कि ये उनके साथ सरासर धोखा है. इतनी आमदनी दिनभर नहीं हो पाती है जितना सरकार चालान काट रही है.

देहरादून: पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए इन दिनों राजधानी की सड़कों पर करीब 1800 ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं. लेकिन चालकों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि पूरे शहर में ई-रिक्शे को व्यवस्थित तरीके से खड़े करने के लिए कोई स्टैंड नहीं है. इसकी वजह से चालक अपनी ई-रिक्शा को सड़क किनारे खड़ा करते हैं, जिससे जाम की स्थिति बन जाती.

स्टैंड नहीं होने से ई-रिक्शा चालक परेशान

देहरादून के ई-रिक्शा चालक से जब ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने बताया स्टैंड ने होने की वजह से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कोई विकल्प न होने की वजह से वो ई-रिक्शा को सड़क किनारे ही खड़ा कर देते हैं. इस वजह से आये दिन उनका चालान काटा जाता है.

ई-रिक्शा चालक ने अपना दर्द साझा करते हुए कहा कि पहले तो उनकी आमदनी काफी कम है, ऐसे में नो पार्किंग जोन में वाहन खड़े होने की वजह से आये दिन उनसे 500 रुपये तक का चालान वसूला जाता है. ई रिक्शा चालक ने कहा कि ये उनके साथ सरासर धोखा है. इतनी आमदनी दिनभर नहीं हो पाती है जितना सरकार चालान काट रही है.

Intro:देहरादून- पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने की दृष्टि से इन दिनों राजधानी की सड़कों पर लगभग 1800 ई-रिक्शाए दौड़ रही है। लेकिन वर्तमान में इन ई रिक्शा चालकों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि पूरे शहर में इनकी ई- रिक्शाओं को व्यवस्थित तरह से खड़े करने के लिए कोई स्टैंड की व्यवस्था नही की गई है। जिसके चलते ये लोग मजबूरन अपनी ई- रिक्शाओं को सड़क किनारे खड़े कर रहे हैं ।

ई रिक्शा स्टैंड ना होने के चलते परेशान चल रहे हैं देहरादून के ई रिक्शा चालक हो सजा हमने बात की तो उनका कहना था कि स्टैंड की कोई उचित व्यवस्था ना होने के चलते हुए खासे परेशान हैं कोई और दूसरा विकल्प ना होने के चलते जब उनके द्वारा ई-रिक्शा को सड़क किनारे खड़े किया जाता है तो पुलिस महकमे के लोग उनका चालान काट देते हैं। एक तो पहले ही उनकी आमदनी काफी कम है ऐसे में नो पार्किंग ज़ोन में वाहन खड़े करने की आड़ में पुलिस वालो द्वारा उनसे 500 रुपए तक का चालान वसूला जाता है। जॉन कीजिए पर किसी धोखे से कम नहीं है।

बाइट- ई रिक्शा चालक



Body:वहीं राजधानी की सड़कों पर दौड़ नहीं लगभग 1800 ई रिक्शाओ की स्टैंड की समस्या के संबंध में जब हमने एआरटीओ अरविंद पांडे से फोन पर वार्ता की तो उनका कहना था कि ई-रिक्शा हो या कोई भी अन्य पब्लिक कैरियर उनके लिए स्टैंड की व्यवस्था करना आरटीओ विभाग की जिम्मेदारी नहीं है। बल्कि यह उनकी खुद की जिम्मेदारी बनती है कि वो अपने लिए किसी उचित स्थान पर स्टैंड की व्यवस्था करें। उनके मुताबिक शहर में जितने भी ऑटो या टैक्सी चलती हैं सभी ने अपने लिए किराए की जमीन पर स्टैंड की व्यवस्था खुद की हुई है।

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Conclusion:बरहाल ई रिक्शा स्टैंड की व्यवस्था करना भले ही ई रिक्शा चालकों की अपनी जिम्मेदारी हो। लेकिन वर्तमान में जिस तरीके से राजधानी की सड़कों के किनारे जगह-जगह ई-रिक्शा बेतरतीब तरह से खड़ी नजर आती हैं उससे कहीं ना कहीं आम जनता को खासी परेशानी होती हैं । स्थिति कुछ ये है की अक्सर सड़क किनारे खड़े यह ई रिक्शा संकरी सड़कों में जाम का एक बड़ा कारण बन जाते हैं।

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